जम्मू-कश्मीर के राजौरी दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ ने सैनिकों को हिदायत दी कि आतंकियों के सफाए के साथ-साथ उन्हें देश के लोगों का दिल भी जीतना है. उनका इशारा पुंछ-राजौरी इलाके में सेना की कस्टडी में मारे गए तीन स्थानीय युवकों की तरफ था जिनकी मौत से लोगों में गुस्सा है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि “हम युद्ध भी जीतेंगे, हम किसी भी प्रकार की जंग भी जीतेंगे, हम आतंकवादियों का भी सफाया करेंगे लेकिन साथ ही साथ देशवासियों का हमें दिल भी जीतना है.” राजौरी के दौरे पर गए राजनाथ सिंह सैनिकों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और थलसेना जनरल मनोज पांडे भी मौजूद थे. रक्षा मंत्री का ये दौरा ऐसे समय में हुआ है जब 21 दिसंबर को पुंछ के डीकेजी-बफलियाज इलाके में आतंकी हमले में चार सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे. हमले में आतंकी सैनिकों के हथियार लूट कर ले गए थे और उनके शवों को भी क्षत-विक्षत कर दिया था.
घात लगाकर किए गए आतंकी हमले के बाद सेना की आरआर यूनिट ने शक की बिनाह पर स्थानीय युवकों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की थी. इस दौरान थर्ड डिग्री टॉर्चर के कारण तीन युवकों की हिरासत में मौत हो गई थी. हिरासत में युवकों की मौत से स्थानीय लोगों मेंं सेना के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा था. जिस आरआर यूनिट के सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे उसे शक था कि हमले के दौरान स्थानीय युवकों ने आतंकियों को सेना की मूवमेंट से जुड़ी अहम जानकारी लीक की होगी या फिर आतंकियों की लोकेशन की जानकारी होगी. यही वजह है कि पहले थलसेना प्रमुख और फिर रक्षा मंत्री ने उप-राज्यपाल के साथ राजौरी का दौरा किया और सैनिकों को संबोधित किया. इस मामले में सेना ने जांच के आदेश दे दिए हैं और पुलिस ने भी एफआईआर भी दर्ज की है. सेना ने ब्रिगेड कमांडर सहित तीन सैन्य अफसरों को उनके पदों से हटाकर दूसरी लोकेशन पर भेज दिया है.
राजनाथ सिंह ने सैनिकों से कहा कि “आप सभी इस देश के रक्षक है, देश की रक्षा के साथ-साथ आप लोगों से विशेष आग्रह करना चाहता हूं कि देश की रक्षा की जिम्मेदारी आप लोगों पर है, लेकिन इस देश की रक्षा के साथ-साथ अपने देशवासियों का दिल जितना यह भी बड़ी जिम्मेदारी भी आपके कंधों पर है.”
राजनाथ सिंह ने कहा कि “आप (सैनिक) साहस, सम्मान मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ सेवा करना जारी रखें और मैं आपको पुन: विश्वास दिलाना चाहता हूं कि राष्ट्र आपका कृतज्ञ है.” इस दौरान राजनाथ सिंह ने वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजिल अर्पित की और कस्टडी में मारे गए युवकों के परिवारवालों से भी मुलाकात की.
आतंकी हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने साफ तौर से कहा कि “आपके ऊपर कोई नजर डाले तो यह हम सबको कतई बर्दाश्त नही है. इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस एजेंसी दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और लगातार उनके द्वारा भी यह प्रयत्न जारी है और उनकी यह भूमिका भविष्य में और ज्यादा असरदार होगी.” उन्होनें कहा कि इस तरह की घटनाओं को “टेकन फॉर ग्रांटेड नही लिया जा सकता है और हमें अधिक सजग रहने की आवश्यकता है.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि “मातृभूमि की सेवा में जो भीआपके बलिदान है, जो भी आपकी कोशिश है उसकी किसी भी सूरत में, किसी भी चीज से तुलना नही की जा सकती है और इसकी कोई कीमत भी नही चुकाई जा सकती.”
राजनाथ सिंह ने कहा कि “जब हमारा कोई जवान वीरगति को प्राप्त हो जाता है, हम भले ही कुछ सहायता राशि दे दें परन्तु सैनिक की जगह नही ले सकता. वह क्षति कभी पूरी नही की जा सकती. मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सरकार आप लोगों के साथ खड़ी है और हम आपके कल्याण को, आपकी सुविधा को टॉप प्रायरोरिटी (उच्च प्राथमिकता) पर रखते हैं.”
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