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बांग्लादेश की मारी गई मति, ISKCON को आतंकी संगठन बताया

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत पड़ोसी देश बांग्लादेश पर सटीक बैठ रही है. क्योंकि हिंदुओं पर होने वाले हमलों को नाकाम कर पाने वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की सोच किस कदर हिंदू विरोधी है, इसकी बानगी देखने को मिली है. खुद हिंसा रोकने में नाकाम बांग्लादेश पुलिस ने हिंसा फैलाने के पीछे इस्कॉन पर आरोप मढ़ा है. बांग्लादेश ने दुनिया भर में लोकप्रिय इस्कॉन (‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस’) को ‘आतंकी; संगठन बताया है. 

बांग्लादेश पुलिस ने दावा किया है कि बांग्लादेश में हिंसा फैलाने के पीछे इस्कॉन का हाथ है. इससे पहले भी बांग्लादेश ने इस्कॉन के वरिष्ठ प्रचारक चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ केस दर्ज किया था. बांग्लादेश के इस कदम के बाद लोगों में गुस्सा है. 

पाकिस्तान की राह पर चला बांग्लादेश

दुनियाभर में बांग्लादेश के अंदर रह रहे हिंदुओं की हिंसा को लेकर जिस तरह से मोहम्मद यूनुस की सरकार घिरी हुई है, अब उसके एक और कदम से किरकिरी होना तय है. बांग्लादेश की पुलिस और सेना के इंटेलिजेंस विभाग ने सोशल मीडिया पोस्ट को आधार बनाते हुए दावा किया है इस्कॉन हिंसा को बढ़ावा दे रहा हैं. बांग्लादेश पुलिस ने कहा है कि इस्कॉन के लोग वहां के धार्मिक स्थलों पर अटैक कर रहे हैं और अटैक करते समय ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं.  

पिछले सप्ताह मुस्लिम कट्टरपंथियों ने निकाली रैली

बांग्लादेश के शहर चटगांव में कट्टर इस्लामिक संगठन ‘हिफाजत-ए-इस्लाम’ ने पिछले हफ्ते इस्कॉन के खिलाफ एक विशाल रैली निकाली थी. रैली में इस्कॉन के खिलाफ जहरीले बोल बोले गए थे. साथ है इस्कॉन के भक्तों को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी.  हिफाजत-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों ने इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग करते हुए अंतरिम सरकार को धमकाया था. (https://x.com/taslimanasreen/status/1855201415305527311)

बांग्लादेश में इस्कॉन पर क्यों शुरु हुआ विवाद

दरअसल बांग्लादेश में इस्कॉन के खिलाफ एक विवादित टिप्पणी के बाद संकट गहराया है. एक मुस्लिम व्यापारी ने इस्कॉन को आतंकवादी संगठन बताकर विवाद खड़ा किया. मुस्लिम व्यापारी उस्मान ने अपने पोस्ट में इस्कॉन के खिलाफ अनाप-शनाप लिखा तो हिंदू भड़क गए. 5 नवंबर को चटगांव के हजारी लेन में उस्मान के खिलाफ हिंदुओं ने प्रदर्शन किया. ये घटना जिस हजारी लेन में हुई, वहां 90 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है. प्रदर्शनकारियों को काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया गया. जिसमें बाद हालात और बिगड़ गए. 

इस घटना में 12 पुलिसकर्मी और कई लोग घायल हो गए. बाद में बांग्लादेश की पुलिस पर ये आरोप है कि उन्होंने रात में अचानक हिंदुओं के इलाके हजारीलेन पहुंचे और हिंदुओं को खूब पीटा. इस मामले में इस्कॉन पर आरोप लगाए गए हालांकि इस्कॉन ने साफ तौर पर कहा है कि इस घटना में उनके ऑर्गनाइजेशन का कोई हाथ नहीं है. 

वैश्विक मंच पर मोहम्मद यूनुस पर पड़ रहा दबाव

बांग्लादेश में अगस्त से जो कुछ भी हुआ, पूरी दुनिया जानती है. अब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के आने से बांग्लादेश हक्का बक्का रह गया है क्योंकि मोहम्मद यूनुस को कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने की उम्मीद थी. क्योंकि शेख हसीना के तख्तापलट की प्लानिंग और साजिश रचने के पीछे सीधे-सीधे तौर से अमेरिका (बाइडेन प्रशासन) का हाथ बताया जा रहा था. पर अब ट्रंप के चुनाव जीतने से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की सारे मंसूबों पर पानी फिर गया है. अमेरिका में चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति चिंता जताई थी. जिसका मतलब साफ है ट्रंप, यूनुस सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं. इसके अलावा, अवामी लीग ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. ऐसे में अगर शिकायत स्वीकार होती है तो मोहम्मद यूनुस और अंतरिम सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएगी. 

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