अदालत में पीओके को विदेशी क्षेत्र बताने को लेकर पाकिस्तान की हुई किरकिरी के बाद अब खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट ने अपने ही देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को एक सुनवाई के दौरान जमकर लताड़ लगाई है.
हाई कोर्ट ने खुद माना है कि आईएसआई पाकिस्तान की न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव बनाती है. पाकिस्तान के उच्च न्यायालय ने कहा है कि “प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) यह सुनिश्चित करें कि आईएसआई, मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो जैसी एजेंसियां अपने मुताबिक फैसले हासिल करने के लिए अदालत पर दबाव न बनाएं.”
कोर्ट के मामले में आईएसआई का दखल न हो
पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों पर न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने का गंभीर आरोप लगा है. ऐसे में पाकिस्तान की अदालत ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सख्त निर्देश दिया है कि “पीएमओ, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) समेत देश की खुफिया एजेंसियों को निर्देश जारी करे कि वो अपने पक्ष में फैसला लेने के लिए किसी भी जज या उनके स्टाफ पर दबाव न बनाएं.” कोर्ट ने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री, खुफिया एजेंसियों के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह हैं, क्योंकि वे उनके अधीन आती है. इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय आईएसआई और आईबी समेत सभी असैन्य या सैन्य एजेंसियों को सख्त निर्देश दे कि वो भविष्य में किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी न्यायाधीश या उनके किसी स्टाफ से संपर्क न करें.”
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जजों पर दबाव बना रही थी आईएसआई
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आठ में से छह न्यायाधीशों और पंजाब की आतंकवाद रोधी अदालतों (एटीसी) के कुछ न्यायाधीशों ने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश और लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है. पाकिस्तान के जजों मे अपनी चिट्ठी में लिखा था कि “खुफिया एजेंसियां खुलकर कोर्ट के फैसलों में हस्तक्षेप कर रही हैं और अपने पक्ष में फसलों के लिए दबाव बना रही है. यहां तक की खुफिया एजेंसियों के पक्ष में फैसला न लेने पर कुछ जजों के परिवार वालों को खुफिया एजेंसियों ने हिरासत तक में भी ले लिया गया है.”
खास तौर पर खुफिया एजेंसियां पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान, उनकी पार्टी के नेताओं और समर्थकों के मामलों में दबाव बना रही हैं.
पाकिस्तानी पीएमओ कसेगा नकेल?
बहरहाल लाहौर कोर्ट ने पीएमओ को फटकार लगाते हुए खुफिया एजेंसियों पर नकेल कसने का आदेश जारी कर दिया है. इसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई में हड़कंप मच गया है. पाकिस्तान कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर आगे ऐसा हुआ तो कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी. पर सवाल यह है की क्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पीएमओ का आदेश मानेगी. क्योंकि हकीकत तो यह है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के इशारों पर ही पाकिस्तान सरकार को चलती है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी उन्हीं के इशारों पर काम करते हैं.