July 3, 2024
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जेलेंस्की की सेना में 3000 कैदी हुए भर्ती, सैनिकों की कमी से जूझ रहा है यूक्रेन

सैनिकों की कमी से जूझ रहे यूक्रेन को अब जेल में बंद कैदियों पर भरोसा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जैसे ही कैदियों को सेना में भर्ती का बिल पास किया, करीब 3000 जेल बंदियों ने रिक्रूटमेंट के लिए एप्लाई कर दिया है. खुद यूक्रेन की न्यायिक मंत्री ने इस बात की जानकारी दी है. 

पिछले हफ्ते (17 मई को) जेलेंस्की ने जेल में बंद कैदियों से जुड़े बिल को मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत कैदियों को सेना में भर्ती के लिए आवदेन करने की छूट दी जा सकती है. अगर ये कैदी सेना के नियमों के तहत भर्ती कर लिए जाते हैं तो इनकी सजा भी माफ हो सकती है. हालांकि, नए कानून के तहत वे कैदी जिनपर दो या दो से ज्यादा लोगों की हत्या का आरोप है या फिर बलात्कार और यौन शोषण जैसे संगीन आरोप लगे हैं वे इस बिल के दायरे से बाहर हैं. साथ ही वे सरकारी अफसर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई अपराध किया है उन्हें भी सेना की रिक्रूटमेंट ड्राइव से बाहर रखा गया है. 

यूक्रेन की न्यायिक मंत्री ओलेना व्योत्सका के मुताबिक, अब तक करीब 3000 कैदियों ने सेना में भर्ती के लिए आवेदन दिया है. लेकिन इन सभी को पहले मेडिकल जांच से गुजरना होगा और फिर स्थानीय मिलिट्री कमांडर ही इनकी भर्ती को मंजूर कर सकते हैं. शुरूआत में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि यूक्रेन के करीब 20 हजार कैदियों ने सेना मेें भर्ती के लिए आवदेन किया है. लेकिन न्यायिक मंत्री ने उन आंकड़ो को गलत करार दिया है. 

दरअसल, रुस से जंग में यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. रुस के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि फरवरी 2002 से लेकर अब तक (21 मई 2024) यूक्रेन के 600 से ज्यादा मिलिट्री एयरक्राफ्ट, 274 हेलीकॉप्टर, करीब 25 हजार ड्रोन, 523 एयर डिफेंस मिसाइल, 16 हजार से ज्यादा टैंक और आर्मर्ड व्हीकल, 1300 से ज्यादा मल्टी लॉन्चर रॉकेट से लैस कॉम्बेट व्हीकल,  करीब 10 हजार तोप और 20 हजार से ज्यादा सैन्य उपकरण को तबाह किया जा चुका है. रुस ने यूक्रेनी सेैनिकों के मारे जाने की जो अपुष्ट आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक, अब तक यूक्रेन के डेढ़ लाख से तीन लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. 

यूक्रेन ने आधिकारिक तौर से कभी अपने सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा जारी नहीं किया है. लेकिन इसी साल फरवरी के महीने में जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन के 31 हजार सैनिकों की जान अब तक जा चुकी है. इसके अलावा जेलेंस्की ने कहा था कि रुसी हमलों में हजारों की तादाद में यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके हैं या फिर घायल हो चुके हैं. रुस से युद्ध शुरु होने से पहले यूक्रेन की सेना में करीब 5 लाख सैनिक थे. अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की मानें तो यूक्रेन के 70 हजार से ज्यादा सैनिक अब तक मारे जा चुके हैं. साथ ही करीब 1.20 लाख सैनिक घायल हुए हैं. यही वजह है कि यूक्रेन को अपनी सेना को बड़े स्तर पर मोबिलाइज करने की जरुरत है. 

सैनिकों की कमी को देखते हुए ही यूक्रेन ने अपने देश के सभी 60 साल से कम उम्र के पुरुष नागरिकों को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन नागरिकों को जबरदस्ती सेना में भर्ती किया जा रहा है. ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जहां यूक्रेन की सेना आम नागरिकों को रिक्रूटमेंट के लिए लेकर जा रही है. 

