जिस शख्स ने 1962 के युद्ध में चीन को चकमा दिया, 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई, जिसकी बहादुरी से आस पड़ोस ही नहीं दिल्ली के लोग भी गर्व करते थे, वो वीर फौजी अपनों से ही हार गया. दिल्ली के आदर्श नगर से आई है एक दर्दनाक और शर्मनाक खबर. चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ने वाले भारतीय सेना के 93 वर्ष के पूर्व-फौजी को पीट-पीटकर मार डाला गया. मारने वाला भी कोई अनजान शख्स नहीं बल्कि खुद उनका ही पोता था. वजह बनी, उनकी ही पेंशन.
93 साल के सैनिक की दिल्ली में हत्या
दिल्ली के आदर्श नगर में भोजराम नाम के पूर्व फौजी की उनके पोते प्रदीप ने ही पीट पीटकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि सेना से मिलने वाली पेंशन और किराएदारों के पैसों को लेकर दादा-पोते में विवाद रहता था. आए दिन पोता प्रदीप, शराब के नशे में दादा से लड़ाई झगड़ा करता था. प्रदीप ने दादा को जान से मारने की धमकी दी थी.
चीन-पाकिस्तान से लिया लोहा, दुश्मन ने नहीं अपने ने छीनी जिंदगी
93 साल के भोजराज भारतीय सेना से रिटायर हुए थे. भोजराज ने साल 1962 में चीन के खिलाफ और 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान दिया था. साल 1985 में रिटायरमेंट के बाद भोजराज दिल्ली के आजादपुर गांव में रहने लगे.
भोजराज के दोनों बेटे पास में ही अलग-अलग घर में रहते थे, जबकि बुजुर्ग की देखभाल छोटे बेटे का परिवार करता था. भोजराज को जो सेना से पेंशन मिलती थी, उसका आधा हिस्सा छोटे बेटे जयवीर को और आधा हिस्सा बड़े बेटे की बहू (आरोपी की पहली पत्नी) को देते थे. लेकिन पोता प्रदीप चाहता था भोजरात पेंशन का हिस्सा पत्नी की बजाए उसे दें. इसी बात से नाराज होकर प्रदीप और दादा के बीच कहासुनी हुई. फिर अचानक प्रदीप ने लाठी से दादा भोजराज की पिटाई कर दी.
पूर्व सैनिको को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया पर उन्हें बचाया नहीं जा सका. वहीं फरार पोते की तलाश के लिए दिल्ली पुलिस ने कई टीमें बनाई है और कई जगह छापेमारी की गई है.