Poster of main accused wearing cap issued by NIA during initial investigation.
बेंगलुरु के मशहूर रामेश्वरम कैफे में बम धमाके करने के मुख्य आरोपी मुसाविर शाजिब को उसके साथी आतंकी अब्दुल मतीन ताहा के साथ एनआईए ने गिरफ्तार करने का दावा किया है. एनआईए के मुताबिक, दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी कोलकाता से हुई है जहां दोनों नाम और पहचान बदलकर छिपे हुए थे. शाजिब और ताहा की गिरफ्तारी के साथ ही नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 42 दिन बाद बेंगलुरु धमाके की गुत्थी सुलझा ली है.
कोलकाता में छिपे थे मुसाविर शाजिब और अब्दुल मतीन एनआईए ने धमाकों को अंजाम देने वाले 10-10 लाख के इनामी आतंकी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा को पकड़ लिया है. ये दोनों वही आतंकी हैं, जिन्होंने 1 मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड के रामेश्वरम कैफे में धमाका किया था. मुसाविर ही वो आतंकी है, जिसने कैप पहनकर रामेश्वरम कैफे में बम रखा था. सूत्रों के मुताबिक एनआईए की टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि शाजिब और ताहा दोनों कोलकाता में छिपे हुए हैं. जांच के दौरान कोलकाता के एक ठिकाने पर पहुंची, जहां दोनों संदिग्ध फर्जी नामों से रह रहे थे. NIA, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में शाजिब और ताहा दोनों ही वांटेड आतंकियों को हिरासत में ले लिया.
गिरफ्तार संदिग्ध ने खोले आतंकियों के राज़ बेंगलुरु में हुए धमाके के बाद से ही एनआईए एक्शन में है. जांच एजेंसियों ने धमाके के करीब 28 दिनों बाद मुजम्मिल शरीफ नाम के एक साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया था. मुजम्मिल शरीफ ने ही धमाके का सामान शाजिब और मतीन ताहा को मुहैया कराया था. मुजम्मिल को पकड़ने के लिए एनआईए ने तीन राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 18 जगहों पर ताबड़तोड़ छापा मारा था. मुजम्मिल के ठिकाने से कैश के अलावा कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए थे.
कैप से खुली पोल, कोलकाता में कौन मददगार ? जांच एजेंसी ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मुख्य आरोपी (जिसने बम रखा) मुसाविर शाजिब हुसैन की पहचान की थी. कैप पहन कर धमाके को अंजाम देने वाले संदिग्ध की पोल कैप ने ही खोली थी. मौके के पास जांच एजेंसी को कैप मिली थी. कैप के जरिए एजेंसी उस दुकान पर पहुंची थी, जहां से उसने कैप खरीदी थी. कैप में मिले बाल के जरिए शाजिब के माता-पिता से डीएनए का मिलान किया गया, शाजिब की पहचान की पुष्टि के बाद दूसरे साजिशकर्ता अब्दुल मतीन ताहा की भी पहचान कर ली गई थी. अब्दुल मतीन ताहा एक दूसरे मामले में एनआईए का वांटेड था. एनआईए को शक था कि बेंगलुरु जेल में बंद आतंकी टी नजीर ने ही बम धमाके की साजिश रची थी. लिहाजा एजेंसी ने नजीर से भी पूछताछ की थी. क्योंकि जांच एजेंसियों को यकीन है कि जेल के अंदर ही टी नजीर ने युवाओं का ब्रेनवॉश किया था. बहरहाल मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा से एनआईए पूछताछ कर रही है. एनआईए कोलकाता में उस शख्स की भी तलाश कर रही है, जिसने दोनों की मदद की. आने वाले दिनों में और आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है.