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हम Trump से नर्वस नहीं: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा है कि भले ही दुनिया के कई देश डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से ‘नवर्स’ में हैं लेकिन भारत ‘उनमें से नहीं’ हैं. जयशंकर का इशारा यूक्रेन से लेकर यूरोप और ईरान की तरफ था.

मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों से घनिष्ठ संबंध हैं. विदेश मंत्री ने बताया कि जिस दिन ट्रंप ने चुनाव जीता था, उस दिन पीएम मोदी उन पहले तीन राष्ट्राध्यक्षों में से थे जिन्होंने ट्रंप से फोन पर बात की थी.

दरअसल, ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद ही फ्रांस और दूसरे यूरोपीय देशों को डर सताने लगा है कि क्या अब अमेरिका नाटो का सदस्य रहेगा भी या नहीं. क्योंकि अपने पिछले कार्यकाल (2016-20) में ट्रंप ने यूरोपीय देशों को अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के लिए नाटो में फंड बढ़ाने की चेतावनी दी थी. (एक बार फिर Trump सरकार, मोदी मजबूत संबंधों को लेकर आश्वस्त)

साथ ही यूक्रेन को भी इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ट्रंप रूस के खिलाफ जंग में हथियारों की सप्लाई और फंडिंग बंद ना कर दे. क्योंकि पिछले ढाई सालों में अमेरिका ने यूक्रेन को जंग लड़ने के लिए करीब 175 बिलियन डॉलर की मदद की है. इनमें से 70 बिलियन डॉलर अकेले हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामान पर खर्च किए गए हैं.

ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में साफ कर दिया था कि राष्ट्रपति बनते ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को दी जाने वाली फंडिंग तुरंत बंद कर दी जाएगी. साथ ही एक दिन के भीतर रूस-यूक्रेन जंग बंद करने का भी दावा किया है.

गौरतलब है कि शनिवार को ही ट्रंप के एक इलेक्शन एडवाइजर ने ये कहकर सभी को चौंका दिया था कि जेलेंस्की को अब युद्ध जीतने के बजाए शांति के विकल्प पर सोचना चाहिए. साथ ही ये भी कहा था कि जेलेंस्की को ये समझ लेना चाहिए कि क्रीमिया अब यूक्रेन के हाथ से निकल गया है. (Crimea का मोह छोड़े जेलेंस्की, ट्रंप के एडवाइजर की सलाह)

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