7 अक्टूबर को जब आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर 5000 रॉकेट से हमला किया तो हर कोई हैरान था कि आखिर आयरन डोम ने जरूरी एयर-डिफेंस क्यों नहीं प्रदान किया. सालों से इजरायल को सुरक्षा-कवच देने वाला आयरन-डोम आखिर क्यों नहीं अपने देश को तबाह होने से बचा पाया. ये वही आयरन डोम सिस्टम है जिसे इजरायल भारत को भी देना चाहता था.
क्या है आयरन डोम
दुनिया के सबसे बेहतरीन और सुरक्षित एयर डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है आयरन डोम सिस्टम. आयरन डोम इजरायल के सुरक्षा कवच की तरह है. आयरन डोम सिस्टम एक जमीन से हवा में मार करने वाला कम दूरी का ‘एयर डिफेंस सिस्टम’ है जो रॉकेट, मोर्टार, तोप के गोले और यूएवी का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है. साल 2011 यानी आज से 12 साल पहले से आयरन डोम इजरायल की सुरक्षा कर रहा है. जैसे पाकिस्तान से सटी एलओसी पर गोलाबारी होती है, ठीक वैसे ही इजरायल और फिलिस्तीन के बॉर्डर पर हमेशा तनातनी रहती है. साल 2021 में हमास और फिलिस्तीन संगठनों ने इजरायल पर तगड़ा अटैक किया था. 1000 से ज्यादा रॉकेट इजरायल पर दागे थे पर इजरायल की तरफ से कहा गया कि आयरन डोम सिस्टम ने अधिकतर रॉकेट को जमीन पर पहुंचने से पहले ही ध्वस्त कर दिया था. अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि ये आयरन डोम सिस्टम इजरायल के लिए कितना महत्वपूर्ण है. साल 2006 में लेबनान संघर्ष के दौरान हिजबुल्लाह ने इजरायल के हाइफा समेत कई क्षेत्रों पर अटैक किया, जिसमें इजरायली नागरिकों समेत कई लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के बाद ही इजरायल ने एयर डिफेंस सिस्टम विकसित किया था.
कैसे बना आयरन डोम
आयरन डोम सिस्टम दुनिया की पहली पसंद है. आयरन डोम को इजरायल ने खुद विकसित किया था. आयरन डोम का डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार इतना जबर्दस्त है कि मिसाइल के रिहायशी इलाके में गिरने से पहले डिटेक्ट करके नष्ट कर देता है. जानकारों के मुताबिक- आयरन डोम ये भी पता लगा लेता है कि कौन सी मिसाइल चूक गई है और कौन से मिसाइल रिहायशी इलाके में गिरने वाली है. सिस्टम केवल उन्हीं मिसाइलों को टारगेट करता है, जो नुकसान पहुंचा रही होती हैं. आयरन डोम सिस्टम की सीमा लगभग 70 किमी है और इसमें तीन डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार के अलावा हथियार नियंत्रण और मिसाइलों से लैस लॉन्चर इसे बेहद खास बना देते हैं. साल 2006 के अटैक में अपने दर्जनों इजरायली नागरिकों को खोने के बाद इजरायल ने अमेरिका की मदद से आयरन डोम सिस्टम तैयार किया था. अमेरिका ने एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 20 करोड़ डॉलर की मदद भी की. आयरन डोम की स्पीड और टारगेट इसे दूसरे एयर डिफेंस सिस्टम से अलग बनाता है. आयरन डोम सिस्टम के निर्माता राफिल का दावा है कि आयरन डोम सिस्टम की सफलता दर 90 प्रतिशत है.
इजरायल-हमास वॉर अपडेट
इजरायल और हमास में आर-पार की जंग शुरु हो चुकी है. इजरायल जवाबी हमला कर रहा है पर ईरान, तुर्किए की सरपरस्ती में हमास भी पीछे नहीं हट रहा. हमास लगातार इजराइल पर हमले कर रहा है. हमास की तरफ से भारी संख्या में रॉकेट दागे जाने और अपने नागरिकों की मौत के बाद इजरायली राष्ट्रपति ने हमास समेत उन सभी देशों को अंतिम चेतावनी दे डाली है. इजरायली राष्ट्रपति नेत्यनाहू ने एक बयान जारी करके कहा है कि पश्चिम एशिया का नक्शा बदल जाएगा. हमास खौफनाम अंजाम भुगतेगा. हमने अभी शुरुआत की है. इजरायल पर युद्ध जबरन थोपा गया है. पर अब युद्ध तब समाप्त होगा जब हम चाहेंगे.
