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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले राजनीति से प्रेरित: यूनुस

हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार पर घिरे बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने मुद्दे को बढ़ा चढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाया है. मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अटैक ‘सांप्रदायिक नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक’ हैं.

मोहम्मद यूनुस का बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका ने भी भारत के सामने हिंदुओं के अटैक पर चिंता जताई है. मोहम्मद यूनुस ने भारत में रह रहीं शेख हसीना को लेकर भी बड़ी बात कही है. मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि “शेख हसीना भारत में बैठकर ऊलजलूल बयान दे रही हैं, जिससे बांग्लादेश-भारत के संबंधों पर असर डाल रहा है.” 

हिंदुओं पर हमले सांप्रदायिक नहीं राजनीतिक: मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि “बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले सांप्रदायिक से कहीं ज्यादा राजनीतिक हैं. क्योंकि जो हमले हुए वो उस वक्त राजनीतिक हलचल के कारण हुए थे. क्योंकि ऐसी धारणा बनाई गई है कि ज्यादातर हिंदू अवामी लीग सरकार (शेख हसीना की पार्टी) का समर्थन करते थे.”

प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए मोहम्मद यूनुस ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कहा है कि यह बात बढ़ा-चढ़ाकर कही जा रही है. जब शेख हसीना और अवामी लीग के अत्याचारों के बाद देश में उथल-पुथल मची थी, तो उनके साथ खड़े लोगों को भी हमलों का सामना करना पड़ा. अब, अवामी लीग के कार्यकर्ताओं की पिटाई करते समय, प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं की भी पिटाई कर दी, क्योंकि ऐसा लोग सोचते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं का मतलब अवामी लीग समर्थक है. मेरे बयान का ये बिलकुल मतलब नहीं है कि जो हुआ वह सही है.” (बांग्लादेश के हिंदुओं पर हुई थी मोदी से चर्चा, अमेरिका ने स्वीकारा)

शेख हसीना फालतू की बयानबाजी न करें, मुंह पर ताला लगाएं: मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है, मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि दिल्ली में बैठकर शेख हसीना जिस तरह की राजनीतिक बयानबाजी कर रही हैं, वो सही नहीं है. भारत और बांग्लादेश के बीच सौहार्द बनाए रखने के लिए शेख हसीना को मुंह पर ताला लगाकर बैठना होगा. मोहम्मद यूनुस ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि बांग्लादेश भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है. 

मोहम्मद यूनुस ने कहा है “अगर भारत शेख हसीना को उनके बांग्लादेश प्रत्यर्पण तक रखना चाहता है तो इसके लिए शर्त यही है कि शेख हसीना को चुप रहना होगा. उन्हें राजनीतिक टिप्पणियों से बचना होगा.”

यूनुस ने शेख हसीना पर कहा कि “भारत में कोई भी उनके रुख से सहज नहीं है. वह भारत में हैं और कुछ भी ऐसे बयान देती रहती हैं जो कि समस्या पैदा करते हैं. अगर वह चुप रहती तो हम इसे भूल जाते. लेकिन भारत में बैठकर वह बोल रही हैं और निर्देश दे रही हैं. यह किसी को पसंद नहीं आ रहा.” (बांग्लादेश जैसे संकट से निपटने के लिए तैयार रहे सेना: राजनाथ)

भारत को अपना नैरेटिव बदलना होगा: मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि “बांग्लादेश भारत के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देता है लेकिन नई दिल्ली को उस नैरेटिव और सोच से आगे बढ़ाना चाहिए. भारत अवामी लीग को छोड़कर बाकी अन्य राजनीतिक दलों को इस्लामिक पार्टी के तौर पर देखता है. भारत सोचता है कि शेख हसीना के बिना बांग्लादेश एक तरह से अफगानिस्तान में बन जाएगा.”

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