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Supreme Sacrifice: मुआवजे की प्रदर्शनी नहीं, सम्मान चाहिए मंत्री जी !

“भईया प्रदर्शनी मत लगाओ, मेरे बेटू को बुला दो.”  ये शब्द उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के उस कैबिनेट मंत्री के मुंह पर तमाचा है जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिक के घर 50 लाख का चेक लेकर पहुंचे थे. योगी सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने असंवेदनशीलता कि हद पार कर दी और सदमे में परिवार के सदस्यों को अपने बेटे के अंतिम दर्शन तक का इंतजार नहीं किया और लगे चेक के साथ तस्वीर खिंचवाने. 

मां अपने जवान बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रही थी और मंत्रीजी चेक के साथ फोटो सेशन करने लगे. लेकिन ये सब कुछ कैमरे पर कैद हो रहा था. योगी जी के मंत्री जी की बेहूदगी को लेकर लोग सोशल मीडिया पर जमकर कोस रहे हैं और गालियां भी दे रहे हैं. 

जवान बेटे के जाने के गम में बदहवास मां ने मंत्री जी को आईना दिखा दिया और कह दिया प्रदर्शनी मत लगाओ. ये मां है भारतीय सेना के कैप्टन शुभम गु्प्ता की जिन्होनें  22 नवंबर को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकियों से लोहा लेते हुए जान की बाजी लगा दी. 

आई फील प्राउड: बहादुर कैप्टन के पिता 

आगरा के रहने वाले 26 साल के शुभम गुप्ता की मां को जब से अपने बेटे के बलिदान की खबर मिली है रो-रोकर बुरा हाल है. पूरा आगरा शुभम के परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुँच रहा है. शुभम गुप्ता की शादी की तैयारियां चल रहीं थी पर 22 नवंबर को एक ही पल में सारी खुशियां ओझल हो गईं. तभी से मां बिलख रही है.

राजौरी में महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू कराने गए शुभम गुप्ता आतंकी मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए. मां से शहीद शुभम गुप्ता ने एक ही सप्ताह में घर आने के लिए कहा था, पर अब वो कभी नहीं लौटेंगे. शुभम के पिता भी अपनी बेटे को याद करके रो रहे हैं. मीडिया और लोगों से बस पिता बसंत गुप्ता इतना कह पाते हैं कि “आई फील प्राउड.” 

राजौरी एनकाउंटर

एलओसी के सटे राजौरी के कालाकोटे जंगलों की एक गुफा में दो पाकिस्तानी आतंकी छिपे थे. इन्होनें जंगल में रहने वाले एक परिवार को भी बंधक बनाया था. जानकारी मिलने पर भारतीय सेना की आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) और पैरा-एसएफ कमांडो की एक टुकड़ी महिलाओं और बच्चों को आतंकियों के चंगुल से सुरक्षित निकालने के लिए गई थी. उसी दौरान आतंकियों और सैनिकों के बीच मुठभेड़ हुई.  

आतंकियों  और सुरक्षाबलों में भारी गोलीबारी हुई. मुठभेड़ में सेना के जवानों ने लश्कर के दो खूंखार आतंकवादी को मार गिराया. सेना के मुताबिक, मारा गया क्वारी नाम का एक आतंकी पाकिस्तान का रहने वाला है और अफगानिस्तान में भी सक्रिय था. दूसरा आतंकी पाकिस्तानी सेना से रिटायर्ड था. हालांकि इस एनकाउंटर में बच्चों और महिलाओं के रेस्क्यू मिशन के दौरान सेना के कैप्टन शुभम सहित पांच सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए. वीरगति को प्राप्त हुए दूसरे सैनिक हैं कैप्टन एम वी प्रांजल, हवलदार अब्दुल माजिद, लांस नायक संजय विष्ट और पैरा-ट्रूपर सचिन लोर.

यूपी के मंत्री की बेशर्मी  

आगरा में मातम है. कैप्टन शुभम के घर सांत्वना देने वाले लोगों सा तांता लगा हुआ है. इस बीच आज योगी कैबिनेट में मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय भी घर आए. परिवार और लोगों को लगा कि दुख में मंत्री जी सरकार की नुमाइंदगी करने आए हैं, पर मंत्री जी ने तो बेशर्मी की सारी हदें पार कर दीं. मंत्री जी ने 25-25 लाख के चेक निकाले और वीर सैनिक की मां को थमाने लगे. ये वो चेक थे जिसे सीएम योगी ने मुआवजे के तौर पर कैप्टन शुभम के परिवार को दिए हैं. यहां तक भी ठीक था लेकिन जब मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और स्थानीय विधायक चेक देते हुए फोटो खिंचाने लगे तब मां की आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा. मंत्री जी चेक के साथ फोटो सेशन करते रहे और शुभम की मां फफक पड़ीं. मां ने बिलखते हुए कहा कि मेरे लिए ये प्रदर्शनी मत लगाओ भाई, मत करो मत करो ये प्रदर्शनी, मेरे बेटू को बुला दो. मेरी दुनिया छिन गई. मां को रोता देख मंत्री जी असहज तो हुए लेकिन बावजूद इसके फोटो खिचवाना नहीं छोड़ा.  

बीजेपी का बी मतलब बेशर्म- विपक्ष 

समाजवादी पार्टी ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा है कि “भाजपाइयों की असंवेदनशीलता पर एक मां ने कहा, ऐसी प्रदर्शनी मत लगाओ भाई,बीजेपी सरकार के मंत्री कल ही शहीद हुए शुभम गुप्ता के परिवार को चेक देने के नाम पर फोटोशूट करा रहे हैं. बिलखती मां के आंसुओं का अपमान है. बीजेपी वाले शहीदों के नाम पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आए, शर्मनाक.” 

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राघव चड्ढा ने कहा “बीजेपी के बी का मतलब बेशर्म और पी का मतलब पब्लिसिटी होना चाहिए. शुभम गुप्ता ने सर्वोच्च बलिदान दिया और बेसब्री से बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रही हैं.” 

शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कहा कि “ये कैसी बेशर्मी है, मां गमगीन होकर गुहार लगा रही हैं फिर भी मंत्री जी अपना फोटो सेशन जारी रखे हुए हैं. कैमरे के बिना शांति से शोक भी नहीं मनाने देंगे, ह्रदयहीन.”

कैप्टन शुभम गुप्ता साल 2015 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. 2019 में शुभम की तैनाती जम्मू-कश्मीर में हुई थी. योगी सरकार ने 50 लाख, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और सड़क का नाम शुभम गुप्ता के नाम पर रखने का ऐलान किया है. पर मंत्री जी ने जो भी किया उसपर सियासत गरम है.   

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