रस्सी जल गई पर बल नहीं गया. कुछ यही हाल कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का है. जी-20 की बैठक में ग्रुप फोटो में ज्यादा महत्व ना दिए जाने की चर्चा थी ही कि अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा की मीडियो को जमकर सुनाया और उनकी रिपोर्ट को हास्यास्पद करार दिया है.
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडाई मीडिया ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी को निज्जर की हत्या की साजिश की जानकारी थी. इस रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने पलटवार किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रिपोर्ट बेबुनियाद और ‘हास्यास्पद’ है.
कनाडाई अखबार का हास्यास्पद बयान: रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि “हम आम तौर पर मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते हैं. हालांकि, कनाडाई सरकार के एक सूत्र द्वारा कथित तौर पर अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उसी अवमानना के साथ खारिज किया जाना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं.” रणधीर जायसवाल ने कहा, “इस तरह के बदनाम करने वाले कैंपेन हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं.” (https://x.com/MEAIndia/status/1859279623969702313)
“मोदी-जयशंकर-डोवल जानते थे निज्जर हत्या की साजिश”
एक अज्ञात कनाडाई राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी का हवाला देते हुए दावा किया गया कि कथित निज्जर की हत्या की साजिश केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रची थी. और उन्होंने पीएम मोदी के अलावा एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोवल को साजिश के बारे में बताया था. हालांकि अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि “कनाडा के पास इस बात का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है कि पीएम मोदी को इसकी जानकारी थी. यह अकल्पनीय होगा कि भारत में तीन सीनियर राजनीतिक हस्तियों ने आगे बढ़ने से पहले पीएम मोदी के साथ टार्गेटेड हत्याओं पर चर्चा नहीं की होगी.”
ये पहली बार है जब इस घटना के सिलसिले में सीधे तौर पर पीएम मोदी, एस जयशंकर और अजित डोवल पर आरोप लगाए गए हैं.
वोटबैंक की राजनीति, ट्रूडो ने भारत से लिया पंगा
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल जून में कनाडा के सरे में गोलीमारकर हत्या कर दी गई थी. पहले तो कनाडाई पीएम ने हत्या के पीछे भारतीय एजेंट का हाथ बताया. भारत ने सबूत मांगे तो कहा सबूत हैं नहीं. पिछले महीने ट्रूडो ने सीधे-सीधे भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत कुछ राजनयिकों को हत्या के पीछे बता दिया. जिसके बाद भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया है. भारत ने ना सिर्फ अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया बल्कि भारत से कनाडाई राजनयिकों को भी देश निकाला दे दिया. भारत-कनाडा के बीच संबंध पहले से तनावपूर्ण है और अब मीडिया का सहारा लेकर बेबुनियाद मुद्दों को हवा दी जा रही है.