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भारत की नीति नहीं है assassination कराना

भारत ने ब्रिटिश अखबार की उस रिपोर्ट को ‘झूठा और दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है जिसमें देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रॉ पर पाकिस्तान में टारगेट-किलिंग का आरोप लगाया गया है.  भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर दोहराया है कि दूसरे देशों में जाकर जेम्स बॉन्ड की तर्ज पर हत्या करना ‘भारत की नीति नहीं है’. 

इजरायल की मोसाद और सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी अपने साइलेंट एक्शन के लिए माने जाती रही हैं. पर क्या अब भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) भी मोसाद और केजीबी के नक्शेकदम पर है. मोसाद और केजीबी अपने दुश्मनों को विदेशी धरती पर जाकर खत्म करते है तो क्या रॉ के जासूस घर में घुसकर दुश्मनों का खात्मा कर रहे हैं ?  विदेशी धरती पर मोस्ट-वांटेड आतंकियों की हत्या की ये बहस ब्रिटेन के एक अखबार की रिपोर्ट के बाद शुरु हुई है. 

ब्रिटिश अखबार ने दावा किया है कि भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड ए डब्लू) ने 2019 में पुलवामा अटैक की घटना के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साहसी दृष्टिकोण अपनाया और विदेशों में अपने दुश्मनों का खात्मा कर रही है. ब्रिटिश अखबार ने दावा किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी ही निर्देश दे रहे हैं, क्योंकि रॉ का अधिकार उन्हीं के पास है. दरअसल विदेशी धरती पर भारत के दुश्मनों के मारे जाने की ये चर्चा इसलिए भी जोर पकड़ रही है क्योंकि पिछले डेढ़-दो साल में पाकिस्तान में एक-दो नहीं बल्कि 20 लोगों का रहस्यमय परिस्थितियों में मर्डर हुआ है. मारे गए लोग कहीं ना कहीं भारत में आतंकवाद फैलाने या हमलों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से जुड़े थे. 

कनाडा में भी खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या मामले में भी भारत पर आरोप लगा तो अमेरिका ने भी खालिस्तानी मोस्ट वांटेड गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश में भारत के एक पूर्व अधिकारी पर आरोप लगाए थे.

दावे झूठे और दुर्भावनापूर्ण: विदेश मंत्रालय
भारत के विदेश मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्ट के दावों का खंडन किया है. भारत का कहना है कि इस तरह के दावे ‘झूठे और दुर्भावनापूर्ण’ हैं और भारत विरोधी प्रचार का हिस्सा है. विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पिछले खंडन पर जोर दिया, कि अन्य देशों में टारगेट किलिंग ‘भारत सरकार की नीति नहीं’ है.

दरअसल पाकिस्तानी सरकार और एजेंसिया इन हत्याओं का सार्वजनिक तौर पर संज्ञान इसलिए भी नहीं ले रही हैं, क्योंकि जिनकी हत्या हुई है, वो अधिकतर आतंकी है. पाकिस्तान हमेशा दुनिया के सामने झूठ बोलता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह नहीं देता. अगर वो कुछ भी भारत के खिलाफ बोलेगा तो साबित होगा कि पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार है. ऐसे में ब्रिटिश अखबार के हवाले से भारत को बदनाम करने की फिराक में है. आतंकियों के मारे जाने से पाकिस्तान के पेट में दर्द उठ रहा है. भारत में चुनाव के समय ऐसा लेख प्रकाशित होना है दर्शाता है कि ये भारत की छवि बिगाड़ने की साजिश है. 

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