इजरायल-हमास के बीच एक महीने से चल रही जंग के बीच भारत में एक बड़ी बैठक होने वाली है. बेहद ताकतवर माने जाने वाले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एक साथ खास 2+2 (टू प्लस टू) वार्ता करेंगे. बैठक में भारत-अमेरिका के रक्षा और विदेश संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने और वैश्विक सुरक्षा पर चर्चा होगी. भारत और अमेरिका के बीच साल में एक बार होने वाले इस मंत्रिस्तरीय डायलॉग की शुरुआत 2018 में हुई थी.
किन मुद्दों पर होगी बात ?
इस वक्त दुनिया के कई देशों में दो फाड़ मचा हुआ है. रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि इजराय़ल और हमास के बीच भीषण जंग छिड़ गई है. वहीं चीन की विस्तारवाद नीति के चलते भारत से भी चीन के संबंध दोस्ताना नहीं हैं. हाल ही में अमेरिका की एक रिपोर्ट में पेंटागन ने दावा किया गया था कि चीन एलएसी पर निर्माण कार्य तेजी से कर रहा है. एलएली पर चीन ने हेलीपैड बना लिया है. चार संयुक्त आर्म्स ब्रिगेड के साथ झिंजियांग और तिब्बत एरिया के दो डिवीजनों को भी तैनात किया. चीन ने डोकलाम के पास नई सड़कें, बंकर, पैंगोंग झील पर एक दूसरा पुल और एलएसी के पास हवाई अड्डा और कई हेलीपैड तैयार किए हैं. ऐसे में देशों में चल रहे सैन्य गतिरोधों को लेकर 2+2 वार्ता बेहद अहम हो जाती है.
इन अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर होगी खास चर्चा
भारत और अमेरिका क्वाड समूह का हिस्सा हैं, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने पर काम कर रहा है. अमेरिका-भारत के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों में इजरायल-हमास, चीन-पाकिस्तान और रूस-यूक्रेन जैसे कई मुद्दों पर बात हो सकती है. साथ ही ताइवान के खिलाफ चीन की आक्रामक नीतियों पर भी चर्चा हो सकती है.
2+2 वार्ता के लिए रक्षा मंत्रालय की तैयारी पूरी
टू प्लस टू की बैठक को लेकर भारत के रक्षा मंत्रालय के बयान सामने आया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, “2+2 वार्ता और द्विपक्षीय बैठक के दौरान कई रणनीतिक, रक्षा और प्रौद्योगिकी मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.” इस बीच गुरूवार की दोपहर को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं. पालम टेक्निकल हवाईअड्डे पर अमेरिकी रक्षामंत्री को ट्राई-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष की गले लगाकर अगवानी की. इस दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी मौजूद थे.
द्विपक्षीय चर्चा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन के बीच अलग से द्विपक्षीय मामलों पर भी चर्चा होगी. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत और अमेरिका के साथ रक्षा संबंधों में मजबूती आई है. रूस-फ्रांस-इजरायल के बाद अमेरिका भारत का एक प्रमुख रक्षा भागीदार बन गया है. अब भारत 20 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के रक्षा व्यापार कर चुका है. जबकि कुछ वर्षों पहले तक भारत-अमेरिका में रक्षा व्यापार काफी कम था.
2+2 से पहले इन्डस-एक्स का आयोजन
भारत के रक्षा उत्पादन विभाग और अमेरिकी रक्षा विभाग के तहत इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीएक्स) ने बुधवार को इन्डस-एक्स इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. इस इनवेस्टर मीट में अमेरिका के पूर्व उप सहायक रक्षा सचिव जोसेफ एच फेल्टर ने हिस्सा लिया. जोसेफ फेल्टर ने कहा कि 2016 के बाद भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार घोषित किया गया था. भारत से संबंध से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है. इन्डस-एक्स के तहत एजुकेशनल सीरीज (गुरुकुल) भी लॉन्च किया गया. यूएस रक्षा विभाग के डिफेंस इनोवेशन यूनिट के निदेशक डौग बेक ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल और रक्षा मंत्रालय में आईडैक्स-डीआईओ के सीओओ विवेक विरमानी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. इस दौरा विवेक विरमानी ने कहा कि आईडैक्स का इरादा हमारे स्टार्ट-अप और एमएसएमई को सेना के साथ जोड़ना है.
दुनिया ने माना, भारत है ‘बॉस’
भारत अमेरिका का एक स्ट्रेटेजिक पार्टनर है. पहले जहां भारत दूसरे देशों के दबाव में आ जाता था मोदी सरकार आने के बाद भारत की छवि बदल गई है. प्रधानमंत्री मोदी की सशक्त छवि के चलते भारत का डंका अब दूसरे देश मानने लगे हैं. यही वजह है कि दुनिया में चल रहे खून खराबे के बीच हर देश की निगाहें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिक जाती हैं कि वो पहल करके युद्ध रुकवाएं. पीएम मोदी भी उम्मीद पर खरे उतरते हैं क्योंकि पुतिन जैसे मित्र को भी उन्होंने खरी-खरी सुना दी थी. हाल ही में एक प्रेसवार्ता के दौरान व्हाइट हाउस के जॉन किर्बी ने कहा कि भारत अमेरिका का एक जरूरी रणनीतिक भागीदार है. दुनिया ने भी भारत की शक्ति को पहचान लिया है. किसी भी मुद्दे पर भारत का क्या रुख है, वो सिर्फ भारत तय करता है. बहरहाल 2+2 बैठक की मेजबानी करने के लिए भारत तैयार है. कई रक्षा समझौतों और वैश्विक नीति को लेकर भारत-अमेरिका में मंथन होगा. और इस बैठक को लेकर चीन-पाकिस्तान जैसे देशों के कान खड़े हो गए हैं.