इजरायली सेना गाजा में एक बड़ा ऑपरेशन कर रही है जिसे स्वॉर्ड ऑफ आयरन नाम दिया गया है. इजरायल और गाजा-पट्टी में युद्ध के सायरन लगातार सुने जा रहे हैं. हमास लड़ाकों की कमर तोड़ने के लिए गाजा पट्टी पर बिजली, पानी, खाने की सप्लाई पूरी तरह से रोक दी गई है. इजरायली एक्शन से हमास तिलमिला उठा है, हमास ने धमकी दी है कि जिन इजरायली लोगों को बंधक बनाया गया है, अगर इजरायल ने हमले नहीं रोके तो बंधकों को मार डाला जाएगा. इजरायली फोर्से ने एक कृषक कम्युनिटी में पड़े 100 शव बरामद किए. माना जा रहा है कि हमास ने उन इजरायली नागरिकों को हत्या की है जिन्हें कृषक कम्युनिटी में बंधक बनाकर रखा गया था. इजराइली पुलिस और हमास आतंकियों का कई जगह आमना सामना हुआ है. गोलियों की आवाज पूरे इलाके में गूंज रही है. लोग दहशत में हैं. आतंकी हमले के महज 4 दिनों के अंदर दोनो तरफ के करीब 1500 लोगों के मारे जाने की खबर है.
से 1700 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. हजारों लोग घायल हुए है.
हमास के आगे कैसे फेल हुआ आयरन डोम?
हमास ने जिस तरह से अटैक किया एक्सपर्ट्स का मानना है कि उन्होंने आयरन डोम की खामियों की स्टडी की है. स्टडी में पाया गया है कि कम समय में एक साथ ज्यादा मिसाइलों की बौछार के चलते आयरन डोम या तो एक्टिव नहीं हो पाया या उतना कारगर साबित नहीं हो सका जितना अभी तक होता आया था. हमास ने सिर्फ 20 मिनट में 5,000 से ज्यादा मिसाइल लॉन्च किए जिसकी वजह से आयरन डोम सिस्टम का एक साथ डिटेक्शन और ट्रैकिंग फेल हो गया. हालांकि हमास के कुछ मिसाइलों को आयरन डोम ने जरूर काउंटर किया. लेकिन अधिकतर रॉकेट ने इजरायल में तबाही मचा डाली. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक- हमास ने इस बार इजरायल पर साल्वो रॉकेट से हमला किया. यानि एक साथ बड़ी संख्या में रॉकेट को हमला किया जो किसी खास ट्रेजेक्टरी में दागे गए थे.
आयरन डोम सिस्टम के पूरी तरह से सफल ना होने के बाद दुनिया के कई देशों ने सीमा सुरक्षा को रिव्यू किया है. वहीं इजरायल में अभी भी बहुत लोग हैं, जो आयरन डोम सिस्टम की तारीफ कर रहे हैं कि अगर डोम नहीं होता तो शायद तबाही और मौतों का आंकड़ा दोगुना होता. इजरायल ने कुछ साल पहले भारत को भी आयरन डोम प्रणाली देने की पेशकश की थी.
भारत का एयर डिफेंस सिस्टम
भारत की हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारी फिलहाल आकाश मिसाइल सिस्टम के हवाले है जिसकी रेंज करीब 25 किलोमीटर है. इसके अलावा पृथ्वी एयर डिफेंस सिस्टम भी है जो लंबे समय से भारत की एयर-स्पेस की सुरक्षा कर रहा है. भारत का सरकारी रक्षा उपक्रम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) भी आयरन डोम और अमेरिका के नेशनल एडवांस सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (एनएएसएएमएस) की तर्ज पर बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) तैयार कर रहा है, जो जल्द पूरा होने की उम्मीद है. भारत ने लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस के लिए रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम का सौदा भी किया है. इसके तहत एस-400 की तीन यूनिट भारत को मिल चुकी हैं और बाकी दो भी जल्द मिल जाएंगी. हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बताया था कि यूक्रेन युद्ध के चलते एस-400 की सप्लाई बाधित हुई है.