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मिलिट्री बेस से बम मिसाइल चोरी, कोलंबिया भौचक्का

किसी भी देश में मिलिट्री बेस सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है. सुरक्षित इसलिए क्योंकि यहां हथियार और कई दूसरे संवेदनशील सैन्य उपकरण होते हैं. लिहाजा आर्मी एरिया में चप्पे चप्पे पर जवान तैनात होते हैं, जगह-जगह चेकिंग होती है, ऐसे सुरक्षा उपकरण लगे रहते हैं जिससे परिंदा भी पर ना मार पाए. पर एक देश ऐसा भी है जहां चोरों ने दो सैन्य ठिकानों से हजारों बम और मिसाइल चोरी कर लिए और किसी को कानो कान खबर तक नहीं लगी. 

सैन्य अड्डों पर मिसाइल चोरी होने की वारदात दुनिया के सबसे आपराधिक देश माने जाने वाले कोलंबिया की है. दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने चोरी की पुष्टि करते हुए कहा है कि “उनके देश के दो सैन्य अड्डों से हजारों ग्रेनेड, मिसाइल और एम्युनिशन की चोरी हुई है.”

सैन्य अड्डों से किसने चुराई मिसाइलें?
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक बयान में कहा है कि “सेना ने इस महीने निरीक्षण किया और पाया कि हजारों गोलियां, हजारों गोले और तोप रोधी 37 मिसाइलें सैन्य अड्डों से चुराई गई हैं. इन सैन्य अड्डों में से एक देश के मध्य भाग में जबकि दूसरा कैरेबियाई तट के निकट स्थित है.”  राष्ट्रपति पेट्रो ने आशंका जताई है कि “गोला-बारूद कोलंबियाई विद्रोही संगठनों के हाथ लगे हों या उन्हें अन्य देशों में आपराधिक समूहों को अवैध रूप से बेच दिया गया हो.”  राष्ट्रपति को शक है कि “हैती में भी इन हथियारों और मिसाइलों की तस्करी की जा सकती है या अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में बेची जा सकती है.” राष्ट्रपति के मुताबिक, “12 फरवरी और 1 अप्रैल को दो सैन्य ठिकाने टोलेमेडा और ला गुआजीरा का औचक दौरा किया गया था. इस दौरान ग्रेनेड, मिसाइलों के गायब होने का पता चला. कई वस्तुओं के गायब होने का पता चला था.” कोलंबियाई राष्ट्रपति ने कहा कि “गायब हुए वही हथियार सैन्य बलों के उन्हीं सदस्यों को घायल करते हैं और मार डालते हैं.”

सैन्य ठिकानों से क्या-क्या गायब हुआ?

कोलंबिया के सैन्य अड्डे का औचक निरीक्षण ऐसे वक्त में हुआ है जब कोलंबिया ने देश के दक्षिण-पश्चिम में विद्रोही संगठन ‘एफएआरसी-ईएमसी’ के खिलाफ लड़ाई फिर से शुरू की है. वर्ष 2016 में ‘रेवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेज ऑफ कोलंबिया’ और सरकार के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद इस विद्रोही संगठन से अलग होकर ‘एफएआरसी-ईएमसी’ बना था. कोलंबियाई राष्ट्रपति पेट्रो का दावा है कि ला गुजीरा बेस से दो स्पाइक मिसाइलें, 37 निम्रोद मिसाइलें और 550 रॉकेट-चालित ग्रेनेड गायब हैं. इसके अलावा लगभग 4.2 मिलियन गोलियां और 9,300 से अधिक ग्रेनेड शामिल भी मिसिंग मिले. तो टोलेमेडा सैन्य ठिकाने में, आधिकारिक रिकॉर्ड की तुलना में 808,000 से अधिक गोलियों और लगभग 10,000 ग्रेनेड की कमी थी. कोलंबिया के रक्षा मंत्री इवान वेलास्केज़ ने गायब मिसाइलों, ग्रेनेड और हथियारों की जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके अलावा कुछ सैन्य अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है. साथ ही रक्षा मंत्री ने देश भर के सैन्य ठिकानों के निरीक्षण कराने की योजना बनाई है.

आपराधिक और ड्रग्स माफिया का देश है कोलंबिया
कोलंबिया में आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. कई बार सेना के साथ खुलेआम हथियारों से लैस ड्रग्स माफियाओं के साथ भिड़ंत हो चुकी है. कोलंबिया वही देश है जहां के सबसे खूंखार और खतरनाक ड्रग माफिया पाब्लो एस्कोबार दुनिया के अमीर लोगों में शुमार था. साल 1989 में पाब्लो को फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया का सातवां सबसे अमीर शख्स घोषित किया था. साल 1993 में उसकी मौत के बाद भी कोलंबिया में ड्रग्स का कारोबार फलता फूलता रहा है.
कोलंबियाई सरकार को हालांकि अब इस बात की चिंता है कि क्या सैन्य ठिकानों से गायब हुई मिसाइल ड्रग्स माफियाओं या दूसरे आपराधिक गिरोह के पास तो नहीं पहुंची. कभी भी चिंगारी भड़की तो यही सैन्य हथियार देश के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं. 

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