TheFinalAssault Blog Alert Breaking News Israel Embassy बम धमाके का कारण डिकोड !
Alert Breaking News Classified Geopolitics Islamic Terrorism Middle East Reports Terrorism

Israel Embassy बम धमाके का कारण डिकोड !

Investigating agencies picking shreds of evidence outside the Israel Embassy in Delhi.

इजरायल-हमास की जंग की आंच अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है. मंगलवार शाम दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों में एक कॉल के बाद हड़कंप मच गया. कॉल में दिल्ली के चाणक्यपुरी में इजरायल एंबेसी में हुए धमाके की खबर दी गई थी. कॉल के बाद हरकत में आई दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. और जांच शुरु की गई. इस बीच एक धमकी भरी एक चिट्ठी ने भी सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए. इजरायली एंबेसी में हुए धमाके में कोई नुकसान तो नहीं हुआ है पर धमाके का असर ये हुआ है कि इजरायल ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. मौके पर एनएसजी और एनआईए की एक टीम भी पहुंची है. एंबेसी के बाहर जिस खाली प्लॉट में धमाका हुआ वहां से फॉरेन्सिक सबूत इकट्ठा किया गया है.

सीसीटीवी में दिखे 2 संदिग्ध
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अलावा एनआईए भी जांच में जुट गई है. आसपास के सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को दो संदिग्ध नजर आए हैं. पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों संदिग्ध कौन हैं, कैसे एंबेसी के पास पहुंचे, किस रास्ते से आए और किस रास्ते से वो भागे. धमाका कैसे किया गया और क्या संदिग्धों के साथ कोई और लोग थे?  ये सारे ऐसे सवाल हैं जिन्हें दिल्ली पुलिस सुलझाने की कोशिश कर रही. दिल्ली पुलिस को सबसे पहले मंगलवार शाम करीब 5.45 बजे दूतावास के पीछे विस्फोट के बारे में कॉल दी गई. दिल्ली पुलिस को विस्फोट की सूचना इजरायली एंबेसी के सुरक्षा गार्ड ने दी थी. सूचना के बाद बाद स्पेशल सेल, दिल्ली फायर सर्विसेज, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए. बम स्क्वायड और डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर पहुंचीं. पर शुरुआती जांच में धमाके या आग लगने के कोई सबूत नहीं मिले. इजराइली दूतावास के प्रवक्ता ने भी धमाके की पुष्टि की.

साल 2012 में स्टिकी बम से हुआ था अटैक
दिल्ली में इजरायली दूतावास और उनके कर्मचारियों पर हमले की ये कोई पहली वारदात नहीं है. साल 2012 में इजरायली दूतावास की एक कार पर बाइक सवार आतंकियों ने स्टिकी-बम से हमला किया था. स्टिकी बम से भारत में हुआ ये पहला हमला था. इस घटना में इजरायली दूतावास के एक अधिकारी की पत्‍नी और ड्राइवर समेत कुल चार लोग घायल हो गए थे. जांच में पता चला कि मोटरसाइकिल पर एक प्रशिक्षित हमलावर ने धमाके को अंजाम दिया था. ट्रैफिक का फायदा उठाते हुए रेडलाइट पर इजरायली एंबेसी की कार पर एक स्टिकी बम चिपका दिया. चुंबक की मदद से एंबेसी की टोयोटा इनोवा कार पर बम चिपक गया. इजरायल दूतावास की कार पर बम चिपकाने के बाद महज तीन सेकंड के अंदर रिमोट की मदद से धमाका कर कार में ब्‍लास्‍ट कर दिया गया था. दिल्ली पुलिस को धमाके के एक दिन बाद लाडो सराय इलाके में एक लाल मोटरसाइकिल मिली थी. 7 मार्च 2012 को, दिल्ली पुलिस ने भारतीय पत्रकार मोहम्मद अहमद काज़मी को गिरफ्तार किया, जो एक ईरानी समाचार संगठन के लिए काम करता था. पुलिस ने दावा किया कि पत्रकार ने तीन ईरानी नागरिकों के साथ इजरायली दूतावास की रेकी की थी, जिनमें से एक ने विस्फोट को अंजाम दिया था. दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया था कि पत्रकार मॉड्यूल के मास्टरमाइंड मसूद सेदाघाटज़ादेह के संपर्क में था, और काज़मी की पत्नी को उसके बैंक खाते के माध्यम से ₹1.8785 मिलियन का विदेशी प्रेषण प्राप्त हुआ, जबकि काज़मी को मॉड्यूल से ₹3,80,000 मिले. इस मामले में पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काज़मी को चार्जशीट किया गया था.

