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पन्नू मामले में भारतीय टीम वाशिंगटन रवाना

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने की इन्वेस्टीगेशन में शामिल होने के लिए अब भारत की एक जांच कमेटी भी अमेरिका जा रही है. जांच के दौरान भारतीय दल अमेरिकी इन्वेस्टीगेशन टीम से पूर्व भारतीय सरकारी अधिकारी की संलिप्तता के बारे में जानकारी इकठ्ठा करेगी.

अमेरिकी विदेश विभाग (मंत्रालय) ने ये जानकारी अपने आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की थी. लेकिन कुछ समय बाद ही इस जानकारी को वेबसाइट से हटा दिया गया. जानकारी हटाने के कारण अभी तक साफ नहीं है.

भारत ने भी अभी तक ये साफ नहीं किया है कि भारतीय जांच दल 15 अक्टूबर यानी मंगलवार को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी जाएगा या नहीं.

अमेरिकी विदेश विभाग ने ये जरूर बताया था कि भारत से जो टीम वाशिंगटन आ रही है, वो संगठित अपराधियों (खालिस्तानी आतंकियों) के लिए गठित की गई थी. भारत की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) देश-विदेश में खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क को खंगालने और भंडाफोड़ करने में जुटी है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिकी जांच दल में एनआईए के अधिकारी शामिल हैं.

अमेरिकी न्यायिक विभाग (पुलिस) का आरोप है कि एक रिटायर्ड भारतीय अधिकारी ने चेक गणराज्य में रहने वाली एनआरआई निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या करवाने का काम सौंपा था. निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में रह रहे पन्नू को मारने के लिए एक शूटर को 100,000 अमेरिकी डॉलर देने की बात की. एडवांस के तौर पर 15 हजार डॉलर दे दिए गए थे. अमेरिका ने दावा किया है कि निखिल गुप्ता ने जिस शूटर को काम सौंपा था, वो एफबीआई का एजेंट था.

अमेरिकी एजेंसियों की खुफिया जानकारी के आधार पर निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसी साल चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता को अमेरिका को प्रत्यर्पित कर दिया था.

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले अमेरिका की एक अदालत ने पन्नू मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल को समन जारी कर दिया था. यही वजह है कि पीएम मोदी के साथ डोवल अमेरिका के दौरे पर नहीं गए थे.

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