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चीन की पलटी, कहा विरोधी न समझे

वायुसेना के 92वें स्थापना दिवस से ठीक पहले चीन ने फिर पलटी मारी है. चीन के सामरिक जानकारों ने कहा है कि भारत, चीन को ‘विरोधी’ न समझे.

चीन के सरकारी मीडिया ने अपने देश के जानकारों के हवाले से भारत को ये संदेश भेजा है. चीनी मीडिया की ये रिपोर्ट वायुसेना प्रमुख एपी सिंह के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने (एयर चीफ मार्शल) कहा था कि मिलिट्री टेक्नोलॉजी और हथियारों (और एयरक्राफ्ट) के निर्माण में भारत, चीन से ‘पिछड़’ रहा है.

हालांकि, चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने कहा था कि टेक्नोलॉजी और प्रोडक्शन में पिछड़ने के बावजूद वायुसेना, चीन की एयर-पावर से मुकाबला करने में सक्षम है.

वायुसेना प्रमुख ने ये बयान पिछले हफ्ते दिया था. दरअसल, स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए तेजस के मार्क-1ए वर्जन की सप्लाई में हो रही देरी पर एयर चीफ मार्शन ने चिंता जताई थी. सिंह ने ये जरूर दावा किया था कि वायुसेना ने चीन की क्षमताओं का ‘आंकलन’ कर रखा है. ऐसे में भारतीय वायुसेना, चीन पर भारी पड़ सकती है.

स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के मार्क-1ए वर्जन में एविएशन इंजन की सप्लाई के चलते हो रही देरी पर बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि अगर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) निर्माण में तेजी कर दे तो इस भरपाई की जा सकेगी.

अमेरिका से मार्क-1ए वर्जन में लगने वाले एफ-404 इंजन की सप्लाई में देरी हो रही है. इसके चलते एचएएल से सप्लाई में देरी हो रही है. हालांकि, एचएएल ने दावा किया है कि अगर एफ-404 इंजन की सप्लाई सुचारु हो जाती है तो हर साल 24 एयरक्राफ्ट का निर्माण किया जाएगा.

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि फिलहाल वायुसेना के पास मात्र 38 एलसीए मार्क-1 हैं. 83 मार्क-1ए की सप्लाई का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. इसके अलावा 97 अतिरिक्त मार्क-1ए के ऑर्डर की भी तैयारी है.

वायुसेना प्रमुख ने साफ तौर से कहा था कि सैन्य तकनीक के मामले में भारत, चीन से ‘पिछड़’ रहा है. ए पी सिंह ने साफ तौर से कहा कि सैन्य निर्माण में तो हम (भारत), चीन से ‘काफी पिछड़’ रहे हैं.

एयर फोर्स चीफ ने कहा कि वायुसेना की स्क्वाड्रन 30 से नीचे नहीं जानी चाहिए.

एयर चीफ मार्शल ने ये भी कहा था कि पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पहले की तरह ही बनी है–यानी नो वॉर, नो पीस की. वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि एलएसी के दूसरी तरफ चीन में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काफी तेजी से हो रहा है. लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि हमारी तरफ भी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) और दूसरे एयर बेस को काफी मजबूत बनाया जा रहा है.

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