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यूक्रेन सीमा पर रुस का एटमी युद्धाभ्यास शुरु, दुनिया सकते में

Screenshot of Russian tactical nuclear drill video.

यूक्रेन और पश्चिमी देशों को लगातार पस्त करते व्लादिमीर पुतिन क्या अब रूस की परमाणु युद्ध की तैयारी में जुट गए हैं ? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि यूक्रेन सीमा पर रूस ने टेक्टिकल न्यूक्लियर ड्रिल शुरु कर दी है. रूस की टेक्टिकल परमाणु हथियारों की ये ड्रिल यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में हो रही है. रूस की न्यूक्लियर ड्रिल का जो वीडियो सामने आया है, उसने यूक्रेन के साथ-साथ पश्चिमी देशों में हड़कंप मचा दिया है. 

वीडियो में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस मिग-31 फाइटर जेट और इस्कंदर मिसाइल दिखाई पड़ रही हैं. राष्ट्रपति पुतिन ने एक बार फिर से रूस की सत्ता संभालने के बाद न्यूक्लियर हथियारों से अभ्यास का आदेश दिया था. पुतिन ने न्यूक्लियर ड्रिल का आदेश उस वक्त दिया था जब अमेरिका और फ्रांस जैसे पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को लेकर रूस को धमकी दी थी. यहां तक कि फ्रांस ने रूस के खिलाफ जंग के लिए यूक्रेन में अपने सैनिक भी भेज दिए थे.

परमाणु युद्ध की तैयारी में हैं पुतिन ?
रूस की सेना ने यूक्रेन के पास गैर-सामरिक परमाणु हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास शुरू किया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने अभ्यास की जानकारी देते हुए कहा कि “नए अभ्यास के पहले चरण में गैर रणनीतिक परमाणु हथियारों की तैयारी और उपयोग के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है. ड्रिल में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम किंजल और इस्कंदर मिसाइल शामिल हैं. दक्षिणी सैन्य जिले की मिसाइल संरचना इस्कंदर परिचालन-सामरिक मिसाइल प्रणाली के लिए विशेष गोला-बारूद प्राप्त करने, लॉन्चर को इससे लैस करने और मिसाइलों को लॉन्च करने की तैयारी के लिए गुप्त रूप से एक क्षेत्र में प्रशिक्षण लेती हैं.”
रूसी रक्षा मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी करते हुए बताया है कि रूसी संघ के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ (पुतिन) के निर्देशों के अनुसार, रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के मार्गदर्शन में दक्षिणी सैन्य जिले में अभ्यास शुरु हुआ है. अभ्यास में इस्कंदर के अलावा शामिल रूसी एयरोस्पेस बलों की विमानन इकाइयां किंजल एरोबॉलिस्टिक हाइपरसोनिक मिसाइलों सहित विमानन हथियारों में विशेष वारहेड संलग्न करने और टारगेटेड गश्ती क्षेत्रों में उड़ानें भरने के लिए प्रशिक्षण लेती हैं. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1793129023822070047).

पश्चिमी देशों को जवाब है न्यूक्लियर ड्रिल: रूसी रक्षा मंत्रालय
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि “रूसी संघ के खिलाफ कुछ पश्चिमी अधिकारियों द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों और धमकियों के जवाब में रूसी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की बिना शर्त रक्षा करना है. इस अभ्यास का उद्देश्य प्रतिक्रिया के लिए गैर-रणनीतिक परमाणु हथियारों की लड़ाकू इकाइयों के कर्मियों और उपकरणों की तत्परता बनाए रखना है.”  रूसी अधिकारियों ने कहा कि “यह पश्चिम के लिए एक चेतावनी है कि वे तनाव को और न बढ़ाएं.”

रूस कहां पर कर रहा है न्यूक्लियर अभ्यास ?
पश्चिमी देशों के जवाब में शुरु की गई रूस की न्यूक्लियर ड्रिल दक्षिणी सैन्य जिले में हो रही है, जिसमें दक्षिण में रूसी क्षेत्र शामिल हैं. साउथ मिलिट्री डिस्ट्रिक का मुख्यालय डोनबास से सटे रोस्तोव ऑन डॉन में है. इसमें यूक्रेन की सीमा पर स्थित क्षेत्र क्रीमिया भी है, जिसे 2014 में रूस में मिला लिया गया था. डोनबास के चार क्षेत्रों में भी ये ड्रिल की जा रही है जिन पर रूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान साल 2022 में कब्जा किया था–दोनेत्स्क, लुहांस्क, मारियूपोल, जपोरिजिया.

न्यूक्लियर ड्रिल की जरूरत क्यों पड़ी, जानिए बैकग्राउंड ?
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने न्यूक्लियर अभ्यास के आदेश के बैकग्राउंड को समझना भी बेहद जरूरी है. 6 मई को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आदेश तब दिया था जब फ्रांस ने यूक्रेन में पहली बार अपनी सेना भेज दी थी. फ्रांस की सेना को यूक्रेन की सेना के समर्थन में स्लावयांस्क में तैनात किया गया है. यूक्रेन में फ्रांस ने अभी 100 सैनिकों की टुकड़ी भेजी है. पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने ऐलान किया था जरूरी पड़ा तो यूक्रेन की रक्षा के लिए फ्रांस अधिक सैनिकों को भी भेज सकता है. कहा जा रहा है कि फ्रांस तकरीबन 2000 सैनिकों की तैनाती की तैयारी में हैं. उस वक्त फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने यहां तक कहा था कि “यूक्रेन से रूस के सैनिकों को खदेड़ने के लिए एक बड़े ग्राउंड ऑपरेशन की जरूरत है चाहे वह जैसा भी हो.”

मैक्रों के बयान के बाद पुतिन ने पलटवार करते हुए कहा था कि “अगर नाटो ने यूक्रेन की मदद के लिए सेना भेजी तो परमाणु युद्ध का ख़तरा बढ़ सकता है.” रूसी राष्ट्रपति ने अपने सालाना संबोधन में फ्रांस को ललकारते हुए कहा था कि “जिसने भी हमारे देश में सेना भेजी है, उसका हश्र हमें याद है. अब अगर किसी ने ऐसा किया तो हाल और बुरा होगा. अमेरिका और यूरोप को ये समझ लेना चाहिए कि हमारे पास भी ऐसे हथियार हैं, जो उनके ठिकानों को निशाना बना सकते हैं.”

बहरहाल पुतिन के आदेश के बाद न्यूक्लियर ड्रिल शुरु हो चुकी है. अबतक ऐसी ड्रिल सीक्रेट रखी जाती थी, पर पुतिन ने पश्चिमी देशों को डराने के लिए न्यूक्लियर ड्रिल को सार्वजनिक कर दिया है. पुतिन के इस एक्शन के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ना लाजमी है.

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