रुस-यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो देशों की सेनाओं ने बेलारूस के करीब बड़ी तैनाती की है. ऐसे में आने वाले समय में युद्ध का दायरा बढ़ने की आशंका है. युद्ध के दौरान, बेलारुस अपने पड़ोसी और घनिष्ट मित्र रूस के साथ हमेशा साथ खड़ा हुआ है. वहीं बेलारूस का बॉर्डर यूक्रेन, पौलेंड, लातविया और लिथुआनिया से सटा हुआ है.
बेलारूस के सेना प्रमुख और उप-रक्षा मंत्री पावेल मुराविएको के मुताबिक, अमेरिका के नेतृत्व में नाटो संगठन की दस बटालियन टेक्टिकल ग्रुप इस समय उनके देश की सीमा पर तैनात हैं. पावेल के मुताबिक, इन दस बटालियन में करीब 20 हजार सैनिक हैं. दस बटालियन में से छह अकेले अमेरिका की ही हैं. बेलारूस ने अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को लेकर कड़ा विरोध जताया है.
यूक्रेन युद्ध के शुरुआत से ही बेलारूस और वहां के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जबरदस्त दोस्ती है. लुकाशेंको को अक्सर क्रेमलिन में देखा जा सकता है. यहां तक की जब पुतिन के आदेश पर रूस ने नॉन-स्ट्रेटेजिक न्यूक्लियर एक्सरसाइज की थी तो बेलारुस को भी उसमें शामिल किया गया था. हालांकि, यूक्रेन युद्ध के शुरुआती हफ्तों में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में दोनों देशों (रूस और यूक्रेन) की शांति वार्ता भी हुई थी. लेकिन वार्ता बेनतीजा रही थी.
पुतिन ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए बेलारूस को परमाणु हथियार तक देने की चेतावनी दी थी. क्योंकि अमेरिका, यूक्रेन सहित रूस विरोधी देशों को हथियार देने में जुटा है.
नाटो की तैनाती पर बेलारूस के उप-रक्षा मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा है कि उनकी (नाटो) तकनीक और टैक्टिक्स को समझने की कोशिश की जा रही है.
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और दफ्तर) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी बेलारूस के बॉर्डर पर यूक्रेनी सैनिकों की तैनाती पर चिंता जताई है. पेसकोव ने बेलारूस से सटे यूक्रेनी सीमा पर बारूदी सुरंग बिछाने और बेलारूस की एयर-स्पेस में टोही विमान भेजने पर आपत्ति जताई. पेसकोव ने कहा कि बेलारूस एक यूनियन स्टेट है और दोनों देशों के रक्षा मंत्रालय हमेशा संपर्क में रहते हैं.