Alert Breaking News Geopolitics Middle East War

हानिया की हत्या से पहले गडकरी थे तेहरान में

जिस वक्त हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया (हनियेह) की हत्या की गई, उससे कुछ घंटे पहले ही भारत के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद थे. हालांकि, ये अभी तक साफ नहीं है कि गड़करी तेहरान में ही हैं या स्वदेश लौट आए हैं.

मंगलवार को केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. राजधानी तेहरान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में नितिन गडकरी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था. इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आतंकी संगठन हमास का चीफ हानिया भी तेहरान पहुंचा था. लेकिन कुछ घंटे बाद ही तेहरान के एक होटल में हानिया की उसके सुरक्षाकर्मियों के साथ हत्या कर दी गई थी. जिस होटल में हानिया की हत्या की गई, वो ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) का सेफ हाउस (गेस्ट हाउस) बताया जा रहा है. (तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या, इजरायल ने लिया बदला)

भारत के विदेश मंत्रालय ने नितिन गडकरी के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि “मंगलवार को तेहरान में हुए समारोह में नितिन गडकरी ने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पेजेश्कियान को शुभकामनाएं दी. इस दौरान गडकरी ने ईरानी नेताओं के साथ चाबहार बंदरगाह के विकास पर सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत भी की.”

तेहरान में नितिन गडकरी ने किया प्रतिनिधित्व
इस साल हेलीकॉप्टर दुर्घटना में इब्राहिम रईसी के मारे जाने के बाद ईरान में चुनाव हुए थे. ईरान की सत्ता में इस बार सुधारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान को मौका मिला है. मसूद पेजेश्कियान ने कट्टरवादी नेता को भारी मतों से हराकर सत्ता हासिल की है. राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथग्रहण समारोह में भारत की ओर से नितिन गडकरी शामिल हुए और उन्होंने पीएम मोदी की ओर से पेजेश्कियान को बधाई दी.
विदेश मंत्रालय ने नितिन गडकरी की यात्रा पर बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “ईरान में मंत्री नितिन गडकरी की वार्ताओं के दौरान, दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह के विकास पर सहयोग समेत द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर विचार-विमर्श किया. दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि चाबहार बंदरगाह द्विपक्षीय व क्षेत्रीय व्यापार को मजबूत बनाने में योगदान देगा. चाबहार से हर तरफ से भूमि से घिरे अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों को क्षेत्रीय और वैश्विक बाजारों तक पहुंच हासिल करने में मदद मिलेगी.” (https://x.com/nitin_gadkari/status/1818305284999151623)

ईरान के राष्ट्रपति के इसी कार्यक्रम में शामिल हुआ इस्माइल हानिया
30 जुलाई को तेहरान में आयोजित इसी कार्यक्रम में हमास चीफ इस्माइल हानिया भी शामिल हुआ था. इस्माइल हानिया की ईरान में कितनी अहमियत है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति के सरकारी मेहमानों की ग्रुप फोटो में हानिया अग्रिम पंक्ति में खड़ा देखा गया है. इसी कार्यक्रम के बाद हानिया को उसके होटल को निशाना बनाया गया जहां वो अपने बॉडीगार्ड के साथ ठहरा हुआ था.  

क्या है चाबहार समझौता?
ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित गहरे पानी का चाबहार बंदरगाह पर भारी मालवाहक जहाज आसानी से आ-जा सकते हैं. इससे भारत, ईरान, अफगानिस्तान और यूरेशिया आपस में जुड़ेंगे. चाबहार के लिए हुए इस समझौते को भारत का चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का जवाब माना जा रहा है. समझौता पूर्व राष्ट्रपति रईसी के कार्यकाल में आगे बढ़ा. 
पिछले साल (2023 में) ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इब्राहिम रईसी की मुलाकात हुई थी. वहीं इस साल जनवरी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान का दौरा किया. एस जयशंकर ने भी रईसी से भी मुलाकात की थी. हादसे के कुछ दिनों बाद ही रईसी भारत का दौरान भी करने वाले थे.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.