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चीन पर नजर, LAC पर रि-कैलिब्रेशन

Investiture Cermemony of Northern Command held at Prayagraj Military Station.

भारतीय सेना की फाइटिंग-फॉर्मेशन में रि-कैलिब्रेशन के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तैनात उत्तरी कमान की जद अब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक हो गई है. गुरुवार को पहली बार उत्तरी कमान ने अपने वार्षिक अलंकरण समारोह को उधमपुर (उत्तरी कमान के मुख्यालय) से बाहर प्रयागराज स्थित रेड ईगल डिवीजन के मुख्यालय पर किया. चीन से सटी एलएसी पर सैन्य तैनाती को मजबूत करने के इरादे से भारतीय सेना ने ये अहम कदम उठाया है.  

जानकारी के मुताबिक, मथुरा (उत्तर प्रदेश) स्थित स्ट्राइक कोर (स्ट्राइक 1) अब उत्तरी कमान के अधीन हो गई है. पहले ये कोर जयपुर स्थित दक्षिण-पश्चिमी कमान के अंतर्गत थी. इसका मुख्य चार्टर युद्ध के दौरान पाकिस्तान से सटी सीमा पर आक्रमण करना था. लेकिन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तानी सीमा पर शांति लेकिन पूर्वी लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के चलते अब इस स्ट्राइक कोर को उधमपुर (जम्मू कश्मीर) के अधीन कर दिया गया है. रेड ईगल डिवीजन (4 डिव) क्योंकि इसी स्ट्राइक कोर का हिस्सा है, इसलिए उत्तरी कमान ने बुधवार को अपना अंलकृण समारोह प्रयागराज में आयोजित किया. 

बुधवार को अलंकरण समारोह में उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार ने बहादुर सैनिकों को वीरता मेडल से नवाजा. इस दौरान 45 सेना मेडल (वीरता), एक युद्ध सेना मेडल (वाईएसएम) और 09 विशिष्ठ सेवा मेडल (वीएसएम) सहित कुल 58 सैनिकों को अलंकृत किया गया (https://x.com/NorthernComd_IA/status/1770764555813052504?s=20). 

कश्मीर घाटी में एंटी-टेरर ऑपरेशन से लेकर पाकिस्तान से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी), कारगिल, सियाचिन और पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की निगहबानी और सुरक्षा के चलते ही उत्तरी कमान का आदर्श-वाक्य है ऑलवेज इन कॉम्बेट यानी हमेशा युद्ध में. 

मथुरा स्थित स्ट्राइक कोर के अलावा भारतीय सेना अब उत्तर प्रदेश के ही बरेली स्थित उत्तर भारत (यूबी) एरिया फॉर्मेशन को एक पूरी कोर में तब्दील करने की तैयारी कर रही है. अभी तक यूबी एरिया एक पीस-फॉर्मेशन थी. लेकिन अब उत्तराखंड और हिमाचल से सटी एलएसी पर अधिक सैनिकों की तैनाती करने के इरादे से बरेली में एक पूरी कोर को खड़ा किया जा रहा है. अभी तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग इंडिपेंडेंट ब्रिगेड तैनात थी. लेकिन अब ये सभी ब्रिगेड इस नई कोर के अधीन हो जाएंगी. 

उत्तराखंड के बाड़ाहोती (गढ़वाल रेंज), काला-पानी और लिपूलेख (कुमाऊं) जैसे इलाके ऐसे हैं जहां चीन के साथ भारत का पुराना विवाद रहा है. ऐसे में भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख के विवाद की तरह किसी भी तरह की कोई चूक के लिए कतई तैयार नहीं है. 

हाल ही में ये खबर आई थी कि पाकिस्तान से सटी सीमा पर तैनात 10 हजार सैनिकों को हिमाचल से सटी एलसी पर तैनात कर दिया गया है. ये तैनाती नई कोर के अंतर्गत मानी जा रही है. बरेली स्थित नई कोर सेना की मौजूदा सेंट्रल कमांड के अंतर्गत ही रहेगी जिसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में है. अभी तक इस कमांड के अंतर्गत कोई कोर नहीं थी. 

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