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पुतिन का कबूलनामा, FSB चीफ का इस्तीफा

रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी से एक बेहद चौंकाने वाले खबर सामने आई है. खबर ये कि यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने से पहले रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गलत इंटेलिजेंस देने के आरोप में एफएसबी के एक बड़े अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है. ये अधिकारी काफी लंबे समय से हाउस-अरेस्ट था. लेकिन अब जाकर इस्तीफा दिया है. खास बात ये है कि यूक्रेन की ताकत और जवाबी कार्रवाई का सही-सही आकलन न करने पाने का जिक्र एक साल पहले रूस-यूक्रेन युद्ध पर लिखी पुस्तक ‘ऑपरेशन Z लाइव’ में भी किया गया था.  

रूस की सीक्रेट सर्विस ‘फेडरेल सर्विस ब्यूरो’ (एफएसबी) की जिम्मेदारी देश के भीतर और पूर्व सोवियत संघ देशों (यूक्रेन भी शामिल) में खुफिया जानकारी इकठ्ठा करना है. एफएसबी की ‘सर्विस-5’ यूनिट यूक्रेन सहित सभी पूर्ववर्ती सोवियत देशों में सक्रिय रहती है. खबर है कि इसी सर्विस-5 के प्रमुख सर्जेई बेसडा ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. 

हालांकि, रूस ने आधिकारिक तौर से बेसडा के इस्तीफे की जानकारी साझा नहीं की है. बेसडा को युद्ध शुरु होने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो हाउस-अरेस्ट में भी रखा गया था. 

टीएफए के एडिटर इन चीफ नीरज राजपूत की चर्चित पुस्तक ‘ऑपरेशन Z लाइव’ में भी इस बात को विस्तार से लिखा गया था कि मॉस्को यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों को ये कहते सुना था कि पुतिन ने “यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय अपने 100 से ज्यादा जासूसों को युद्ध की घोषणा के कुछ दिन बाद ही नौकरी से निकाल दिया था.” क्योंकि ये जासूस कीव और दूसरे इलाकों में “यूक्रेन की सेना की ताकत और रूस के हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बारे में ठीक-ठीक आकलन नहीं कर पाए थे.” (पेज 64) 

हाल ही में पुतिन ने इस बात का भी खुलासा किया था कि फरवरी 2022 में युद्ध (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) शुरु होने के दौरान कीव की घेराबंदी ‘दबाव’ बनाने के लिए की गई थी न कि हमला करने या फिर जीतने के इरादे से. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को बातचीत के लिए तैयार करने का दवाब. इस बात का खुलासा भी एक साल पहले प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘ऑपरेशन Z लाइव’ में नीरज राजपूत ने किया था. अपनी पुस्तक में नीरज राजपूत ने लिखा था कि यूक्रेन पर हमला करने में पुतिन ने ‘मिस्जज’ किया’ था (‘ऑपरेशन Z लाइव’ में पहले से लिखा, जो पुतिन ने कहा).

रूस-यूक्रेन युद्ध पर लिखी पहली हिंदी पुस्तक में साफ तौर से लिखा है कि पुतिन को लगा था कि क्रीमिया (2014) की तरह ही यूक्रेन की सेना इस बार (फरवरी 2022) महाशक्ति (रूस) के सामने “आत्मसमर्पण करदेगी और जेलेंस्की यूरोप के किसी देश में शरण ले लेगा.” नीरज राजपूत ने ये भी लिखा था कि यूक्रेन पर हमला करने के लिए गई रूस की सेना युद्ध के लिए ‘तैयार’ ही नहीं थी.  

[Mr Neeraj Rajput, who is Author of ‘Operation Z Live’ (Prabhat Prakashan) is Editor in Chief of TFA Media.]

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