TheFinalAssault Blog Alert Breaking News पुतिन विरोधी की संदिग्ध मौत, क्या हैं मायने
Alert Breaking News Geopolitics NATO Russia-Ukraine War

पुतिन विरोधी की संदिग्ध मौत, क्या हैं मायने

Mourning for Putin critic Alexei Navalny.

रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजनीतिक धुर-विरोधी अलेक्सी (एलेक्सी) नवलनी की संदिग्ध मौत से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. आम चुनावों से पहले नवलनी की जेल में मौत से साफ हो गया है कि पुतिन का मुकाबला करने के लिए रुस में अब कम ही नेता बचे हैं. ये कोई पहला मामला नहीं है जब पुतिन कॆ किसी प्रतिद्वंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. यही वजह है कि अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों के नेताओं ने नवलनी की मौत की जांच करने की मांग की है. 

पेशे से वकील और रुस में भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाले 47 साल के अलेक्सी को दो बार पहले भी मारने की कोशिश की गई थी. वे हर बार बच जाते थे. रुसी प्रशासना का दावा है कि शुक्रवार को सुदूर आर्कटिक क्षेत्र (यमालो-नेनट्स) की एक जेल में टहलते हुए अलेक्सी अचानक गिर गए और उनकी मौत हो गई. रुस का दावा है कि डॉक्टर, अलेक्सी की मौत की जांच कर रहे हैं. पिछले तीन साल से अलेक्सी आतंकवाद और गबन जैसे गंभीर आरोपों में जेल में बंद थे. 

कुछ दिनों पहले ही अलेक्सी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आर्कटिक जेल में अपनी दुर्दशा के बारे में अदालत को आगाह किया था. आर्कटिक क्षेत्र में जबरदस्त ठंड पड़ती है और बारह महीने तापमान माइनस (-) 20 से नीचे रहता है. वहां बनी जेल में कड़ी सजा पा रहे कैदियों को ही रखा जाता है. अलेक्सी ने आरोप लगाया था कि जेल में वे अखबार ओढ़कर सोते हैं और खाना खाने के लिए जेल प्रशासन मात्र 10 मिनट का समय देता है. 

रुस में अगले महीने आम चुनाव हैं और माना जा रहा है कि एक बार फिर पुतिन भारी बहुमत से चुनाव जीतने जा रहे हैं. उनके खिलाफ कोई मजबूत राजनीतिक प्रतिद्वंदी कोई नहीं है. ऐसे में अलेक्सी की मौत से कयास लगने लगे हैं कि पुतिन का छठी बार अपने देश का राष्ट्राध्यक्ष बनाना लगभग तय है. पुतिन वर्ष 1999 से अपने देश की कमान संभाले हुए हैं. 

वर्ष 2022 में यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरु करने से ऐसा लगता था कि उनकी लोकप्रियता में कमी आएगी. लेकिन यूक्रेन के एक चौथाई हिस्से (डोनबास) को जीतकर रुस में शामिल करने से रूसी नागरिकों में पुतिन किसी हीरो से कम नहीं हैं. इसके अलावा यूक्रेन जंग में अमेरिका सहित नाटो देशों की नाकों चने चबाने से रुस की जनता काफी प्रसन्न है. ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि छठी बार भी पुतिन रुस की सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं. पिछले 25 सालों में पुतिन के खिलाफ कोई मजबूत विपक्ष उभरकर सामने नहीं आया है. अगर कोई विपक्ष सामने आया तो उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई या फिर उसे जेल भेज दिया गया. 

अलेक्सी की मौत पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन और उसके साथियों (‘ठगो’) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि “कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को यूक्रेन को दी जाने वाली मदद वाले बिल का समर्थन करना चाहिए.” संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी अलेक्सी की मौत के मामले में “पारदर्शी जांच” की मांग की है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि “ये स्वाभाविक है कि अलेक्सी की हत्या पुतिन ने कराई है जैसे हजारों अन्य लोगों को प्रताड़ित और मारा गया है.” फ्रांस, जर्मनी और नाटो ने भी अलेक्सी की मौत के लिए रुस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. लेकिन पुतिन के मीडिया सलाहकार दिमित्री पेसकोव ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के ऐसे आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए ‘पागलपन’ करार दिया है. 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
Exit mobile version