Alert Breaking News Geopolitics India-Pakistan Middle East

पाकिस्तानी सीमा पर भारत-सऊदी अरब का युद्धाभ्यास

भारत और सऊदी अरब के सैन्य संबंधों में एक नया आयाम जुड़ गया है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच पहला युद्धाभ्यास ‘सदा तनसीक’ सोमवार से पाकिस्तानी सीमा से सटे राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरु हो गया है. 10 जनवरी तक चलने वाली इस एक्सरसाइज से भारत और सऊदी अरब की दोस्ती मजबूत होगी और द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार होगा.  

भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र (यूएन) चार्टर के अध्याय VII के तहत अर्ध-रेगिस्तानी इलाके में संयुक्त अभियानों के लिए दोनों देशों के सैनिकों को प्रशिक्षित करना है. यह अभ्यास भारत और सऊदी अरब की सेनाओं को सब-कन्वेंशन्ल (यानी उप-पारंपरिक) क्षेत्र में ऑपरेशन की रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाएगा. इससे दोनों देशों के सैनिकों के बीच पारस्परिकता, मिलनसारिता और सौहार्द विकसित करने में सहायता मिलेगी.

सदा तनसीक युद्धाभ्यास में भारत और सऊदी, दोनों ही देशों के 45-45 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. सऊदी अरब के सैन्य दल का नेतृत्व रॉयल सऊदी लैंड फोर्स द्वारा किया जा रहा है जबकि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स (मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री) की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है.

भारतीय सेना के मुताबिक, युद्धाभ्यास के दौरान मोबाइल व्हीकल चेक पोस्ट, कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (घेरा डालना और खोज अभियान), हाउस इंटरवेंशन ड्रिल, रिफ्लेक्स शूटिंग, स्लिदरिंग और स्नाइपर फायरिंग का अभ्यास किया जाएगा. यह सत्र दोनों सैन्य टुकड़ियों को आपसी संबंध को सशक्त करने का अवसर प्रदान करेगा. यह मिलिट्री एक्सरसाइज एक मंच के रूप में साझा सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने, रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाने और दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के लिए कार्य करेगा.

गौरतलब है कि एक महीना पहले यानी दिसंबर 2023 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के समकक्ष, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से फोन पर बात कर पश्चिमी एशिया में उत्पन्न हुए संकट (इजरायल-हमास युद्ध) पर खास बातचीत की थी. दोनों ने क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया था. एमबीएस पिछले साल जी-20 समिट में हिस्सा लेने दिल्ली भी आए थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच पहली स्ट्रेटेजिक-पार्टनरशिप काउंसिल की मीटिंग हुई थी. 

 वर्ष 2016 में पीएम मोदी जब सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे तो उन्हें वहां के सबसे बड़े सिविलयन ऑनर से नवाजा गया था. इसके बाद वर्ष 2019 में भी मोदी रियाद गए थे. 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.