पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एक टैंक के नदी में डूबने से भारतीय सेना के पांच सैनिकों की जान चली गई है. ये घटना शुक्रवार की शाम डीबीओ सेक्टर में श्योक नदी को पार करते समय हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
लेह (लद्दाख) स्थित भारतीय सेना की ‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर (14वीं कोर) के मुताबिक, शुक्रवार की रात सासेर-ब्रांगसा के करीब, मिलिट्री एक्सरसाइज से लौटते वक्त, एक टैंक (टी-72 टैंक) श्योक नदी में अचानक पानी के जलस्तर बढ़ने से फंस गया. टैंक में कमांडर (जेसीओ रैंक के टैंक-कमांडर) सहित कुल पांच क्रू-मेंबर मौजूद थे. सेना के मुताबिक, टैंक को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम को लोकेशन पर भेजा गया लेकिन पानी का बहाव बेहद तेज होने के कारण बचाया नहीं जा सका. इस घटना में सभी पांच सैनिकों की जान चली गई.
जानकारी के मुताबिक, एक सैनिक के पार्थिव शरीर को नदी से निकाल लिया गया है और बाकी चार की तलाश जारी है.
फायर एंड फ्यूरी कोर ने बयान जारी कर कहा कि पूर्वी लद्दाख में “ऑपरेशन्ली तैनात रहने के साथ ही भारतीय सेना पांच बहादुर जवानों की जान खोने का अफसोस है.”
हाल ही में (15-16 जून) गलवान घाटी की झड़प के चार साल पूरे हुए हैं. वर्ष 2020 में हुई झड़प के बाद से ही भारतीय सेना ने चीन की पीएलए सेना की तैनाती के जवाब में पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 50 हजार से ज्यादा सैनिक सहित टैंक, तोप, मिसाइल और ड्रोन तैनात कर रखे हैं. चीन की आर्मर्ड रेजिमेंट को काउंटर करने के लिए भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंचाई वाले इलाकों में अपने टैंक तैनात कर रखे हैं.
गलवान घाटी की हिंसा के दौरान चीन ने काराकोरम दर्रे से लेकर चुशूल-कैलाश हिल रेंज और डेमचोक तक अपने टैंक तैनात कर रखे हैं. यही वजह है कि भारतीय सेना ने भी अपने टी-72 और टी-90 टैंक को 14-15 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात कर रखे हैं.
हालांकि, दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 20 दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन अभी भी दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और डेमचोक जैसे कुछ फ्लैश-पॉइंट है जहां तनातनी जारी है. पूर्वी लद्दाख में ही 550 किलोमीटर लंबी श्योक नदी बहती है जिसे पार करने के लिए भारतीय सेना टैंक का इस्तेमाल करती है. हालांकि, नदी पर पुल का निर्माण भी किया गया है लेकिन एलएसी के बेहद करीब होने के चलते कई जगह पर टैंक इत्यादि से ही पार किया जाता है. गलवान नदी भी इसी श्योक नदी में आकर मिलती है,
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “लद्दाख में एक नदी के पार टैंक ले जाते समय एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हमारे पांच बहादुर भारतीय सेना के जवानों की जान जाने पर गहरा दुख हुआ. हम राष्ट्र के प्रति अपने वीर सैनिकों की अनुकरणीय सेवा को कभी नहीं भूलेंगे. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. दुख की इस घड़ी में देश उनके साथ मजबूती से खड़ा है.”