By Manish Shukla
रविवार को केरल में हुए बम धमाकों में बड़ा खुलासा हुआ है. ईसाई समुदाय से जुड़े एक कन्वेंशन सेंटर में हुए बम धमाकों को ‘लोन-वुल्फ’ की तर्ज पर आरोपी डोमिनिक मार्टिन ने अंजाम दिया था. धमाकों से पहले उसने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि ये समुदाय “केरल के बच्चों को राष्ट्रीय-गान गाने से मना करता था और सेना में शामिल न होने का प्रचार करता था.” पुलिस ने मार्टिन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी है ताकि उसके बयानों की तस्दीक की जा सके.
केरल पुलिस के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक डोमिनिक भी उसी यहोवा विटनेस चर्च का मेंबर है जिसके कार्यक्रम में रविवार को धमाके हुए थे. पुलिस को दिये बयान में मार्टिन ने बताया है कि वो यहोवा चर्च द्वारा आयोजित कार्यक्रमों से खुश नहीं था और इसी वजह से उसने धमाके की साजिश रची थी.
केरल के कोच्चि में कन्वेंशन सेंटर में हुए धमाके की जांच केरल पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों की टीम भी कर रही है. धमाके के कुछ ही घंटे के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए) और नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) की टीमें केरल पहुंच गई थीं. केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस धमाके की जिम्मेदारी जिस शख्स (मार्टिन) ने ली है उसपर यकीन करने से पहले उसके बयानों की तस्दीक की जाएगी. जांच एजेंसियों को शक है कि जिस तरह से धमाके की प्लानिंग की गई उसके तार और भी संदिग्धों से जुड़ सकते हैं. माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार इस मामले की जांच एनआईए को भी सौंप सकती है. मामले में यहोवा विटनेस चर्च का पक्ष सामने नहीं आया है (आते ही लेख को अपडेट किया जाएगा).
कन्वेंशन सेंटर में हुए धमाके में तीन लोगों की मौत हुई है और 52 लोग घायल हुए हैं. केरल पुलिस के मुताबिक जिस वक्त धमाका हुआ उस समय सुबह के करीब 9.45 बजे का वक्त था. कन्वेंशन सेंटर में होने वाले प्रार्थना सभा के लिए 2 हज़ार के करीब लोग जमा थे. पांच मिनट के भीतर एक-एक करके हुए तीन धमाकों से उस दौरान सेंटर में पूरी तरह से अफरातफरी मच गई थी. सेंटर में जमा लोगों को पहले ये लगा कि ये कोई सिलेंडर से हुआ धमाका है.
केरल पुलिस को धमाके की जगह से ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल रिमोट और अन्य सामान मिला है जिससे ऐसा लगता है कि धमाकों के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया था.
केरल में बम ब्लास्ट ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही यानि 27 अक्टूबर को केरल के मलप्पुरम में आतंकी संगठन हमास और फिलिस्तीन के समर्थन में एक बड़ी रैली हुई थी. इस रैली के दौरान हमास के नेता खालिद मशेल ने भीड़ को कतर (अरब देश) से वर्चुअल संबोधित किया था. रैली के दौरान भीड़ ने काफी भड़काऊ नारे लगाये थे. भारत में इजरायल के राजदूत नेओर गिलोन ने हमास के नेता के इस संबोधन को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जारी की है. अपने सोशल अकाउंट एक्स पर लिखते हुए उन्होनें हमास को भारत के आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल करने की मांग की है.
रविवार को कोच्चि में धमाका हुआ उस दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन दिल्ली में इजरायल के खिलाफ हो रहे एक धरने में शामिल होने के लिए मौजूद थे.
आपको बताते चलें कि आतंकवाद के दौर के दौरान कश्मीर में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन होते थे. कश्मीर के चरमपंथी फिलिस्तीन के झंडे लहराते हुए दिखाई पड़ते थे. हाल के इजरायल युद्ध को लेकर भी जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन किया था.
गौरतलब है कि केरल में पिछले कुछ वर्षो में इस्लामिक जेहादी गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है. एनआईए ने पिछले कुछ महीनों में आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े कई माड्यूल का समय रहते पता लगा कर केरल समेत देश के कई राज्यों में होने वाले आतंकी साजिश को नाकाम किया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अलकायदा समेत आईएस जैसे आतंकी संगठन केरल और तमिलनाडु जैसा राज्यों में अपना बेस बनाने की कोशिशों में जुटे हैं.
इस साल सितंबर के महीने में ही एनआईए ने केरल के त्रिशूर के रहने वाले आईएस के एक संदिग्ध आतंकी नबील अहमद को गिरफ्तार किया था. एएनआई के मुताबिक नबील अहमद तमिलनाडु में छुपा हुआ था और उसने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए केरल और तमिलनाडु के कई जगहों की रेकी भी कर चुका था.
जानकारों के मुताबिक आईएसआईएस भारत में अपने नेटवर्क को मजबूत करना चाहता है ऐसे में वो मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश कर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसा रहा है. केरल से ओपरेट होने वाले प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पीपुल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के खिलाफ देश भर में हुए छापे के दौरान कई ठिकानों से बम और हथियार बनाने से जुड़े दस्तावेज़ मिले थे. पीएफआई के कुछ ठिकानों पर कराटे ट्रेनिंग और हथियारों की ट्रेनिंग दिलाये जाने की भी जानकारी सामने आई थी. यही नहीं एनआईए के मुताबिक पीएफआई ने हिट स्क्वाड भी बनाया हुआ था जिसके जरिये संघ और बीजेपी से जुड़े नेताओं को जान से मारने की साजिशें रची जाती थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में खासतौर पर दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में हिट स्क्वाड के जरिये कुछ लोगों की हत्या भी कराई जा चुकी है. आतंकी संगठन आईएसआईएस की नजर अब पीएफआई के मेंबर पर हैं.
(लेखक मनीष शुक्ला लंबे समय से देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी पत्रकारिता करते आए हैं. वे दो दशक से इलेक्ट्रोनिक मीडिया से जुड़े रहे हैं और लाइव इंडिया और जी न्यूज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने का लंबा अनुभव है )