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युद्ध में unconventional वॉरफेयर के लिए रहें तैयार: राजनाथ

Rajnath Singh addressing Army Commanders Conference in New Delhi.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश की सशस्त्र सेनाओं को पारंपरिक युद्ध के दौरान अनकंवेंशनल और एसिमिट्रिक वॉरफेयर के लिए भी तैयार रहने होगा. ऐसे में रक्षा मंत्री ने युद्ध के लिए तैयारी और रणनीति बनाने के दौरान इन पहलुओं को ध्यान रखने का आह्वान किया है. राजनाथ सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन युद्ध में उलझे रुस को राजधानी मॉस्को में एक बड़े आतंकी हमले का सामना करना पड़ा है और रोजाना किसी न किसी प्रांत में ड्रोन अटैक झेलना पड़ रहा हैं.

मंगलवार को राजनाथ सिंह राजधानी दिल्ली में थलसेना के कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि कहा कि “हाइब्रिड युद्ध सहित अपरंपरागत और अ-सीमित युद्ध भविष्य के युद्धों का हिस्सा होंगे. भविष्य में साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त संघर्षों का एक अविभाज्य हिस्से के रूप में सामने आ रहे हैं. इसके लिए आवश्यक हो गया है कि सशस्त्र बलों को योजना निर्धारण और रणनीति गठन के समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा कि विश्व की वर्तमान जटिल स्थिति सभी को प्रभावित करती हैं. सम्मेलन के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित टॉप मिलिट्री कमांडर्स मौजूद थे. 

पिछले महीने की 22 तारीख को मॉस्को के क्रॉकस कॉन्सर्ट हॉल में आईएस के आतंकियों ने हमला करके 140 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसके अलावा मंगलवार (2 अप्रैल) को ही रुस के तातारस्तान में एक ड्रोन अटैक में एयरक्राफ्ट प्लांट को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. ये प्लांट यूक्रेन की सीमा से करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके अलावा भी रुस के सीमावर्ती इलाकों में लगातार हमले हो रहे हैं (Moscow attack: यूक्रेन-चेचन्या-जिहादी कनेक्शन ?).

चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि चीन से शांतिपूर्ण समाधान के लिए चल रही वार्ता जारी रहेगी लेकिन सीमा पर हमारे सैनिक दृढ़ता से तैनात हैं. उन्होंने कहा कि डिसएंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन ही एलएसी पर शांति का रास्ता है. रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं में सड़क संचार में परिणाम सुधार हुआ है.

रक्षा मंत्री ने पश्चिमी सीमाओं (पाकिस्तान बॉर्डर) पर स्थिति का उल्लेख करते हुए सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारतीय सेना की प्रतिक्रिया की सराहना की. उन्होंने हालांकि कहा कि दुश्मन द्वारा छद्म युद्ध जारी है. रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस की सेना के साथ उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं. रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन तैयारियों और क्षमताओं के उच्च मानकों के लिए सशस्‍त्र बलों की सराहना की.

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