पिछले 20 महीने से रूस से चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अलग-थलग पड़ने लगे हैं. पहले उनके ही आर्मी चीफ ने रूस के खिलाफ युद्ध में स्टेलमेट की बात कहकर नाराज कर दिया तो अब एक्स (ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने उन्हें बूचर (कसाई) की उपाधि तक दे दी है.
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रही है जिसमें एक्स-स्पेस में यूक्रेन, इजरायल, ताइवान और दुनिया की परिस्थितियों पर बोलते हुए मस्क कहते हुए सुनाई देते हैं कि “जेलेंस्की अपनी ही कसाई वाली दुनिया में जी रहे हैं, जो हकीकत से मेल नहीं खाती है.”
इस ऑडियो में मस्क यूक्रेन के सेना प्रमुख जनरल वालेरी ज़ालुझनी (ज़ालुज़्हनी) की “अपने देश के लोगों की जान की कीमत” समझने के लिए तारीफ की है. मस्क ने कहा कि जनरल ज़ालुज्ह़नी “जो भी (युद्ध में) घट रहा है उसे संजीदगी से ले रहे हैं.”
हालांकि, इस ऑडियो की सत्यता अभी तक प्रमाणित नहीं हुई है लेकिन ये पहली बार नहीं है जब मस्क ने जेलेंस्की की युद्ध को लेकर आलोचना की है. पिछले महीने ही मस्क ने जेलेंस्की द्वारा लगातार दुनिया से सहायता देने को लेकर मजाक उड़ाया था. यूक्रेन ने मस्क के उस बयान को लेकर भी मुंह बिचकाया था जब एक्स और टेस्ला जैसी कंपनियों के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति में शुमार मस्क ने कहा था कि उन्होंने अपने स्टारलिंक को क्रीमिया पर मिसाइल हमला करने के लिए नहीं दिया था. क्योंकि ऐसा करने से रूस न्यूक्लियर अटैक कर सकता था.
मस्क ने यूक्रेन के जनरल की प्रशंसा इसलिए की है क्योंकि हाल ही में उन्होनें (जनरल ज़ालुज्ह़नी ) ने एक लेख में कहा था कि रूस के खिलाफ युद्ध में ‘स्टेलमेट’ यानि ऐसी परिस्थिति आ गई है जहां हार-जीत का फैसला होना मुश्किल है. अपने लेख में उन्होनें लिखा कि रूस और यूक्रेन दोनों के लिए मैकेनाइज्ड कॉलम्स के युद्ध के मैदान में आगे बढ़ने से आ रही दिक्कतों का जिक्र किया था. उन्होंने लिखा कि ड्रोन और एरियल अटैक के चलते टैंक, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी) और मिलिट्री ट्रक आगे की तरफ नहीं बढ़ पा रहे हैं. ऐसे में उन्होंने रण-क्षेत्र में “उन्नत किस्म की टेक्नोलॉजी” की जरूरत पर जोर दिया था.
अपने आर्मी चीफ के इस लेख को लेकर जेलेंस्की की सरकार ने अपनी नाराजगी दर्ज कराई थी. जेलेंस्की के एक सलाहकार ने टीवी पर आकर जनरल ज़ालुज़्हनी के बयान को खारिज कर दिया. कहा ये भी गया कि ज़ालुज़्हनी ने लेख लिखन के लिए जेलेंस्की के दफ्तर से आज्ञा नहीं ली थी. इसी बीच जनरल ज़ालुज़्हनी के एक सैन्य सलाहकार और मिलिट्री ऑफिसर की अपने बेटे के बर्थडे में दौरान हुए बम धमाके में मौत ने हर किसी को सोचने पर विचार कर दिया है कि यूक्रेन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. खबर तो ये भी है कि जेलेंस्की ने बिना जनरल ज़ालुज़्हनी को भरोसे में लिए यूक्रेन के स्पेशल फोर्स ऑपरेशन के चीफ को भी बदल दिया है.
जेलेंस्की अब खुद ये कहने लगे हैं कि अमेरिका और पूरी दुनिया का फोकस अब इजरायल-हमास युद्ध की तरफ है. यूक्रेन के विदेश मंत्री ने भी शिकायत की है कि नाटो देशों से मिलने वाली गोला-बारूद की सप्लाई अगले साल तक के लिए टल गई है.
दरअसल, इस साल जून के महीने में यूक्रेन ने अमेरिका और नाटो देश से मिले हथियारों के दम पर रूस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की कोशिश की थी. इसके लिए जर्मनी से मिलने लेपर्ड टैंक और अमेरिका से मिली आईसीवी के साथ यूक्रेनी सेना ने आगे बढ़ने की कोशिश की थी लेकिन रूस ने इन हमलों को विफल कर दिया. इसका कारण ये था कि रूस ने सीमावर्ती इलाकों में बारूदी-सुरंग बिछा रखी है जिससे फॉरवर्ड मूवमेंट नहीं हो पाया. साथ ही ईरान से मिले ड्रोन के जरिए रूस ने यूक्रेन के आर्मर्ड कॉलम्स को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया. बड़ी संख्या में यूक्रेन के सैनिक भी हताहत हुए हैं. यही वजह है कि यूक्रेन के सेना प्रमुख ने पिछले 20 महीने से चल रहे युद्ध में स्टेलमेट की बात कही थी. लेकिन जेलेंस्की हकीकत मानने को तैयार नहीं है.