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रुस बॉर्डर पर NATO की सबसे बड़ी एक्सरसाइज संपन्न

Courtesy: Social Media

By Akansha Singhal

रुस-यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो देशों का ‘कोल्ड वार’ के बाद सबसे बड़ा युद्धाभ्यास संपन्न हो गया है. ‘स्टीडफास्ट डिफेंडर’ नाम का ये युद्धाभ्यास पूरे चार महीने तक चला जिसमें 32 नाटो देशों के 1000 से अधिक कॉम्बेट व्हीकल, 50 से अधिक युद्धपोत,  80 से अधिक एयरक्राफ्ट और 90,000 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया. 

‘स्टीडफास्ट डिफेंडर 2024’ युद्धाभ्यास, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नाटो सहयोगियों के बीच अटूट बंधन को दर्शाता है, जिन्होंने 75 वर्षों से एक अरब से अधिक लोगों को सुरक्षित रखा है. चार महीने के इस कठोर पैन-एलायंस प्रशिक्षण के दौरान, सहयोगियों ने दिखाया कि वे गठबंधन में अटलांटिक के दोनों किनारों से सेना को तेजी से कैसे तैनात कर सकते हैं. प्रशिक्षण का ध्यान रणनीतिक से लेकर परिचालन और सामरिक तक कमान के सभी स्तरों पर तत्परता को बढ़ावा देने पर था.

स्टीडफास्ट डिफेंडर 2024, विलनियस शिखर सम्मेलन में बनाई गई नई क्षेत्रीय रक्षा योजनाओं को लागू करने वाली पहली बड़ी नाटो अभ्यास यात्रा थी. जनरल क्रिस्टोफर जी कैवोली, एलाइड कमांडर (यूरोप), ने कहा कि “अभ्यास स्टीडफास्ट डिफेंडर ने यूरोप और उत्तरी अमेरिका में NATO सहयोगियों के बीच ट्रांस-अटलांटिक बंधन की अविश्वसनीय ताकत का प्रदर्शन किया.”

स्टीडफास्ट डिफेंडर अभ्यास दो भागों में हुआ. पहले भाग में उत्तरी अमेरिका से यूरोप महाद्वीप में सैनिकों की रणनीतिक तैनाती का पूर्वाभ्यास किया गया, जिसमें समुद्री-केंद्रित लाइव अभ्यास शामिल था. दूसरे भाग में यूरोप में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सैन्य क्षमताओं का बहु-डोमेन प्रदर्शन था (https://x.com/USNATO/status/1800794944572940672).

स्टीडफास्ट डिफेंडर 2024 के दौरान कई महीनों और हजारों किलोमीटर तक मध्य और पूर्वी यूरोप में जटिल बहु-डोमेन ऑपरेशनों का समन्वय, संचालन और रखरखाव किया गया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि योजनाओं, अवधारणाओं और तत्परता का तनाव-परीक्षण करने और हमारी परिचालन सुसंगतता और एकता बनाए रखने के लिए इस पैमाने और महत्वाकांक्षा पर जटिल अभ्यास करना चाहिए.”

नाटो अभ्यास पहले से योजनाबद्ध हैं और दायरे, अवधि और रूप में अलग-अलग हैं. ये अभ्यास यह सुनिश्चित करते हैं कि गठबंधन जब भी और जहां भी आवश्यक हो, और किसी भी स्थिति में अपनी आबादी की रक्षा के लिए तैयार है.

स्टीडफास्ट एक्सरसाइज के बाद सभी सहयोगी रक्षा मंत्री नाटो-समिट से पहले सदस्य देशों के रक्षा मंत्री बैठक के लिए वाशिंगटन में मिले, ताकि नाटो के नए सैन्य मॉडल की और प्रगति पर चर्चा की जा सके. दरअसल, सभी नाटो सदस्य देश यूक्रेन युद्ध से डरे हुए हैं. उन्हें इस बात की आशंका है कि यूक्रेन को पराजित करने के बाद रुस यूरोप (नाटो) का रुख कर सकता है. हालांकि, रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो देशों पर हमला करने से इंकार किया है लेकिन ये भी दो टूक कह दिया है कि पश्चिमी देशों के हथियार या फिर सैनिकों ने यूक्रेन की तरफ से रुख का किया तो दुनिया को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. यही वजह है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों की सेनाओं के गठजोड़ नाटो ने बड़े स्तर पर मिलिट्री एक्सरसाइज छेड रखी है. स्टीडफास्ट उसी का हिस्सा थी. हालांकि, रुस ने सार्वजनिक तौर से अपनी सीमाओं के करीब इस तरह के युद्धाभ्यास को लेकर नाटो को आगाह किया था.

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