TheFinalAssault Blog Alert Breaking News Tri-Service कमांड के लिए गजट जारी
Alert Breaking News Classified Documents

Tri-Service कमांड के लिए गजट जारी

Tri-services at 'Parivartan Chintan' conference at South Block.

देश की सशस्त्र सेनाओं के लिए साझा थिएटर कमांड बनाने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद इंटर-सर्विस, ऑर्गेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) एक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके मायने ये हैं कि अब टॉप कमांडर सेना के तीनों अंगों के किसी भी सैनिक और अधिकारी को लेकर अहम फैसला ले सकते हैं. पहले ये अधिकार तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अपनी-अपनी सर्विस के लिए था. 

दरअसल, अभी तक सेना के तीनों अंग अलग-अलग कंपार्टमेंट में काम करते थे. ऐसे में अगर थलसेना का कोई अधिकारी वायुसेना या फिर नौसेना के किसी टॉप कमांडर के अधीन कार्यरत था, तो कमांड एंड कंट्रोल में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. कमांडर दूसरी सर्विस के सैन्य अधिकारी (या सैनिक) को सीधे कोई कमांड नहीं दे पाता था. इसके लिए पैरेंट सर्विस से मंजूरी लेनी होती थी. क्योंकि अब थिएटर कमांड बनाने की दिशा में तेजी आ रही है ऐसे में तीनों सर्विस के अधिकारी और सैनिक मिली-जुली कमांड में अपनी सेवाएं देंगे. इसके लिए बेहद जरुरी था कि कोई भी टॉप कमांडर (किसी भी सर्विस का हो) वो दूसरी सर्विस के सैनिकों को कमांड और कंट्रोल कर सकता है. 

 गजट नोटिफिकेशन की जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अंतर-सेवा संगठनों (आईएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कामकाज को बढ़ावा देने के लिए, विधेयक को 2023 के मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था. इस बिल को 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. ऐसे में अब इसको लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. 

ये गजट नोटिफिकेशन ऐसे समय में सरकार ने जारी किया है जब सीडीएस जनरल अनिल चौहान की अध्यक्षता में दो दिवसीय (9-10 मई) परिवर्तन चिंतन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था. इस चिंतन शिविर का उद्देश्य ट्राई-सर्विस यानी तीनों सैन्य अंगों के एकीकृत कमांड और संस्थानों से जुड़ी पहल और मुद्दों की समीक्षा करना था. सीडीएस के अलावा सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और टॉप कमांडर्स ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था (थिएटर कमांड को लेकर CDS सख्त, चिंतन शुरु).

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नए कानून के तहत सैन्य कमांडर्स (कमांडिंग इन चीफ) और ऑफिसर्स इन कमांड को इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन (आईएसओ) के अधीन सैन्य कर्मियों पर अनुशासनिक और प्रशासनिक नियंत्रण रखने का अधिकार देता है, वो भी व्यक्तिगत (पैरेंट) सर्विस की सेवा-शर्तों को नुकसान पहुंचाएं. 

फिलहाल देश में सेना के तीनों अंगों की कुल 17 कमांड हैं. लेकिन सरकार चाहती है कि चीन, अमेरिका और रुस की तर्ज पर उन्हें मिलकर तीन-चार कमांड बना दी जाएं ताकि सशस्त्र सेनाओं का एकीकरण हो जाएं और उनके ऑपरेशन संयुक्त रूप से हो सके. हालांकि, अभी भी देश में दो ऐसी कमांड है जो ट्राई-सर्विस हैं—अंडमान एंड निकोबार कमांडर और स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (एसएफसी).

गौरतलब है कि सत्तारढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आम चुनावों (2024) के लिए जारी अपने संकल्प-पत्र (घोषणा पत्र) में थिएटर कमांड बनाने को प्रमुखता से स्थान दिया है.

Exit mobile version