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Online purchase में रक्षा मंत्रालय ने मारी बाज़ी

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मोदी सरकार की ऑनलाइन खरीद में रक्षा मंत्रालय ने बाजी मारी है. पिछले आठ सालों में रक्षा मंत्रालय ने एक लाख करोड़ से भी ज्यादा के हथियार और सैन्य उपकरण गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) से खरीदे हैं. ये आंकड़ा खुद रक्षा मंत्रालय ने जारी किया है. 

वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर वाणिज्य मंत्रालय ने जीईएम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था. सरकारी महकमों के लिए बनाए गए इस ई-प्लेटफॉर्म का उद्देश्य पारदर्शी तरीके से सामान खरीदना और बेचना है.

रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि इस साल (2023-24) डिफेंस खरीदारों ने इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए 46 हजार करोड़ की खरीददारी की है (13 फरवरी तक का आंकड़ा) जो पिछले साल के मुकाबले 46 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल यानी 2022-23 में ये आंकड़ा 28,732.90 करोड़ था. वर्ष 2021-22 में 15,091 करोड़ की खरीदारी जीईएम के जरिए की गई थी. एक लाख करोड़ के आंकडें छूने वाला रक्षा मंत्रालय केंद्र सरकार का एकमात्र महकमा है. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब तक 19,800 डिफेंस बायर्स ने जीईएम पोर्टल के जरिए 5.47 लाख ऑर्डर किए हैं. इनमें से 50 प्रतिशत ऑर्डर माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज (एमएसई) को दिए गए हैं जो दर्शाता है कि आत्मनिर्भरता के तहत देश के आर्थिक विकास में सामाजिक समरसता लाने की भी कोशिश की जा रही है. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डिफेंस बायर्स में रक्षा मंत्रालय के अलावा, सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना, डिफेंस पीएसयू और रिसर्च संस्थान शामिल हैं. रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि खरीद के ये आंकड़े जीईएम की सफलता को ही नहीं दर्शाते हैं बल्कि मंत्रालय की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है कि राष्ट्र की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना है और देश का भविष्य समृद्ध बनाना है. 

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