पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में मदद करने वाले कई संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें चीनी शोध संस्थान भी हैं.
बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट भी बैन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पांच संस्थाओं और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है. अमेरिका के मुताबिक, “बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (आरआईएएमबी) को नामित किया गया है, जो सामूहिक विनाश (मास-ड्रेस्ट्रेकशन) के हथियारों और उनके वितरण के साधनों के प्रसारकों को लक्षित करता है.”
अमेरिकी विदेश विभाग ने मिसाइल प्रतिबंध कानून के तहत पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम से जुड़ी आपूर्ति करने के लिए एक चीनी रिसर्च इंस्टीट्यूट और कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, “विदेश विभाग बैलिस्टिक मिसाइलों और नियंत्रित मिसाइल उपकरणों और टेक्नोलॉजी के प्रसार में शामिल पांच संस्थाओं और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.’
चीन के आरआईएएमबी पर क्या हैं अमेरिका के आरोप
आरआईएएमबी, पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स के साथ काम कर रही थी. अमेरिका का मानना है कि यह पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास और उत्पादन में शामिल है. ये संस्था पाकिस्तान की शाहीन-3 और अबाबील समेत बड़े व्यास वाले रॉकेट मोटर्स की टेस्टिंग के लिए उपकरणों की खरीद में शामिल है.
आरआईएएमबी के अलावा अमेरिका मिसाइल प्रतिबंध कानूनों (यानी, आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट के तहत तीन पीआरसी (पीपुल्स रिपिब्लिक ऑफ चायना) आधारित संस्थाओं और एक शख्स सहित एक पाकिस्तानी संस्था पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. इन संस्थाओं में पीआरसी से जुड़ी फर्म हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज लिमिटेड और शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (उर्फ लोंटेक) हैं. पीआरसी से जुड़े शख्स लुओ डोंगमेई और पाकिस्तान आधारित संस्था इनोवेटिव इक्विपमेंट शामिल हैं.
ये कोई पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने चीन की कंपनियों पर बैन लगाया है. ,कुछ महीने पहले भी पाकिस्तान की मदद करने वाली कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया था. हालांकि ताजा बैन के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
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