हालांकि, यूक्रेन का भी दावा है कि जंग में रुस को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचाया गया है. यूक्रेन का रक्षा मंत्रालय भी प्रतिदिन रुस को पहुंचाएं नुकसान का आंकड़ा जारी करता है. यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 24 फरवरी 2022 से लेकर अब तक (22 मई 2024) रुस के 4.96 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. यूक्रेन का दावा है कि अब तक रुस के 7611 टैंक, 14721 आर्मर्ड कॉम्बेट व्हीकल, 12,820 तोप, 1077 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम, 812 एयर डिफेंस सिस्टम, 10 हजार से ज्यादा ड्रोन (यूएवी), 354 एयरक्राफ्ट, 326 हेलीकॉप्टर, 2208 क्रूज मिसाइल, 27 युद्धपोत, एक पनडुब्बी और 17 हजार से ज्यादा मिलिट्री व्हीकल को तबाह किया जा चुका है (https://x.com/DefenceU/status/1793147384240984415).

हालांकि, रुस ने यूक्रेन के आंकड़ों को कभी सही नहीं स्वीकार किया है. लेकिन पिछले साल रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जितने सैनिक यूक्रेन के अब तक जंग में मारे जा चुके हैं, उसके 1-10 रुस के मारे गए हैं. वहीं अमेरिका का दावा है कि जंग में रुस और यूक्रेन दोनों के करीब 5 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. रुस को भी जंग में बड़ा नुकसान हुआ है. यही वजह है कि इस तरह की खबरें भी सामने आई है कि जेल में बंद कैदियों को यूक्रेन से मोर्चा लेने के लिए भेजा जा रहा है. वैगनर प्राईवेट आर्मी को भी शायद इसीलिए जंग के मैदान में भेजा गया था. 

सेैनिकों की कमी से जूझ रहे यूक्रेन को अब जेल में बंद कैदियों पर भरोसा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जैसे ही कैदियों को सेना में भर्ती का बिल पास किया, करीब 3000 बंदियों ने रिक्रूटमेंट के लिए एप्लाई कर दिया है. खुद यूक्रेन की न्यायिक मंत्री ने इस बात की जानकारी दी है. 

पिछले हफ्ते (17 मई को) जेलेंस्की ने जेल में बंद कैदियों से जुड़े बिल को मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत कैदियों को सेना में भर्ती के लिए आवदेन करने की छूट दी जा सकती है. अगर ये कैदी सेना के नियमों के तहत भर्ती कर लिए जाते हैं तो इनकी सजा भी माफ हो सकती है. हालांकि, नए कानून के तहत वे कैदी जिनपर दो या दो से ज्यादा लोगों की हत्या का आरोप है या फिर बलात्कार और यौन शोषण जैसे संगीन आरोप लगे हैं वे इस बिल के दायरे से बाहर हैं. साथ ही वे सरकारी अफसर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई अपराध किया है उन्हें भी सेना की रिक्रूटमेंट ड्राइव से बाहर रखा गया है. 

यूक्रेन की न्यायिक मंत्री ओलेना व्योत्सका के मुताबिक, अब तक करीब 3000 कैदियों ने सेना में भर्ती के लिए आवेदन दिया है. लेकिन इन सभी को पहले मेडिकल जांच से गुजरना होगा और फिर स्थानीय मिलिट्री कमांडर ही इनकी भर्ती को मंजूर कर सकते हैं. शुरूआत में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि यूक्रेन के करीब 20 हजार कैदियों ने सेना मेें भर्ती के लिए आवदेन किया है. लेकिन न्यायिक मंत्री ने उन आंकड़ो को गलत करार दिया है. 

दरअसल, रुस से जंग में यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. रुस के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि फरवरी 2002 से लेकर अब तक (21 मई 2024) यूक्रेन के 600 से ज्यादा मिलिट्री एयरक्राफ्ट, 274 हेलीकॉप्टर, करीब 25 हजार ड्रोन, 523 एयर डिफेंस मिसाइल, 16 हजार से ज्यादा टैंक और आर्मर्ड व्हीकल, 1300 से ज्यादा मल्टी लॉन्चर रॉकेट से लैस कॉम्बेट व्हीकल,  करीब 10 हजार तोप और 20 हजार से ज्यादा सैन्य उपकरण को तबाह किया जा चुका है. रुस ने यूक्रेनी सेैनिकों के मारे जाने की जो अपुष्ट आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक, अब तक यूक्रेन के डेढ़ लाख से तीन लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. 

