TheFinalAssault Blog Alert Breaking News अरुणाचल पर भारत के साथ Uncle Sam
Alert Breaking News Conflict Geopolitics India-China Indo-Pacific LAC

अरुणाचल पर भारत के साथ Uncle Sam

File

अरुणाचल प्रदेश से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीन के किसी भी प्रयास का भारत के साथ-साथ अमेरिका भी विरोध करने के लिए तैयार है. पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे को लेकर चीन की आपत्ति पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. 

अक्सर भारत के अभिन्न हिस्से अरुणाचल प्रदेश को अपने देश के नक्शे में दिखाने वाले चीन को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है. चीन अरुणाचल प्रदेश को ‘जंगनान’ नाम देते हुए हमेशा अपना दावा करता है पर अब अमेरिका ने भी कह दिया है कि अरुणाचल प्रदेश चीन का नहीं भारत का अभिन्न हिस्सा है. 

नौ (09) मार्च को पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से बौखलाए चीन ने कहा था कि बीजिंग अरुणाचल प्रदेश पर भारत के अवैध रूप से कब्जे का पुरजोर विरोध करता है. चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना राज्य जंगनान बताते हुए अक्सर बयानबाजी करता है. पर चीन के इस बयान के बाद अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका के बयान के बाद चीन बौखला गया है.

अमेरिका की दो टूक, चीन की हेकड़ी निकली
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में अरुणाचल प्रदेश को लेकर बयान जारी किया है. चीन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बदलने के किसी भी सैन्य या नागरिक प्रयास का मजबूती से विरोध करते हैं.” दरअसल, अरूणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग तो अमेरिका हमेशा से कहता आया है. लेकिन इस बार बयान इसलिए अहम है क्योंकि वाशिंगटन ने साफ कह दिया है कि एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का अमेरिका भरपूर विरोध करता है (https://x.com/snehamordani/status/1770693381041348937?s=20).

अमेरिका का ये बयान चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग के उस बयान के बाद आया है, जिसमें चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया था. अमेरिका के बयान पर चीन ने कड़ा ऐतराज जताया है. ग्लोबल टाइम्स  के माध्यम से चीन ने अमेरिका के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है पर भारत से शांति की अपील की है. एक आर्टिकल के जरिए कहा गया है कि “अमेरिका का ये बयान ऊपरी तौर पर तो भारत की मदद करता दिखाई देता है, लेकिन ये दिल्ली के लिए जहरीला पेय (टॉक्सिक ड्रिंक) है. क्या भारत जहर लेगा? चीन उम्मीद करता है कि भारत शांत और संयमित रहेगा.”

दो साल अमेरिका ने अरूणाचल प्रदेश की संस्कृति और रिवाज को लेकर एक वेबसाइट भी जारी की थी. उस दौरान भी चीन मन-मसोस कर रह गया था. 

‘अरुणाचल भारत का हिस्‍सा था, है और रहेगा’
अरुणाचल प्रदेश में भारतीय नेताओं के दौरे का हमेशा से चीन विरोध करता रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने नौ मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर निर्मित सेला सुरंग का उद्धाटन किया था. सेला सुरंग रणनीतिक रूप से भारत के लिए बेहद अहम है. सेला सुरंग तवांग तक हर मौसम में सफर किया जा सकेगा. और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की बेहतर आवाजाही हो सकेगी. 
पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर चीन ने भारत के सामने विरोध दर्ज कराया था. चीन के विदेश मंत्रालय वांग वेनबिन ने कहा था कि इससे भारत-चीन का सीमा विवाद और बढेगा. वेनबिन ने कहा था कि चीन के जंगनान को डेवलप करने का भारत का कोई अधिकार नहीं है. वेनबिन पर पलटवार करते हुए केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि “हमे अपने क्षेत्र को विकसित करना हमारा संप्रभु अधिकार है और कोई भी हम पर आपत्ति नहीं कर सकता. 

ऐतिहासिक रूप से हमारा चीन के साथ कोई जुड़ाव या संबंध नहीं है, इसलिए अरुणाचल के चीन का हिस्सा होने का कोई सवाल ही नहीं है.” भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा था कि चीन के बेतुके दावों को कोई मतलब नहीं है. अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. किसी भी दूसरे देश का भारत के हिस्से पर अधिकार जताना अस्वीकार्य है. 

(https://youtu.be/7eCtUWOkoac?si=bOCvx-NU7_zVXvMR)

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
Exit mobile version