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सेना का भरोसा आया युद्धग्रस्त Congo में काम

Major Radhika Sen with local children during her tenure in war-torn Congo.

भारतीय सेना के भरोसे के चलते ही युद्धग्रस्त कांगो में महिलाओं और बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार से जैसे अहम मुद्दों पर जागरूकता पैदा कर पाई हूं. ये कहना है संयुक्त राष्ट्र के मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवार्ड से सम्मानित होने वाली शांति-रक्षक मेजर राधिका सेन का. 

बुधवार को यूएन पीसकीपिंग दिवस (29 मई) के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारतीय सेना की अधिकारी मेजर राधिका सेन को इस प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित किया. यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भर बनाने और लैंगिक समानता (जेंडर इक्वलिटी) को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों का सम्मान करता है.

पिछले एक साल से (मार्च 2023-अप्रैल 2024) मेजर राधिका संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में अफ्रीका के डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में एक मिशन (एमओएनयूएससीओ) में तैनात थी. इंडियन रेपिडली डेप्लॉयड बटालियन की कमांडर होने के नाते मेजर राधिका ने असाधारण प्रतिबद्धता और उल्लेखनीय नेतृत्व का प्रदर्शन किया था.
मेजर राधिका के नेतृत्व में 20 महिला सैनिक और 10 पुरुष सैनिक थे. इस दौरान मेजर राधिका की सैन्य टीम ने कांगो में लैंगिक समानता, बच्चों की देखभाल, शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शैक्षिक सेमिनार आयोजित किए. कौशल विकास यानि स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों के साथ, इन पहलों ने स्थानीय लोगों की आत्मनिर्भरता को बढ़ाया है, साथ ही विश्वास को बढ़ावा दिया है और कुशल सूचना एकत्र करने की सुविधा प्रदान की है. यूएन में भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन ने देश का गौरव बढ़ाया है. कांगो में UN मिशन में सेवा देने वाली भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को प्रतिष्ठित मिलिट्री जेंडर एडवोकेट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है (https://x.com/neeraj_rajput/status/1796217458551935377).

मेजर राधिका हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के एक छोटे से शहर सुंदर नगर से आती हैं. उनके माता-पिता दोनों रिटायर होने से पहले राज्य सरकार के लिए शिक्षक के रूप में काम करते थे. उनकी छोटी बहन एनेस्थीसिया में डिग्री हासिल करने के लिए काम कर रही है. सुंदर नगर में अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद मेजर सेन अपनी आगे की स्कूली शिक्षा के लिए चंडीगढ़ गयी थी. भारतीय सेना में भर्ती होने से पहले, वह आईआईटी मुंबई में एम.टेक की पढ़ाई कर रही थीं, जहां उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की.

सितंबर 2016 में मेजर राधिका ने भारतीय सेना की आर्मी सर्विस कोर (सेना सेवा कोर) में शामिल हुई थी. सेना में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में कठिन परिस्थितियों में सेवा की है. 

सम्मानित होने के बाद मेजर राधिका सेन ने बताया कि उन्होंने अपनी सेंकड-इन-कमांड मेजर सौम्या सिंह और उनके निरंतर समर्थन और उनके द्वारा दिए गए दिशा पर चलने की कितनी सराहना की. उन्होंने डीआरसी में सेवा करने का मौका देने और उन पर विश्वास करने के लिए भारतीय सेना के प्रति भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने अपने माता-पिता के प्रोत्साहन और समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रेरित किया (शांति-रक्षक मेजर राधिका सेन को UN सम्मान).

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