यूक्रेन युद्ध को हवा देने के लिए अमेरिका न सिर्फ सैन्य मदद दे रहा है बल्कि अपने 60 मिलिट्री कमांडर भी कीव भेज रहा है. हालांकि, अमेरिका का दावा है कि ये कमांडर नॉन-कॉम्बेट रोल में होंगे और वाशिंगटन से भेजे गए हथियारों को यूक्रेनी सेना को सौंपने और उनकी मेंटेनेंस संभालेंगे. अमेरिका के अरबपति एलन मस्क ने हालांकि यूक्रेन को भेजी गई मदद को लेकर जबरदस्त आलोचना की है.
टेस्ला, स्टारलिंक और एक्स (ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वार-जोन से बाहर निकलने के लिए “नो एग्जिट स्ट्रेटेजी है. ये कभी ना खत्म होने वाला युद्ध है जिसमें बच्चे तोप के गोलों से ट्रेंच (खंदक) में मर रहे हैं या फिर मशीन-गन, स्नाइपर या फिर माइन-फील्ड से.”
शनिवार को यूक्रेन को मिलने वाली मदद को आखिरकार अमेरिका के निचले सदन ने मंजूरी दे दी थी. अमेरिका ने यूक्रेन को करीब 61 बिलियन (अरब) डॉलर मदद देने के बिल को मंजूरी दी है. अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (प्रतिनिधि सदन) ने जिस पैकेज को मंजूरी दी है उसमें से करीब 50 बिलियन डॉलर यूक्रेन को सैन्य सहायता के तौर पर दिए जाएंगे. इसमें एटीएसीएम मिसाइल भी शामिल हैं. करीब 08 बिलियन डॉलर यूक्रेन को बजट के तौर पर दिए जाएंगे. सहायता का 1.6 बिलियन डॉलर आर्थिक सहायता के तौर पर दिए जाएंगे और 0.4 बिलियन डॉलर यूक्रेन की सीमाओं की सुरक्षा और बॉर्डर पर डि-माइनिंग के लिए रखे गए हैं.
अमेरिका की यूक्रेन को अरबों डॉलर की ये मदद ऐसे समय में सामने आई है जब जून के महीने में युद्ध रोकने के लिए स्विट्जरलैंड में शांति वार्ता होने जा रही है. ऐसे में साफ है कि युद्ध की आग अधिक भड़केगी और अमेरिकी मदद हवा देने का काम करेगी. हालांकि, अमेरिका मदद मिलने के महज 24 घंटे के भीतर ही स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति ने रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति वार्ता में शामिल होने का न्योता भेजा है.
अमेरिकी मदद का धन्यवाद देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने कहा कि इस सहायता से युद्ध को निर्णायक तौर पर खत्म करेंगे और पुतिन को हराएंगे. लेकिन अमेरिकी सहायता पर रुस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के मीडिया सलाहकार दिमित्री पेसकोव ने कहा है इससे (मदद) से अधिक यूक्रेनी मारे जाएंगे. रुस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि इस मदद से अमेरिका यूक्रेन की आतंकवादी गतिविधियों को स्पांसर कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वो चाहते हैं कि सीनेट से यूक्रेन और इजरायल को मिलने वाली मदद का बिल जल्द से जल्द उनकी टेबल पर पहुंच जाए. क्योंकि प्रतिनिधि सदन के बाद मदद का बिल सीनेट (ऊपरी सदन) में जाएगा. वहां से अगर पैकेज को मंजूरी मिल जाती है तो बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा. कई महीने से बाइडेन की इच्छा के बावजूद अमेरिकी संसद यूक्रेन को दी जाने वाली मदद के बिल को पास करने के लिए तैयार नहीं थी. अगले एक दो दिन में ये बिन सीनेट में लाया जाएगा. बिल में यूक्रेन के साथ ही इजरायल और ताइवान को मदद देने का भी प्रस्ताव है. इजरायल ने जहां हमास और ईरान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो ताइवान का साउथ चायना सी में चीन से विवाद चल रहा है.