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सेना LAC पर डटी रही, कूटनीति अड़ी रही

भारत अगर चीन को एलएसी पर डिसएंगेजमेंट और पेट्रोलिंग के लिए राजी कर पाया तो इसके पीछे भारतीय सेना का दृढ़ निश्चय और कूटनीति मुख्य कारण था. ये मानना है देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर का.

शनिवार को पुणे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हुए समझौते के पीछे एक बड़ा कारण ये था कि “हमारी सेना बेहद ही मुश्किल परिस्थितियों में अडिग रही और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डटी रही.”

विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ समझौते के लिए दूसरा बड़ा कारण था भारत की ‘कूटनीति’. जयशंकर ने कहा कि इन कारणों के चलते ही हम अपनी बात पर ‘अड़े’ रहे और पेट्रोलिंग का मुद्दा सुलझ सका.

सोमवार (21 अक्टूबर) को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर डिसएंगेजमेंट करार हुआ था, उसके बाद पिछले साढ़े चार साल से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर बंद पैट्रोलिंग को शुरू करने पर सहमति बन गई है.

गुरुवार को शुरू हुई डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया में डेप्सांग (डेप्संग) और डेमचोक, दोनों ही जगह भारत और चीन के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है. साथ ही दोनों देशों द्वारा आमने सामने लगाए गए टेंट और तंबूओं को हटाना भी शुरू कर दिया गया है. डेप्सांग प्लेन में चीनी सेना ने मिलिट्री व्हीकल्स के बीच में जो तंबू लगाए थे, उन्हें हटा लिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, डिसएंगेजमेंट के बाद स्थानीय चरवाहे अपनी भेड़-बकरियों को चराने के लिए एलएसी पर भी जा सकेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, विवादित डेप्सांग और डेमचोक इलाके में भारत और चीन के बीच शुरू हुई डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया इसी महीने की 28-29 तारीख (अक्टूबर) तक पूरी होने की संभावना है. इसके साथ ही दोनों देशों की सेनाएं महीने के आखिर से एलएसी पर पैट्रोलिंग करना भी शुरू कर देंगी.

भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया यानी दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के साथ ही मॉनिटरिंग और सर्विलांस भी शुरू हो जाएगा. इसे ड्रोन के जरिए पूरा किया जा सकेगा.

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना अपने पारंपरिक पैट्रोलिंग पॉइंट तक गश्त करेगी. इसके लिए पैट्रोलिंग टीम में सैनिकों की संख्या कितनी होगी, ये भी तय कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के स्थानीय मिलिट्री कमांडर से बात को तय करेंगे कि पैट्रोलिंग के दौरान फिर से फेस-ऑफ जैसी स्थिति ना बन जाए.

जानकारी के मुताबिक, फील्ड कमांडर बातचीत के दौरान ये भी सुनिश्चित करेंगे कि डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के दौरान सैनिकों के साथ-साथ हथियार, मिलिट्री व्हीकल्स और टेंट इत्यादि को भी पीछे खिसका लिए जाए. (मोदी Xi की पांच साल बाद मुलाकात, वैश्विक शांति में मिलेगी मदद)

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