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सेना को 100 करोड़ के C-UAV सप्लाई

Courtesy: AXISCADES

By Akansha Singhal

भारतीय सेना को अब ड्रोन के साथ-साथ काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी मिलने शुरु हो गए हैं. बेंगलुरु स्थित ‘एक्सिस्केड्स टेक्नोलॉजीज’ नाम की स्वदेशी कंपनी ने दावा किया है कि भारतीय सेना को 100 करोड़ के ‘मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम’ (एमपीसीडीएस) की सप्लाई की गई है. 

एक्सिस्केड्स के मुताबिक, “एमपीसीडीएस पूरी तरह से देश में निर्मित है और भारतीय रक्षा क्षमताओं में एक गेम-चेंजर के रूप में उभर रहा है. यह सिस्टम कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल है, बैटरी और मेन पावर दोनों पर काम करता है. इसके अलावा अलग-अलग प्रकार के ड्रोन का पता लगाने और जाम करने की क्षमता रखता है. यह सिस्टम 5 किलोमीटर तक की दूरी में कमांड और कंट्रोल तथा नेविगेशन सहित कई फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम को कवर करता है.”

दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध हो या आर्मेनिया-अजरबैजान युद्ध या फिर इजरायल-हमास जंग, ड्रोन वारफेयर आज के आधुनिक युद्ध-शैली में गेम-चेंजर साबित हो रहा है. आंकड़ों की मानें तो पिछले दो सालों में यानी जब से रुस-यूक्रेन जंग शुरु हुई है, तब से लेकर अब तक दोनों देश अब तक करीब 35 हजार ड्रोन तबाह कर चुके हैं. रुस का दावा है कि फरवरी 2022 से लेकर अब तक यूक्रेन के 25 हजार ड्रोन और यूएवी को मार गिराया गया है. जबकि यूक्रेन का दावा है कि उसने अब तक रुस के दस हजार ड्रोन तबाह किए हैं. यूक्रेन की मजबूत ड्रोन-प्रणालियों और तकनीक के चलते ही रुस को जेलेंस्की की सेना को हराने में पसीने छूट रहे हैं जबकि पुतिन की सेना कई गुना बड़ी है और मजबूत भी मानी जाती है. यही वजह है कि भारतीय सेना भी ड्रोन वारफेयर के लिए कमर कस रही है. क्योंकि चीन ने भी ‘ड्रेस्ट्रेक्टिव-टेक्नोलॉजी’ में काफी महारत हासिल कर रखी है (Drone वारफेयर के लिए सेना ने कसी कमर, एविएशन स्कूल से यूएवी पायलट पास आउट).

दरअसल, भारतीय रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) ने अपनी काउंटर यूएवी क्षमताओं को बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें अगले पांच वर्षों में भारत में 3,000 करोड़ रुपये का अवसर है. एक्सिस्केड्स जैसी कंपनियां इस पहल में एक प्रमुख खिलाड़ी हैं और अपने काउंटर-अनमैन्ड एरियल व्हीकल (सी-यूएवी) सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं, जिससे घरेलू और वैश्विक बाजार के अवसरों को हासिल करने की स्थिति मजबूत हो रही है.

बैंगलोर स्थित कंपनी का दावा है कि ‘एक्सिस्केड्स एक अग्रणी तकनीक और इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करने वाली कंपनी है, जो दुनिया भर में अभिनव, टिकाऊ और सुरक्षित उत्पादों के निर्माण में सहायता करता है. एयरोस्पेस, रक्षा, ऑटोमोटिव और औद्योगिक उत्पाद उद्योगों में कंपनी का गहरा अनुभव है और यह फॉर्च्यून 500 कंपनियों के लिए संपूर्ण उत्पाद विकास जीवन चक्र को कवर करती है. कंपनी की 3200 से अधिक पेशेवरों की एक विविध टीम है जो वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है.”

एक्सिस्केड्स के सीईओ और प्रबंध निदेशक अरुण कृष्णमूर्ति ने इस महत्वपूर्ण विकास पर टिप्पणी करते हुए कहा,”यह ऑर्डर स्वदेशी सैन्य प्रौद्योगिकी को उन्नत करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक मील का पत्थर है. हमें गर्व है कि हम मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम की डिलीवरी के साथ अपने सशस्त्र बलों की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं. यह सिस्टम भारतीय रक्षा बलों में मैन पोर्टेबल श्रेणी में शामिल होने वाला पहला काउंटर ड्रोन सिस्टम है और इसे भारतीय सेना के विभिन्न कमांडों में कई स्थानों पर तैनात किया जा रहा है. हम उन्नत सुरक्षा समाधान प्रदान करना जारी रखेंगे और भारत को रक्षा इंजीनियरिंग में आत्मनिर्भर बनाएंगे.” [Drone warfare में गच्चा, रुस-यूक्रेन जंग से सीख जरुरी (TFA Analysis)]

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