TheFinalAssault Blog Defence Acquisitions Stealth सबमरीन बनाने की रेस हुई दिलचस्प
Acquisitions Alert Breaking News Defence

Stealth सबमरीन बनाने की रेस हुई दिलचस्प

File Pic

भारतीय नौसेना के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट पी-75 (आई) के लिए देश में ही स्टील्थ सबमरीन बनाने को लेकर रस्साकसी बेहद दिलचस्प हो गई है. जहां इस प्रोजेक्ट से साउथ कोरिया ने पूरी तरह से हाथ खींच लिया है, वहीं जर्मनी और स्पेन, दोनों इस प्रोजेक्ट को पाने के लिए जोर-आजमाइश में जुटे हैं. 

प्रोजेक्ट 75 (इंडिया) के लिए रक्षा मंत्रालय, नौसेना के लिए देश में ही छह स्टेल्थ पनडुब्बियां बनाना चाहता है. इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत 5.27 बिलियन डॉलर (43 हजार करोड़) है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) और एल एंड टी कंपनी को किसी विदेशी ओईएम यानी ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर के साथ करार करने का निर्देश दिया है. ये खास पनडुब्बियां एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन  (एपीआई) तकनीक से लैस होने के चलते लंबे समय तक समंदर के नीचे रहकर ओपरेट कर सकती हैं. 

रक्षा मंत्रालय ने पी-75 (आई) के लिए पांच विदेशी शिपयार्ड के नाम दिए थे जिनके साथ एमडीएल या एलएंडटी इसके लिए करार कर सकते थे. लेकिन फ्रांस और रुस के शिपयार्ड ने पहले ही इस प्रोजेक्ट से अपना नाम वापस ले लिया था. ऐसे में साउथ कोरिया, स्पेन और जर्मनी इस प्रोजेक्ट में बचे थे. लेकिन साऊथ कोरिया ने भी साफ कर दिया कि वो इस प्रोजेक्ट से बाहर हो रहा है. 

बुधवार को राजधानी दिल्ली में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे बोक ने टीएफए के सवाल पर साफ कर दिया कि उनके देश की हानवा डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी (पूर्व में डेबु शिपयार्ड) ने भी “किन्हीं कारणों से प्रोजेक्ट से बाहर होने का फैसला किया है.’’

अगले महीने भारत और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. इसके लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल की यात्रा करने जा रहे हैं (5-6 मार्च). इस बैठक में दोनों देश आपसी व्यापार और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग करने पर खास चर्चा करेंगे. इस बैठक से पहले दक्षिण कोरियाई राजदूत ने भारतीय मीडिया को संबोधित किया. 

खास बात ये है कि इन दिनों भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरामने जर्मनी के दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने अपने जर्मन समकक्ष बेनेडिकट ज़िमर से डिफेंस सेक्टर में हाई-टेक्नोलॉजी पर सहयोग को लेकर खास चर्चा की. इसके अलावा रक्षा सचिव ने जर्मनी की डिफेंस कंपनियों के उच्च प्रतिनिधियों से अलग मुलाकात की (27-28 फरवरी). दरअसल, जर्मनी की थाइसेनक्रुप कंपनी प्रोजेक्ट 75 (आई) में खासी दिलचस्पी ले रही है. लेकिन जर्मनी को दूसरे यूरोपीय देश स्पेन से टक्कर लेनी पड़ेगी. (https://youtu.be/DHnClS6M_0g?si=Ogp3nGuOQPHYNEwB)

इसका कारण ये है कि स्पेन की रक्षा सचिव एम्पारो वालकार्से अगले हफ्ते (7-8 मार्च) को दिल्ली के दौरे पर आ रही हैं. स्पेन की नवंतिया कंपनी मेक इन इंडिया के तहत प्रोजेक्ट 75 आई के लिए एआईपी तकनीक से लैस पनडुब्बियां बनाने के लिए तैयार है. 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
Exit mobile version