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भारत किसी दूसरे देश को दबने नहीं देगा, राजनाथ का चीन को संदेश

RM on board INS Jalashwa.

By Akansha Singhal

भारतीय नौसेना सुनिश्चित करती है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कोई भी देश किसी दूसरे देश को दबा न सके. ये कहना है देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जिन्होंने एक दिन पहले ही देश की रक्षा करने का कार्यभार फिर से संभाला है. कार्यभार संभालने के अगले ही दिन राजनाथ सिंह ने विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी नेवल कमांड का दौरा किया और पूरा एक दिन ईस्टर्न फ्लीट के साथ गुजारा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों की समीक्षा की. ‘डे एट सी’ के दौरान राजनाथ सिंह ने आईएनएस जलाश्व युद्धपोत पर सवार होकर नौसेना की बहु-परिसंपत्ति संचालन का अवलोकन किया. इस दौरान नौसैनिकों को संबोधित करते हुए 

राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी दूसरे देश को दबा न सके या आर्थिक ताकत या सैन्य शक्ति के आधार पर उसकी रणनीतिक स्वायत्तता को खतरे में न डाले. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें क्षेत्र के हमारे मित्र देश सुरक्षित रहते हैं और आपसी प्रगति के पथ पर एक साथ आगे बढ़ते हैं.” (https://x.com/rajnathsingh/status/1801578685100921080)

राजनाथ सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब साउथ चायना सी में चीन और फिलीपींस के बीच पिछले कुछ महीनों से समुद्री-विवाद चल रहा है. भारत ने फिलीपींस को सोर-बेस्ड एंटी-शिप सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस सप्लाई की है. साथ ही ताइवान के खिलाफ भी चीन ने ज्वाइंड स्वॉर्ड एक्सरसाइज की थी जिसमें ताइवान को चारों तरफ से दबाने का अभ्यास किया गया था. हाल ही में भारत और ताइवान के बीच संबंधों को लेकर भी चीन ने कड़ा ऐतराज जताया है. 

रक्षा मंत्री ने पूर्वी बेड़े के अधिकारियों और नाविकों के साथ बातचीत करते हुए भारतीय नौसेना की प्रशंसा की और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में फर्स्ट-रेस्पोंडर वाली नौसेना के रूप में उभरने पर जोर दिया. उन्होंने कहा,”हमारी नौसेना यह सुनिश्चित कर रही है कि हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षित व्यापार हो और शांति और समृद्धि को बढ़ावा मिले. स्वतंत्र नौवहन, नियम-आधारित विश्व व्यवस्था, समुद्री डकैती विरोधी और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है.” 

राजनाथ सिंह ने नौसेना की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डाला और बताया कि भारत के वाणिज्यिक हित हिंद महासागर से जुड़े हुए हैं. उन्होंने नौसेना की भूमिका को राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि “राष्ट्रीय हित सरकार के लिए सर्वोपरि है और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.” (https://x.com/rajnathsingh/status/1801574321187422597)

रक्षा मंत्री ने मार्च 2024 में अरब सागर में नौसेना के साहसिक बचाव अभियान का विशेष उल्लेख किया, जब भारतीय नौसेना ने सोमाली समुद्री डाकुओं से 23 पाकिस्तानी नागरिकों को मुक्त कराया था. उन्होंने इसे मानवता और नौसेना कर्मियों में निहित मूल्यों का प्रदर्शन बताया. राजनाथ सिंह ने कहा कि समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने तथा हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक शक्ति की उपस्थिति को और अधिक प्रभावी और मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

राजनाथ सिंह ने ऐसे समय में विशाखापट्टनम का दौरा किया जब शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में भारत और फ्रांस के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय नौसेना के लिए रफाल (राफेल) के मरीन वर्जन को लेकर चर्चा की. भारतीय नौसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए फ्रांस से 26 रफाल (एम) लेने को लेकर बातचीत चल रही है. माना जा रहा है कि सौदा तय होने के बाद रफाल (एम) का नेवल एयरबेस विशाखापट्टनम ही होगा. 

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