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रफाल गए अलास्का तो सुखोई उड़ेंगे ऑस्ट्रेलिया में

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By Akasnha Singhal

अलास्का में मल्टीनेशन ‘रेड फ्लैग’ एक्सरसाइज सहित मिस्र और ग्रीस में साझा अलग-अलग युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के बाद भारतीय वायुसेना अब ऑस्ट्रेलिया में होने जा रही ‘पिच-ब्लैक’ एक्सरसाइज में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही है (12 जुलाई-2 अगस्त). पिच-ब्लैक एक्सरसाइज में वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट हिस्सा लेंगे, जिसमें 21 देशों के 140 से अधिक एयरक्राफ्ट शिरकत करेंगे. 

रॉयल ऑस्ट्रेलियाई एयरफोर्स के मुताबिक, हर दो वर्ष में आयोजित होने वाली पिच ब्लैक एक्सरसाइज इस वर्ष अपने 43 वर्षों के इतिहास में सबसे बड़ी होने जा रही है. इसमें आस्ट्रेलिया के अलावा 20 देशों की वायुसेनाएं हिस्सा ले रही हैं. लगभग 4435 वायु-योद्धा सहित 140 से अधिक फाइटर और टोही विमान शामिल होंगे. 

पिच-ब्लैक एक्सरसाइज ऑस्ट्रेलिया के डार्विन और टिंडल उत्तरी क्षेत्र के एयर बेस पर आयोजित की जाएगी. आरएएएफ के मुताबिक, पिच ब्लैक, अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाता है और विदेशी भागीदारों के साथ काम करने की क्षमता को मजबूत करता है. यह ऑस्ट्रेलियाई सरकार की वायु सेना को आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उत्तरदायी होने का विश्वास दिलाता है.

भारतीय वायुसेना की भूमिका

पिच ब्लैक 2024 में भारतीय वायुसेना की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी जिसमें भारत में ही निर्मित सुखोई (सु30 एमकेआई) फ्लैंकर हिस्सा लेगा. वर्ष 2022 में भी भारत की तरफ से सुखोई ने पिच-ब्लैक में हिस्सा लिया था.  

पिच ब्लैक 2024 के महत्वपूर्ण लाभ

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए पिच ब्लैक 2024 में भाग लेना महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है. यह लंबी दूरी पर तैनाती का अनुभव देता है, जिसमें कई देश दुनिया भर से ऑस्ट्रेलिया पहुंचते हैं. यह अभ्यास उन्हें अपनी क्षमताओं को मजबूत करने और विदेशी सहयोगियों के साथ सीधे काम करने का अवसर देता है. 

यह अभ्यास अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संचालन का समर्थन करने की उनकी क्षमता को मजबूत करता है. व्यक्तिगत स्तर पर, यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और यूरोप में एविएटर और कर्मियों के बीच मजबूत संबंध बनाता है, जो ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देता है.

पिच ब्लैक 2024 में दुनिया की कुछ सबसे उन्नत वायु युद्ध क्षमताएं शामिल होंगी, जिन्हें चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण वातावरण में अत्यधिक कुशल कार्यबल द्वारा उड़ाया और समर्थित किया जाएगा.

पिच ब्लैक में भाग लेने वाले देश 

ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, फ्रांस, फिजी, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम, और अमेरिका शामिल हैं.

रफाल लौटे अलास्का, मिस्र और ग्रीस से

पिच-ब्लैक एक्सरसाइज में अगर सुखोई फाइटर जेट जा रहे हैं तो भारतीय वायुसेना के राफेल (रफाल) लड़ाकू विमानों अलास्का में आयोजित रेड-फ्लैग एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश लौट आए हैं. 

अमेरिका के अलास्का में आयोजित बहुराष्ट्र मेगा सैन्य अभ्यास रेड फ्लैग में भारत के आठ (08) रफाल फाइटर जेट ने एफ-16 और एफ-15 लड़ाकू विमानों के साथ जटिल मिशनों को अंजाम दिया. यह अभ्यास 4 से 14 जून तक चला था. 

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना को अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ अंतर-संचालन की जानकारी और बहुराष्ट्रीय वातावरण में मिशनों की सहयोगात्मक समझ मिली. इसमें भारतीय वायुसेना के अलावा सिंगापुर, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी और अमेरिकी वायुसेना ने भाग लिया था. राफेल लड़ाकू विमानों की ट्रान्साटलांटिक यात्रा आईएल-78 एयर-टू-एयर रिफ्यूलर द्वारा सक्षम की गई, जबकि कर्मियों और उपकरणों का परिवहन सी-17 ग्लोबमास्टर विमान द्वारा किया गया। 

वायुसेना के मुताबिक, इस दौरान 100 से अधिक उड़ानें भरी गईं और मिशन की योजना में आईएएफ के चालक दल के सदस्य सक्रिय रूप से शामिल थे. वापसी यात्रा के दौरान वायु-दल ने ग्रीस और मिस्र की वायु सेना के तत्वों के साथ अभ्यास में भाग लिया और 24 जून को भारत लौट आया (https://x.com/neeraj_rajput/status/1806249204987384248).

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