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ताइवान संकट में अमेरिका ने डाला घी, भड़क जाएगा चीन

Lai Ching-te meets US Congressman.

चीन से चल रही तनातनी के बीच अमेरिका ने ताइवान से संबंधों में घी डालने का काम किया है. अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते से मुलाकात कर अपना समर्थन जाहिर किया है. 

अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष माइकल मैककॉल के नेतृत्व में अमेरिकी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल ताइपे पहुंचा है और गुरुवार तक ताइवान में ही रहेगा.

ताइपे में अमेरिकी सांसद, चीन चौकन्ना
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते से मुलाकात करके अपना समर्थन जाहिर किया. मीटिंग के बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि ”अमेरिका, ताइवान में यथास्थिति और शांति बनाए रखना चाहता है और इसको लेकर अमेरिका, ताइवान या फिर दुनिया में कहीं भी किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं होना चाहिए.” अमेरिकी कांग्रेस में ताइवान कॉकस के सह-अध्यक्ष प्रतिनिधि एंडी बार्र ने कहा कि “अमेरिका, ताइवान की सेना, कूटनीति और अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.” (https://x.com/ChingteLai/status/1795018440786297133).

ताइवान के आग्रह पर अमेरिकी सांसदों का दौरा
ताइवान के नये विदेश मंत्री लिन चिया-लुंग ने हाल ही में चीन के आक्रामक सैन्य अभ्यासों को लेकर अमेरिका से ताइवान के दौरे का आह्वान किया था. चीन के चौतरफा युद्धाभ्यास के खत्म होते ही अमेरिकन प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंच गया है. जिसके बाद चीन का भड़कना तय माना जा रहा है. दरअसल चीन का ताइवान के किसी भी देश के साथ संबंधों को पसंद नहीं करता है. अमेरिका के साथ ताइवान के रिश्तों पर हमेशा से ताकत दिखाकर विरोध दर्ज कराता रहा है. जब भी अमेरिकी अधिकारी ताइवान पहुंचते हैं तो चीन अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा देता है. पिछले साल ताइवान के तत्कालीन उपराष्ट्रपति लाई ने संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया था, तो विरोध दर्ज कराने के लिए चीन ने बड़ा युद्धाभ्यास किया था. तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था तभी चीन भड़क गया था. 

चीन ने लगाया था माइकल मैककॉल पर प्रतिबंध
पिछले वर्ष अप्रैल में ताइवान की यात्रा के बाद रिपब्लिकन पार्टी के टेक्सास प्रतिनिधि पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया था. मैककॉल, आर-टेक्सास, ने अमेरिका और ताइवान के बीच हथियार सौदों पर चर्चा करने के लिए पिछले साल 6 से 8 अप्रैल तक ताइवान का दौरा किया था, इस बैठक का विरोध जताने के लिए चीन ने चारों ओर बड़े पैमाने पर तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास किया था जिसमें ताइवान की ओर 200 से अधिक युद्धक विमान भेजे गए. बाद में चीन ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के साथ अमेरिकी सदन के अध्यक्ष केविन मैकार्थी की बैठक का बदला लेते हुए रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी और अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसके बाद मैककॉल ने एक बयान में कहा, “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा प्रतिबंधित किया जाना सम्मान की बात है, कुछ भी अमेरिका को ताइवान सहित स्वतंत्र, लोकतांत्रिक देशों का समर्थन करने से नहीं रोक पाएगा.”

ज्वाइंट स्वॉर्ड एक्सरसाइज

23-24 मई को चीन की पीएलए सेना के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने ताइवान को चारों तरफ से दबाने की एक बड़ी ड्रिल की थी. ज्वाइंट स्वॉर्ड का उद्देश्य मिलिट्री ऑपरेशन के जरिए ताइवान पर कब्जा के अभ्यास करना था (ताइवान में ‘खून बहाने’ के लिए तैयार चीन).

शंगरी ला डायलॉग का इंतजार

इस हफ्ते सिंगापुर में होने जा रही अंतर्राष्ट्रीय मिलिट्री कॉन्फ्रेंस, शंगरी-ला डायलॉग में अमेरिका रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन चीन के समकक्ष डॉन्ग जून से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्री ताइवान संकट का हल निकालने की कोशिश करेंगे. चीन के तेवर देखकर लगता नहीं है कि ड्रैगन इतनी जल्दी मानने वाला है (ताइवान संकट पर अमेरिका करेगा चीन से चर्चा).

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