कश्मीर घाटी में जहां आर्टिकल 370 के बाद शांति आ रही है और जम्मू-क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से आतंक को फिर से जिंदा करने की कोशिश हो रही है, ऐसे में पाकिस्तान से एक ऐसा इंटरव्यू सामने आया है जिससे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. ये इंटरव्यू है आतंकी संगठन हिज्जबुल मुजाहिद्दीन (एचएम) के डिप्टी कमांडर शमशेर खान का.
पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) के एक स्थानीय चैनल पर आतंकी शमसेर खान का इंटरव्यू प्रसारित किया गया है. इंटरव्यू के दौरान शमशेर के बैकग्राउंड में एके-47 राइफल तक दिखाई रखी हुई है. करीब 20 मिनट के इस इंटरव्यू को देखकर ऐसा लगता है कि बेहद सोच-समझ कर इस इंटरव्यू को स्टेज किया गया है.
शमशेर खान ने 80 के दशक में हिजबुल मुजाहिदीन के संस्थापक कमांडर सैयद सलाहुद्दीन द्वारा लोकतंत्र (चुनाव) का रास्ता छोड़कर आतंक का रास्ता चुनने का पूरा इतिहास बताया है. सलाहुद्दीन इनदिनों पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में पीओके में शरण लिए हुए है.
हिज्जबुल को कश्मीर घाटी का स्थानीय आतंकी संगठन माना जाता है. एचएम (हिज्जबुल) में स्थानीय कश्मीरी युवक ही ज्यादा शामिल होते आए हैं. इंटरव्यू के दौरान शमशेर ने हाल में जम्मू-क्षेत्र के कठुआ, उधमपुर, हीरानगर और पूंछ इत्यादि में हो रहे आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदारी ले रहा है.
इंटरव्यू को देखकर ऐसा लगता है कि पाकिस्तान चाहता है कि दुनिया को ये बताना चाहता है कि आतंकी हमलों के पीछे कश्मीर का स्थानीय ग्रुप है ना कि लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद. क्योंकि लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान से ऑपरेट होते हैं.
शमशेर ने अपने इंटरव्यू में आतंकवाद के स्थानीय पोस्टर-बॉय बुरहान वानी का भी जिक्र करता है. हालांकि, पाकिस्तानी पत्रकार शमशेर से सवाल पूछता है कि अब हिज्जबुल में बुरहान वानी और जाकिर मूसा जैसे कमांडर नहीं हैं. यानी अब हिज्जबुल को रिक्रूटमेंट के लिए स्थानीय युवक नहीं मिल रहे हैं.
शमशेर की बातों से ऐसा भी लगता है कि वो एक नेता की तरह बातें कर रहा है बजाए एक टेररिस्ट की. क्योंकि, बातचीत में वो भारत सरकार से बातचीत करने की बात भी कर रहा है. वो भारत को एक ताकतवर देश भी स्वीकार करता है.
वीडियो को एडिट यानी कांट-छांट कर प्रसारित किया गया है. क्योंकि पीओके के भारत में शामिल करने के सवाल के दौरान शमशेर खान के जवाब को काट दिया गया है.