रूस और यूक्रेन के बीच जिस तरह से भारत की मध्यस्थता करने की बात जोर पकड़ रही है, ठीक उसी तरह क्या इजरायल और ईरान के बीच पीएम मोदी एक अहम भूमिका निभा सकते हैं. ये कयास ब्रिक्स सम्मेलन से इतर, रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के बीच हुई मुलाकात के बाद लग रहे हैं.
कज़ान में ईरानी राष्ट्रपति और पीएम मोदी के बीच मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब मिडिल ईस्ट में भयंकर तनाव है. ईरान और इजरायल युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. ऐसे में पीएम मोदी और पेजेश्कियान के बीच हुई बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. पीएम मोदी और पुतिन की मित्रता की तरह ही, मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू भी परममित्र हैं. दोनों एक दूसरे को दोस्त कहकर पुकारते हैं. ऐसे में ईरान-इजरायल के तनाव को कम करने में पीएम मोदी की अहम भूमिका हो सकती है.
मोदी-पेजेश्कियान की मुलाकात, इजरायल पर बनेगी बात?
ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियान और पीएम मोदी के बीच कजान में द्विपक्षीय वार्ता हुई है. ईरान की सत्ता संभालने के बाद पहली बार पीएम मोदी और पेजेश्कियान के बीच मुलाकात हुई है. बैठक के दौरान, पीएम मोदी और पेजेश्कियान में मिडिल ईस्ट की मौजूदा स्थिति पर गंभीरता से बातचीत हुई. पीएम मोदी ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष पर चिंता व्यक्त करते हुए तनाव कम करने की भारत की अपील को दोहराया है. नागरिकों की सुरक्षा और कूटनीति की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने तनाव का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का आह्वान किया है.
ईरान के नए निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के साथ पीएम मोदी की मुलाक़ात में चाबहार पोर्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) को लेकर बात हुई जो कि क्षेत्रीय संपर्क और व्यापारिक साझेदारी के लिहाज से बहुत अहम है.
मिडिल ईस्ट में है तनाव, युद्ध के मुहाने पर ईरान-इजरायल
पीएम मोदी और पेजेश्कियान के बीच मीटिंग ऐसे वक्त में हुई है जब इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और हमास चीफ याह्या सिनवार का खात्मा किया है. इससे पहले राष्ट्रपति पेजेश्कियान के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने आए हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की ईरान में घुसकर मौत के घाट उतारा है.
इजरायल के एक के बाद एक ऑपरेशन के बाद ईरान ने भी इजरायल पर 200 से ज्यादा मिसाइलों से पलटवार किया और हाल ही में बेंजामिन नेतन्याहू को भी मारने की कोशिश की गई है. नेतन्याहू के घर पर ड्रोन अटैक किया गया था, जिसमें घर की खिड़की टूट गई और घर को भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि इजरायल ने अबतक ईरान पर पलटवार नहीं किया है, पर माना जा रहा है कि इजरायल जल्द ही एक्शन ले सकता है. (ईरान का इजरायल पर बैलिस्टिक अटैक, पलटवार का Countdown शुरु)
पीएम मोदी ने पेजेश्कियान को भारत आने का दिया न्योता
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेजेश्कियान को ईरान के 9वें राष्ट्रपति के रूप में उनके निर्वाचन पर बधाई दी और ईरान का ब्रिक्स परिवार में स्वागत किया है. ईरान को ब्रिक्स विस्तार की तरह शामिल किया गया है.
चाबहार पोर्ट पर दीर्घकालिक समझौते को द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानते हुए पीएम मोदी और पेजेश्कियान ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और मध्य एशिया के साथ व्यापार और आर्थिक संपर्क बढ़ाने में अहम बताया. अपनी द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने पेजेश्कियान को भारत आने का न्योता दिया है. बैठक के बाद जब ईरानी राष्ट्रपति मसूद से पीएम मोदी के साथ बातचीत के अनुभव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुलाकात को ‘बहुत अच्छा’ बताया. (अमेरिका की नई धमकी, अब चाबहार पोर्ट पर)
लेबनान और ईरान मांग रहा भारत से मदद
खाड़ी के तमाम देशों से भारत के संबंध बेहद मजबूत हैं. मिडिल ईस्ट के तनाव पर लेबनान हों या फिर ईरान दोनों ही भारत से शांति के लिए मध्यस्थता की बात कह रहे हैं. कुछ दिनों पहले लेबनान ने अपने राजदूत डॉ. रबी नरश और ईरान ने अपने राजदूत डॉ. इराज इलाही के जरिए भारत से मिडिल ईस्ट में युद्धविराम कराने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है.
दरअसल इजरायल और भारत में दशकों से दोस्ती है पर पिछले दस साल जबसे पीएम मोदी ने कमान संभाली है इजरायल के साथ दोस्ती और प्रगाढ हुई है. गाजा में इजरायली एक्शन पर भी भारत तटस्थ रहते हुए इजरायल के पक्ष में खड़ा है. वजह ये भी है कि रूस, फ्रांस और अमेरिका के बाद इजरायल ही भारत सबसे बड़ा सैन्य सप्लायर है और जरूरत के वक्त इजरायल हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है.
कारगिल की जंग इसका बड़ा उदाहरण है, जब पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर पाबंदियां लगीं थी, तब इजरायल ने किसी की परवाह किए बिना भारत को लेजर गाइडेड बमों के लिए लाइटनिंग पॉड की तत्काल आपूर्ति कर दी थी. इन पॉड को इजरायली इंजीनियर्स की मदद से भारत के मिराज 2000 फाइटर जेट में लगाया गया. जिसके बाद पाकिस्तान को भारत मात देने में कामयाब रहा था. हालांकि गाजा में युद्ध के दौरान जब इजरायल को हथियारों की जरूरत पड़ी तो भारत ने कर्ज उतारते हुए हथियारों और गोला बारूद इजरायल को पहुंचाए. (नेतन्याहू के घर ड्रोन अटैक, आरोप ईरान पर)
साल 2017 में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी इजरायल का दौरा करने वाले पहले भारतीय पीएम थे. यहां तक कि हाल ही 30 सितंबर को बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को कॉल करके अहम चर्चा की थी, जो कि इजरायल के प्लान ऑफ एक्शन से जुड़ी मानी जा रही है. ऐसे में लेबनान हों या फिर ईरान सभी को ये लगता है कि बेंजामिन नेतन्याहू को कोई रोक सकता है तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. लेबनानी राजदूत ने कहा था कि “भारत से अपील की कि वह इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर उनकी आक्रामक नीतियों को पुनर्विचार करने के लिए दबाव डाले ताकि इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकल सके.” (ईरान के यहूदी जासूस धरे गए, नेतन्याहू को मारने की थी साजिश)