यूक्रेन ने आधिकारिक तौर से कभी अपने सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा जारी नहीं किया है. लेकिन इसी साल फरवरी के महीने में जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन के 31 हजार सैनिकों की जान अब तक जा चुकी है. इसके अलावा जेलेंस्की ने कहा था कि रुसी हमलों में हजारों की तादाद में यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके हैं या फिर घायल हो चुके हैं. रुस से युद्ध शुरु होने से पहले यूक्रेन की सेना में करीब 5 लाख सैनिक थे. अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की मानें तो यूक्रेन के 70 हजार से ज्यादा सैनिक अब तक मारे जा चुके हैं. साथ ही करीब 1.20 लाख सैनिक घायल हुए हैं. यही वजह है कि यूक्रेन को अपनी सेना को बड़े स्तर पर मोबिलाइज करने की जरुरत है. 

सैनिकों की कमी को देखते हुए ही यूक्रेन ने अपने देश के सभी 60 साल से कम उम्र के पुरुष नागरिकों को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन नागरिकों को जबरदस्ती सेना में भर्ती किया जा रहा है. ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जहां यूक्रेन की सेना आम नागरिकों को रिक्रूटमेंट के लिए लेकर जा रही है. 

हालांकि, यूक्रेन का भी दावा है कि जंग में रुस को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचाया गया है. यूक्रेन का रक्षा मंत्रालय भी प्रतिदिन रुस को पहुंचाएं नुकसान का आंकड़ा जारी करता है. यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 24 फरवरी 2022 से लेकर अब तक (22 मई 2024) रुस के 4.96 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. यूक्रेन का दावा है कि अब तक रुस के 7611 टैंक, 14721 आर्मर्ड कॉम्बेट व्हीकल, 12,820 तोप, 1077 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम, 812 एयर डिफेंस सिस्टम, 10 हजार से ज्यादा ड्रोन (यूएवी), 354 एयरक्राफ्ट, 326 हेलीकॉप्टर, 2208 क्रूज मिसाइल, 27 युद्धपोत, एक पनडुब्बी और 17 हजार से ज्यादा मिलिट्री व्हीकल को तबाह किया जा चुका है. 

हालांकि, रुस ने यूक्रेन के आंकड़ों को कभी सही नहीं स्वीकार किया है. लेकिन पिछले साल रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जितने सैनिक यूक्रेन के अब तक जंग में मारे जा चुके हैं, उसके 1-10 रुस के मारे गए हैं. वहीं अमेरिका का दावा है कि जंग में रुस और यूक्रेन दोनों के करीब 5 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. रुस को भी जंग में बड़ा नुकसान हुआ है. यही वजह है कि इस तरह की खबरें भी सामने आई है कि जेल में बंद कैदियों को यूक्रेन से मोर्चा लेने के लिए भेजा जा रहा है. वैगनर प्राईवेट आर्मी को भी शायद इसीलिए जंग के मैदान में भेजा गया था. 

सैनिकों की कमी से जूझ रहे यूक्रेन को अब जेल में बंद कैदियों पर भरोसा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जैसे ही कैदियों को सेना में भर्ती का बिल पास किया, करीब 3000 जेल बंदियों ने रिक्रूटमेंट के लिए अप्लाई कर दिया है. खुद यूक्रेन की न्यायिक मंत्री ने इस बात की जानकारी दी है. 

पिछले हफ्ते (17 मई को) जेलेंस्की ने जेल में बंद कैदियों से जुड़े बिल को मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत कैदियों को सेना में भर्ती के लिए आवेदन करने की छूट दी जा सकती है. अगर ये कैदी सेना के नियमों के तहत भर्ती कर लिए जाते हैं तो उसकी सजा भी माफ हो सकती है. हालांकि, नए कानून के तहत वे कैदी जिस पर दो या दो से ज्यादा लोगों की हत्या का आरोप है या फिर बलात्कार और यौन शोषण जैसे संगीन आरोप लगे हैं वे इस बिल के दायरे से बाहर हैं. साथ ही वे सरकारी अफसर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई अपराध किया है उन्हें भी सेना की रिक्रूटमेंट ड्राइव से बाहर रखा गया है. 

