मणिपुर हिंसा के पीछे ब्रिटेन और खालिस्तान का एंगल सामने आया है. हाल ही में केन्द्र सरकार ने मणिपुर के हालात पर समीक्षा की थी पर अब खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन में भारतीय मूल का एक प्रोफेसर हिंसा भड़काने का काम कर रहा है.
इंग्लैंड में रहने वाले प्रोफेसर के खालिस्तानियों से संपर्क में होने का भी शक है. मणिपुर पुलिस ने प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. अब प्रोफेसर को भारत लाने और कानून के तहत सजा देने की मांग की जा रही है.
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पर मणिपुर में केस
ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर उदय रेड्डी पर मणिपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. मणिपुर पुलिस के मुताबिक, “प्रोफेसर मणिपुर में हिंसा भड़काने के लिए उकसाने, ऑनलाइन मैसेज कर लोगों को कंट्रोल कर रहा था. उदय रेड्डी पर आरोप है कि मणिपुर में धार्मिक आधार पर समुदायों में तनाव पैदा करने के लिए ऑनलाइन काम कर रहे हैं. आरोपी ने जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण इरादे से मैतेई की धार्मिक मान्यताओं का अपमान किया और धार्मिक आधार पर मैतेई और अन्य समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया.”
जिस शख्स ने ब्रिटेन के प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दी है, उसने आरोपी के कॉल रिकॉर्ड, वित्तीय गतिविधियों की जांच की मांग की है. वहीं इंफाल पुलिस के मुताबिक “आरोपी के कनाडा में खालिस्तानियों और नार्को आतंकवादी ग्रुप्स से जुड़े होने की आशंका है.”
ऑडियो बातचीत के जरिए मैतेई-कुकी को भड़का रहा प्रोफेसर
आरोप है ब्रिटेन में बैठे बैठे उदय रेड्डी लगातार सोशल मीडिया पर ऑडियो बातचीत के सहारे लोगों को सुरक्षाबलों के रास्ते रोने रोकने और उन्हें उनके खिलाफ भड़काने का काम कर रहा है. हालांकि मणिपुर हिंसा में प्रोफेसर का नाम आने के बाद आरोपी प्रोफेसर उदय रेड्डी के एक्स अकाउंट को भारत में रोक लगा दी गई है. उदय रेड्डी का एक्स पर अकाउंट खोलने पर लिखकर आता है कि ‘यह भारत में एक कानूनी माँग के कारण बंद किया गया है.’
रेड्डी के खिलाफ आईपीसी की धारा 117, 295 और 153A के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकि उदय रेड्डी ने अभी इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है.
मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कूकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है. एक साल से अधिक समय होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार इस हिंसा को रोकने में नाकाम रही है. तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार के मणिपुर के रुख को लेकर संघ प्रमुख भी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. हाल ही में गृहमंत्री ने मणिपुर के हालात को लेकर सुरक्षाबलों, अधिकारियों और राज्यपाल से विस्तृत चर्चा की थी.