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ईरान के राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर सहित लापता

इजरायल से चल रही तनातनी के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर के गायब होने से पूरे मिडिल-ईस्ट में सनसनी फैल गई है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, खराब मौसम के चलते रईसी के हेलीकॉप्टर को अजरबैजान से सटे उत्तर-पश्चिमी इलाके के तबरीज में हार्ड-लैंडिंग करनी पड़ी है. लेकिन अभी तक रईसी के हेलीकॉप्टर या फिर उसमें मौजूद क्रू से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. 

रविवार को रईसी और उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य अजरबैजान की मदद से तबरीज में बने एक डैम के उद्घाटन के बाद राजधानी तेहरान लौट रहे थे. ये सभी तीन अलग-अलग हेलीकॉप्टर में मौजूद थे. दो हेलीकॉप्टर तो गंतव्य तक पहुंच गए लेकिन रईसी के हेलीकॉप्टर के बारे में बताया गया कि खराब मौसम के चलते हार्ड लैंडिंग करनी पड़ी. हालांकि, ये साफ नहीं हो पाया है कि ये हार्ड-लैंडिंग कहां हुई है. रईसी के साथ उनके हेलीकॉप्टर में ईरान के  विदेश मंत्री हौसेन अमीर अब्दुलहियन भी मौजूद थे. 

रईसी के हेलीकॉप्टर की तबरीज के किसी अज्ञात जगह पर हार्ड-लैंडिंग की खबर मिलती है ईरान का पूरा तंत्र हरकत में आ गया. आनन-फानन में एक दर्जन से भी ज्यादा टीमों को एंबुलेंस, बसों और स्निफर डॉग्स के साथ संभावित जगहों पर रवाना किया गया. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरु हो चुका है. सर्च ऑपरेशन के वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें खराब मौसम साफ तौर से दिखाई पड़ रहा है (https://x.com/neeraj_rajput/status/1792209133988651513).

जानकारी के मुताबिक, डैम के उद्घाटन स्थल से जब रईसी के हेलीकॉप्टर ने टेक-ऑफ किया था तो मौसम साफ था लेकिन मिड-एयर अचानक स्थिति बदल गई. ऐसे में इस बात की आशंका है कि खराब मौसम के चलते ही हेलीकॉप्टर के पायलट ने किसी अज्ञात जगह पर लैंडिंग कराने की कोशिश की है. लेकिन क्रू और रईसी के संपर्क में ना आने के चलते पूरे ईरान की सांसे रुकी हुई हैं. 

पिछले महीने ही (13 अप्रैल) को ईरान ने इजरायल पर ड्रोन सहित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल से एक बड़ा हमला किया था. ईरान ने ये हमला सीरिया में अपने दूतावास पर इजरायल के ड्रोन अटैक के जवाब में किया था. ऐसे में ईरान और इजरायल के बीच जबरदस्त तनाव बना हुआ है. क्योंकि इजरायल ने चेतावनी दी है कि वो ईरान से बदला लेकर रहेगा. इजरायल की ईरान से तनातनी का एक बड़ा कारण हमास और हूती विद्रोहियों के हमले भी है. इजरायल का आरोप है कि ईरान की शह पर ही आतंकी संगठन हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर बड़ा हमला किया था. साथ ही लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों को भी ईरान के समर्थन के आरोप लगते रहे हैं. हूती विद्रोहियों ने पिछले कुछ महीनों से लाल सागर में इजरायल सहित अमेरिका और ब्रिटेन के युद्धपोत और व्यापारिक जहाज पर बड़ी संख्या में ड्रोन अटैक कर पूरे क्षेत्र को वार-जोन में तब्दील कर दिया है. 

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