यूक्रेन की न्यायिक मंत्री ओलेना व्योत्सका के मुताबिक, अब तक करीब 3000 कैदियों ने सेना में भर्ती के लिए आवेदन दिया है. लेकिन इन सभी को पहले मेडिकल जांच से गुजरना होगा और फिर स्थानीय मिलिट्री कमांडर ही इनकी भर्ती को मंजूर कर सकते हैं. शुरुआत में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि यूक्रेन के करीब 20 हजार कैदियों ने सेना में भर्ती के लिए आवेदन किया है. लेकिन न्याय मंत्री ने उन आंकड़ो को गलत करार दिया है. 

दरअसल, रुस से जंग में यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. रुस के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि फरवरी 2002 से लेकर अब तक (21 मई 2024) यूक्रेन के 600 से ज्यादा मिलिट्री एयरक्राफ्ट, 274 हेलीकॉप्टर, करीब 25 हजार ड्रोन, 523 एयर डिफेंस मिसाइल, 16 हजार से ज्यादा टैंक और आर्मर्ड व्हीकल्स, 1300 से ज्यादा मल्टी लॉन्चर रॉकेट से लैस कॉम्बेट व्हीकल,  करीब 10 हजार तोप और 20 हजार से ज्यादा सैन्य उपकरण को तबाह किया जा चुका है. रुस ने यूक्रेन सैनिकों के मारे जाने की जो अपुष्ट आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक, अब तक यूक्रेन के डेढ़ लाख से तीन लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. 

यूक्रेन ने आधिकारिक तौर से कभी अपने सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा जारी नहीं किया है. लेकिन इसी साल फरवरी के महीने में जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन के 31 हजार सैनिकों की जान अब तक जा चुकी है. इसके अलावा जेलेंस्की ने कहा था कि रुसी हमलों में हजारों की तादाद में यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके हैं या फिर घायल हो चुके हैं. रुस से युद्ध शुरु होने से पहले यूक्रेन की सेना में करीब 5 लाख सैनिक थे. अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की मानें तो यूक्रेन के 70 हजार से ज्यादा सैनिक अब तक मारे जा चुके हैं. साथ ही करीब 1.20 लाख सैनिक घायल हुए हैं. यही वजह है कि यूक्रेन को अपनी सेना को बड़े स्तर पर मोबिलाइज करने की जरूरत है. 

सैनिकों की कमी को देखते हुए ही यूक्रेन ने अपने देश के सभी 60 साल से कम उम्र के पुरुष नागरिकों को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन नागरिकों को जबरदस्ती सेना में भर्ती किया जा रहा है. ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जहां यूक्रेन की सेना आम नागरिकों को रिक्रूटमेंट के लिए लेकर जा रही है. 

हालांकि, यूक्रेन का भी दावा है कि जंग में रुस को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचाया गया है. यूक्रेन का रक्षा मंत्रालय भी प्रतिदिन रुस को पहुंचाएं नुकसान का आंकड़ा जारी करता है. यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 24 फरवरी 2022 से लेकर अब तक (22 मई 2024) रुस के 4.96 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. यूक्रेन का दावा है कि अब तक रुस के 7611 टैंक, 14721 आर्मर्ड कॉम्बेट व्हीकल, 12,820 तोप, 1077 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम, 812 एयर डिफेंस सिस्टम, 10 हजार से ज्यादा ड्रोन (यूएवी), 354 एयरक्राफ्ट, 326 हेलीकॉप्टर, 2208 क्रूज मिसाइल, 27 युद्धपोत, एक पनडुब्बी और 17 हजार से ज्यादा मिलिट्री व्हीकल को तबाह किया जा चुका है. 

हालांकि, रुस ने यूक्रेन के आंकड़ों को कभी सही नहीं स्वीकार किया है. लेकिन पिछले साल रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जितने सैनिक यूक्रेन के अब तक जंग में मारे जा चुके हैं, उसके 1/10 रुस के मारे गए हैं. वहीं अमेरिका का दावा है कि जंग में रुस और यूक्रेन दोनों के करीब 5 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं. रुस को भी जंग में बड़ा नुकसान हुआ है. यही वजह है कि इस तरह की खबरें भी सामने आई है कि जेल में बंद कैदियों को यूक्रेन से मोर्चा लेने के लिए भेजा जा रहा है. वैगनर प्राईवेट आर्मी को भी शायद इसीलिए जंग के मैदान में भेजा गया था. 

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