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कश्मीर में जवान की अगवा कर हत्या, TA दिवस पर आई खबर


जम्मू कश्मीर में चुनाव नतीजे आने के साथ ही आतंकियों ने सेना को बड़ी चुनौती दी है. आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में टेरोटेरियल आर्मी (टीए) के एक स्थानीय जवान की अगवा करने के बाद हत्या कर दी है. टीए जवान का गोलियों से छलनी शव बुधवार को कोकरनाग के जंगलों से बरामद हुआ. बुधवार को ही टीए अपना 70वां स्थापना दिवस मना रही है.

भारतीय सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के मुताबिक, मंगलवार को कोकरनाग इलाके के काजवान जंगल में आतंकियों के खिलाफ एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था. सेना के मुताबिक, “एक पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट के बाद से ज्वाइंट काउंटर टेरेरिस्ट ऑपरेशन लॉन्च किया गया था.” जम्मू-कश्मीर पुलिस भी इस सर्च अभियान का हिस्सा थी.

जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान टेरोटेरियल-आर्मी से जुड़ा एक सैनिक अचानक गायब हो गया था. माना जा रहा है कि आतंकियों ने इस टीए सैनिक को अगवा कर लिया था. सेना और पुलिस ने रातभर सैनिक की तलाश में सर्च एंड रेस्क्यू मिशन शुरू किया.

रातभर तलाश करने के बाद बुधवार सुबह सैनिक का शव जंगल से बरामद किया गया. माना जा रहा है कि आतंकियों ने जवान को गोलियों से छलनी किया है. वीरगति को प्राप्त सैनिक की पहचान अनंतनाग के हिलाल अहमद भट्ट के तौर पर हुई है.

मंगलवार को ही जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए हैं. नतीजों में पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी को बहुमत प्राप्त हुआ है. केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हालांकि, कश्मीर घाटी में कोई सीट नहीं मिली है लेकिन जम्मू क्षेत्र में क्लीन स्वीप किया है.

खास बात ये है कि बुधवार को टेरोटेरियल आर्मी अपना 75वां स्थापना दिवस मना रही है. आज ही के दिन यानी 8 अक्टूबर 1948 को टीए की स्थापना की गई थी. टीए का आर्दश-वाक्य है सावधानी और शूरता. देश के पर्यावरण संरक्षण के लिए टीए की एक पूरी इकोलॉजिकल टास्क फोर्स (ईटीएफ) को खड़ा किया गया है.

काउंटर-टेररिज्म और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन के खिलाफ लड़ने वाली सेना की रेजिमेंट के साथ टीए बटालियन को भी लगाया जाता है जिसमें अमूमन स्थानीय युवक होते हैं. ये युवक आतंकियों के खिलाफ पुख्ता जानकारी इकठ्ठा करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

वर्ष 2018 में भी आतंकियों ने छुट्टी पर जा रहे राइफलमैन औरंगजेब को पुलवामा इलाके में अगवा कर हत्या कर दी थी. हालांकि, आतंकियों की कैद में बहादुर राइफलमैन औरंगजेब का एक वीडियो वायरल हुआ था उनके चेहरे पर जरा भी खौफ नजर नहीं आ रहा था.

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