बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के पवित्र दिनों में हिंदुओं और मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर विदेश मंत्रालय और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने जहां बांग्लादेश की सरकार से हिंदुओं के पवित्र-स्थलों को सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया है तो मोहन भागवत ने संगठित होकर मुकाबला करने का मंत्र दिया है.
पड़ोसी देश बांग्लादेश में अंतरिम सरकार हिंदुओं की सुरक्षा के चाहे कितने ही दुहाई दे पर सच्चाई एक बार फिर से सबके सामने है. राजधानी ढाका में 35 से ज्यादा दुर्गा पंडालों पर एक साथ हमला किया गया है ताकि हिंदुओं में डर पैदा किया जा सके. ढाका के तांती बाजार में तो हिंदुओं के दुर्गा पूजा पंडाल पर पेट्रोल बम से हमला किया गया है. बांग्लादेश के जेशोरेश्वरी मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी हो गया है. ये घटनाएं बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की पोल खोल रही हैं.
परन्तु ऐसी घटनाओं के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार को लेकर कहा है कि “दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए. व्यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर आप संगठित नहीं रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.”
हिंदुओं को पूरी दुनिया से मदद मिले: मोहन भागवत
विजयादशमी के मौके पर नागपुर में संघ मुख्यालय में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं के हमलों का मुद्दा उठाया है. मोहन भागवत ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला हो रहा है. वक्त की मांग यह है कि उन्हें न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया से मदद मिलनी चाहिए.”
बांग्लादेशी हिंदुओं की तारीफ करते हुए भागवत बोले, “बांग्लादेश में हुए उत्पात के कारण हिंदू समाज में जो अत्याचार हो रहे हैं, वो बार-बार दोहराए गए, सब हिंदू एक साथ आए इसलिए बांग्लादेश में बच गए. पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे. अगर हम कमजोर हैं, तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं. हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत है.”
अब युद्ध करने का तरीका बदल गया: मोहन भागवत
दुनिया में चल रहे संघर्ष को लेकर मोहन भागवत ने कहा कि “इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता पूरी दुनिया को है.” युद्ध में तकनीक के हो रहे बढ़ते चलन का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, “अब युद्ध करने का तरीका बदल गया है. अब पहले जैसा आपस में युद्ध करना आसान नहीं रह गया है. अब युद्ध को मंत्र विप्लव कहते हैं, हमारी परंपरा में इसे इसी नाम से जाना जाता है. उनको देश में भी अपने जैसे कई लोग मिल जाते हैं. समाज में यह टकराव बड़े बन गए तो किसी एक का पक्ष लेकर उनके पीछे खड़े रहने उनकी आड़ में अपनी पद्धतियां चलाते हैं. ये कोई छिपी हुई बात नहीं है. इसे लेकर पाश्चात्य देशों से कई पुस्तकें हैं, ये मैं अपने मन से नहीं कह रहा हूं. भारत के सीमावर्ती देशों में इसके चलते क्या-क्या हो रहा है ये हम देख सकते हैं.”
बांग्लादेश को भारत से खतरा, ये कौन फैला रहा है?: मोहन भागवत
मोहन भागवत ने डीप स्टेट, वोकिज़म, कल्चरल-मार्क्सिस्ट का भी जिक्र किया. भागवत ने कहा, ये सब घोषित शत्रु हैं, जो परंपराओं को नष्ट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि “बांग्लादेश में ऐसी चर्चाएं चलती हैं कि भारत से खतरा है इसलिए पाकिस्तान को साथ लेना है. भारत से बचने के लिए पाकिस्तान से मिलने की बात हो रही है. ये चर्चाएं कौन करा रहा है, ये किन-किन देशों के हित की बात है. कौन से देश भारत पर दबाव बनाना चाहते हैं, इसको बताने की आवश्यकता नहीं है. भारत आगे ना बढ़े ऐसा चाहने वाली शक्तियां भी हैं, वो तरह-तरह की चालें चलेंगे, अभी तक भारत को छोड़कर बाकी विश्व ने अपने स्वार्थ को छोड़कर बलि देने का मार्ग नहीं चुना. भारत बड़ा बनेगा तो स्वार्थ की दुकानें बंद हो जाएंगी.”
बांग्लादेश में नहीं रुक रहे हिंदुओं पर हमले
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता परिवर्तन के बाद से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है. अंतरिम सरकार के मुखिया के सामने पीएम मोदी और भारत ने कई बार हिंदुओं के अत्याचार का मुद्दा उठाया है. बावजूद इसके हिंदुओं पर हो रही हिंसा थम नहीं रही.
ढाका में 35 से अधिक दुर्गा पूजा पंडालों पर एक साथ हमला किया गया. पेट्रोल बम फेंक गए. कई मुस्लिम संगठनों ने हिंदुओं को दुर्गा पूजा नहीं करने की धमकी दी थी. ताजा हिंसा के मामले में बांग्लादेश पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और 12 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2021 में उपहार में दिया गया एक हस्तनिर्मित स्वर्ण मुकुट दुर्गा पूजा समारोह के दौरान चोरी कर लिया गया. बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी सतखीरा जिला स्थित जेशोरेश्वरी मंदिर से ये चोरी कर लिया गया. इस घटना पर भारत के विदेश मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की है.
विदेश मंत्रालय की तीखी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय ने ढाका के तांतीबाजार में पूजा मंडप में हमला और जेशोरेश्वरी मंदिर की चोरी को लेकर आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों से ये एक खास पैटर्न के जरिए ऐसी दुखद घटनाएं हो रही हैं.
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का आह्वान किया.
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