Khalistan Terrorism

कनाडा के बाद अमेरिका के खालिस्तानियों में भी खौफ

एफबीआई ने अमेरिका में रह रहे सिख अलगाववादियों को सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी की है. एफबीआई एजेंट घर-घर जाकर उन सिख कट्टरपंथियों को आगाह कर रहे हैं जिन्होनें कुछ हफ्ते पहले अमेरिका के सैन-फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास में जाकर तोड़फोड़ मचाई थी और आग लगाने की कोशिश की थी. साफ है कि अमेरिका को भी इस बात का अंदेशा है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और कनिष्क बॉम्बिंग के आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के बाद अब बारी अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों की है।

इसी साल जुलाई के महीने में खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य-दूतावास के बाहर जमकर विरोध प्रर्दशन किया था. यही नहीं इन कट्टरपंथियों ने दूतावास में तोड़फोड़ की थी और आग लगाने की कोशिश भी की थी. अमेरिका की पुलिस ये सब मूक-दर्शक बनी देखती रही. जो एफबीआई यानि अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन जो आज घर-घर जाकर खालिस्तानी आतंकियों को सतर्क रहने की सलाह दे रही है, उसने भी इनके खिलाफ कोई कारवाई नहीं की थी।

पिछले हफ्ते ही भारत की जांच एजेंसी, एनआईए ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य-दूतावास में हुई अराजकता की घटना मेंं शामिल आरोपियों के खिलाफ हय्ू एंड क्राइ नोटिस जारी किया था ताकि इन आरोपियों की पहचान की जा सके।

1 जुलाई को अमेरिका में भारत के वाणिज्य-दूतावास में हुई ये घटना कोई पहली नहीं थी. इससे पहले मार्च के महीने भी खालिस्तानी समर्थकों ने इसी तरह की घटना को सैन फ्रांसिस्को में की थी. इस हमले में तो इंडियन कॉन्सिलिएट में तैनात भारतीय अधिकारी तक घायल हो गए थे.  इस घटना के बाद एनआईए ने 10 आरोपियों की पहचान कर तस्वीरें जारी की थी. बस इसी से अमेरिका की एफबीआई सकते में है।

आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है जिसने 9-11 अटैक के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में रात के अंधेरे में ढेर किया था. इजरायल ने ईरान के कमांडर सुलेमानी को बगदाद में ड्रोन अटैक में मार गिराया था. यानि वर्ल्ड-पावर देश के दुश्मन कहीं भी छिपे हों चुन-चुन कर मारते आए हैं. पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट पर एयर-स्ट्राइक कर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों का सफाया किया था।

आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है जिसने 9-11 अटैक के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में रात के अंधेरे में ढेर किया था. इजरायल ने ईरान के कमांडर सुलेमानी को बगदाद में ड्रोन अटैक में मार गिराया था. यानि वर्ल्ड-पावर देश के दुश्मन कहीं भी छिपे हों चुन-चुन कर मारते आए हैं. पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट पर एयर-स्ट्राइक कर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों का सफाया किया था।

इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शक्तिशाली देशों के ‘डबल-स्टैंडर्ड’ पर भी जमकर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा की प्रभावशाली देश जियो-पॉलिटिक्स में आ रहे बदलाव का विरोध कर रहे हैं. उनका सीधा निशाना कनाडा जैसे जी-7 देश हैं जो भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि जयशंकर अमेरिका पर भी निशाना साध रहे हैं क्योंकि पश्चिमी मीडिया ने ये बात उड़ा दी है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के हाथ उनके सबूत अमेरिका ने ही कनाडा को मुहैया कराए हैं. ऐसे में अमेरिका के डबल-गेम का भी खुलासा होता है।

ऐसे में सवाल ये भी खडा हो रहा है कि क्या अमेरिका ने ही कनाडा में तैनात भारतीय डिप्लोमैट की जासूसी की थी. क्या वो फाइव-आईज देश अमेरिका ही है जिसने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत के खिलाफ इंटेलिजेंस एवीडेंस दिए थे. इन सभी सवालों का जवाब है बिल्कुल नहीं. अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने अपने देश की मीडिया को साफ कर दिया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में फाइव आईज देशों ने सिर्फ कॉन्टेक्सट दिया था कोई इंटेलिजेंस से जुड़ा सबूत नहीं दिया था. फाइव आई देशों की खुफिया एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि ओटावा में इंडियन हाई कमीशन में तैनात भारती डिप्लोमैट की जासूसी कनाडा ने ही की थी।

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