मेरीटाइम सुरक्षा में भारत ने एक लंबी छलांग लगाते हुए समुद्री-ड्रोन का सफल परीक्षण किया है. एक भारतीय प्राईवेट कंपनी द्वारा तैयार किए गए ‘ऑटोनोमस सर्फस वैसल’ (समुद्री-ड्रोन) ने बिना किसी मानवीय सहायता के मुंबई से कारवार (कर्नाटक) तक का 600 किलोमीटर का सफर अकेले तय किया है. वो भी बिना किसी दूसरे जहाज से टकराए.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, ‘सागर डिफेंस इंजीनियरिंग’ (कंपनी) के ‘मातंगी’ ऑटोनोमस सरफेस वैसल को मंगलवार को राजधानी दिल्ली में वर्चूयली लॉन्च किया गया था. मौका था नौसेना के वार्षिक स्वावलम्बन कार्यक्रम का जिसमें खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे.
स्वावलंबन कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने मातंगी की मुंबई में ई-फ्लैगिंग की थी. नौसेना ने मातंगी के सफर को सागरमाला परिक्रमा का नाम दिया था. इसके तहत मातंगी को मुंबई से तूतीकोरिन तक का 1500 किलोमीटर का सफर समंदर में तय करना था.
इस समुद्री-यूएवी को हिंदू धर्म की देवी ‘मातंगी’ का नाम दिया गया है. मां सरस्वती का ही हरा (तांत्रिक) रूप माने जाने वाली मातंगी देवी के बारे में मान्यता है कि वे अपनी क्रीडा-कौशल और संगीत से पूरी दुनिया को अपने वश में कर लेती हैं.
नौसेना के मुताबिक, पहले चरण में मातंगी ने कारवार तक का सफर तय कर लिया है. अब आगे तूतीकोरिन तक का 1000 किलोमीटर का सफर पूरा करना बाकी है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1851636364468425036)
कारवार तक के सफर में मातंगी में स्वदेशी ‘नेविगेशन और कोलिजन एवोएडेंश’ सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया गया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान इस तरह के समुद्री-ड्रोन का जमकर इस्तेमाल किया गया है. यूक्रेन की नौसेना ब्लैक-सी और क्रीमिया में रूसी नौसेना के बंदरगाह पर जंगी जहाजों पर हमले के लिए इन ऑटोनोमस सरफेस वैसल का इस्तेमाल कर रही है.
भारतीय नौसेना के स्वावलंबन कार्यक्रम में स्वदेशी स्टार्टअप और एमएसएमई कंपनियों को मिलिट्री-टेक्नोलॉजी में इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. मातंगी इसी का नतीजा है.
Breaking News
Defence
Weapons
समुद्री-ड्रोन का सफल परीक्षण, नाम है मातंगी
- by Neeraj Rajput
- October 31, 2024
- Less than a minute
- 3 weeks ago