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Sig Sauer राइफल की अतिरिक्त खेप की तैयारी, पन्नू मामले से भारत और अमेरिका के संबंधों में आई है दरार

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खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले की तनातनी के बीच भारत ने अमेरिका से 73 हजार अतिरिक्त सिग-सॉर राइफल्स खरीदने का फैसला किया है. भारतीय सेना पहले से ही 72 हजार सिग-सॉर राइफल्स इस्तेमाल कर रही है जिन्हें जम्मू कश्मीर में काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन और चीन से सटी एलएसी पर तैनात सैनिक इस्तेमाल कर रहे हैं. 

जानकारी के मुताबिक, भारत ने जो 73 हजार अतिरिक्त सिग-सॉर (सिग-716) राइफल्स का ऑर्डर दिया है उसकी कीमत करीब 800 करोड़ है. इससे पहले वर्ष 2019 में भी भारत ने 72,400 अमेरिकी राइफल्स का ऑर्डर दिया था और जिनकी डिलीवरी भी हो चुकी है. रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद ने अतिरिक्त सिग-सॉर खरीदने को हाल ही में झंडी दी है.  

हालांकि, वर्ष 2019 में भारत और रुस ने उत्तर प्रदेश के कोरवा (अमेठी) में एके-203 असॉल्ट राइफल के उत्पादन के लिए करार किया था. लेकिन एके-203 राइफल्स की डिलीवरी में हो रही देरी के चलते ही भारत ने अतिरिक्त सिग-सॉर राइफल खरीदने का फैसला किया है. हालांकि, इस साल के शुरुआत में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और रूस ने जल्द एके-203 राइफल की डिलीवरी का दावा किया था लेकिन मेक इन इंडिया के तहत बनने वाली स्वदेशी एके-203 सीरीज राइफल की देरी के चलते ही अतिरिक्त सिग-सॉर राइफल खरीदी जा रही हैं. स्वेदशी एके-203 की डिलीवरी में हो रही देरी के चलते ही भारत ने रूस से सीधे एके-103 राइफल भी ओवर द सेल्फ खरीदी थीं. 

सिग-सॉर 7.62 X 39 एमएम कैलिबर की राइफल है जिसकी रेंज करीब 600 मीटर है. जबकि भारतीय सेना जो अभी बहुतायत इनसास राइफल जो इस्तेमाल करती है वो 5.56 X 51 एमएम राइफल है. यही वजह है कि सिग-सॉर की मारक क्षमता काफी ज्यादा है और इसे स्नाइपर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 

हालांकि, सिग-सॉर की पहली खेप में कुछ तकनीकी खामियां की रिपोर्ट सामने आई थी लेकिन रिपीट-ऑर्डर से साफ हो गया है कि अमेरिकी राइफल्स में कोई खास दिक्कत नहीं है. सिग-सॉर की एम्युनेशन (गोलियां) भारत में ही ऑर्डनेंस फैक्ट्रियां ही तैयार करती हैं.  

अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूू की हत्या की साजिश रचने के मामले में हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के संंबंधों में थोड़ी खटास आई है. पिछले महीने ही अमेरिका ने चेक गणराज्य से भारतीय मूल के एक नागरिक निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या के लिए एक भाड़े के हत्यारे को खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अमेरिका की पुलिस के मुताबिक, निखिल गुप्ता ने जिस भाड़े के हत्यारे को पैसे देकर खरीदने की कोशिश की थी वो दरअसल, अमेरिका का एक ही अंडरकवर एजेंट था. अमेरिकी पुलिस ने इस मामले में भारत के एक सरकारी अधिकारी को भी आरोपी बनाया है. 

माना जा रहा है पन्नू के मामले के चलते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले महीने गणतंत्र दिवस समोराह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने से इंकार कर दिया है. अमेरिका ने इसके साथ ही अगले महीने राजधानी दिल्ली में होने वाली क्वाड समूह की बैठक को स्थगित करने का आग्रह किया है. भारत और अमेरिका के अलावा जापान और आस्ट्रेलिया भी इस गठबंधन का हिस्सा है जो मुख्य तौर पर चीन की घेराबंदी करने के इरादे से बनाया गया था. 

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