2021 में भी टारगेट पर थी इजरायली एंबेसी
अब से ठीक दो साल पहले साल 2021 में 29 जनवरी जब कर्तव्यपथ (उस वक्त राजपथ) पर बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम हो रहा था उस वक्त इजरायली दूतावास के बाहर एक विस्फोट हुआ था जिसमें कारें क्षतिग्रस्त हो गईं. लेकिन उस धमाके में भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचा था. इस धमाके की गुत्थी अबतक अनसुलझी है.

इजरायली नागरिकों के लिए एडवाइजरी
इजरायली नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने भारत में अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. एनएससी ने इज़रायली नागरिकों को भीड़-भाड़ वाली जगह चाहे वो मॉल हो या फिर बाजार इसके अलावा पश्चिमी लोगों, यहूदियों और इज़रायलियों के रूप में पहचाने जाने वाले स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी है. रेस्टोरेंट, होटल, पब जैसे सार्वजनिक स्थानों में सतर्क रहने को कहा गया है. खुले तौर पर इजरायली प्रतीकों को उजागर नहीं करने, बड़े पैमाने पर होने वाले असुरक्षित कार्यक्रमों में ना जाने की सलाह दी गई है, इसके अलावा सोशल मीडिया पर यात्रा कार्यक्रमों के साथ-साथ वास्तविक समय में यात्राओं की तस्वीरों को शेयर नहीं करने का सुझाव दिया गया है. 

भारत की सुरक्षा एजेंसी हाई अलर्ट पर
इजरायली एंबेसी में हुए धमाके के बाद जांच और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं क्योंकि भारत में इजरायलियों पर हमलों का इतिहास पुराना है. साल 2012 और साल 2021 में ही नहीं बल्कि 26/ 11 मुंबई धमाकों के दौरान पाकिस्तान से आए आतंकियों ने इजरायली लोगों को खास तौर से निशाना बनाया था. यहूदियों के धार्मिक स्थल चाबड़ हाउस पर इजरायली लोगों की निर्ममता से हत्या की थी. लिहाजा जांच एजेंसियां इस ताजा हमले को हल्‍के में लेने की गलती नहीं करेगी. 

इजरायल से जुड़े जहाज पर भी है हुआ हमला
21 दिसंबर को गुजरात के वेरावल (सोमनाथ मंदिर) से करीब 200 नॉटिकल मील दूर अरब सागर में लाईबेरिया के एक जहाज, एमवी केम-प्लूटो पर भी ड्रोन अटैक हुआ था. ये हमला ठीक वैसा ही था जैसे ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोही रेड सी (लाल सागर) में इजरायल और अमेरिका के व्यापारिक और जंगी जहाजों को बना रहा है. एमवी केम प्लूटो भी ‘इजरायल से जुड़ा’ हुआ माना जा रहा है. हमले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी है कि हमलावर भले ही पाताल लोक में छिपे हैं उन्हें ढूंढ निकाला जाएगा. रक्षा मंत्री ने इशारों-इशारों में ये भी कहा कि कुछ देश भारत की आर्थिक और सामरिक प्रगति से जलते हैं और ईर्ष्या करते हैं. 

पुरानी है इजरायल-ईरान की अदावत

एक लंबे समय से इजरायल और ईरान में दुश्मनी रही है. लेकिन मौजूदा हमास जंग से ये शत्रुता और बढ़ गई है. इजरायल को पूरा यकीन है कि आतंकी संगठन हमास ने ईरान की मदद से ही 7 अक्टूबर को इजरायल पर बड़ा हमला कर नरसंहार किया था. इसके अलावा रेड सी में जो इजरायल और अमेरिका के जहाज पर हमले किए जा रहे हैं उसमें ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का हाथ है. सोमवार को ही इजरायल ने सीरिया में ईरान की आईआरसीजी फोर्स के एक सीनियर मिलिट्री कमांडर को मार गिराया था. इजरायल को शक था कि ये कमांडर ही रेड सी में हो रहे हमलों के पीछे है. उसके अगले ही दिन राजधानी दिल्ली स्थित इजरायल एंबेसी के बाहर बम धमाके की घटना हो जाती है. हालांकि, अभी तक दोनों घटनों में कनेक्शन का कोई सीधा सबूत नहीं मिल पाया है. 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
Exit mobile version